नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस के मौके पर जहां एक ओर दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी ने शहीदों को नमन किया और लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें याद किया. लेकिन दूसरी ओर कानपुर के बिकरू कांड में शहीद हुए आठ पुलिसकर्मियों को भुला दिया गया. बिकरू कांड में शहीद हुए राहुल कुमार के पिता ने कहा कि बेटे के शहीद होने के बाद ये पहला गणतंत्र दिवस था. लेकिन पुलिस विभाग ने उनके प्रति बेरुखी दिखाई.
बिकरू कांड के किसी शहीद को नहीं मिला सम्मान
गाजियाबाद के मोदीनगर के रहने वाले राहुल कुमार के माता-पिता ने उनकी वर्दी और तस्वीर संजो कर रखी है. जो उनके बेटे की शहादत को याद दिला देती है. लेकिन गणतंत्र दिवस के दिन पुलिस विभाग की बेरुखी उन्हें बेहद चुभ रही है. उनके पिता का कहना है कि डीजीपी ने 26 जनवरी के दिन पुलिस पदक दिए जाने वाले लोगों की लिस्ट जारी की. लेकिन इसमें बिकरू कांड के एक भी शहीद का नाम नहीं है.
कानपुर के डीआईजी की गलती
शहीद के पिता का कहना है कि इसमें सबसे बड़ी गलती कानपुर के डीआईजी की है. उन्होंने पदक के लिए अपना नाम तो भेज दिया, लेकिन एक भी शहीदों का नाम नहीं भेजा. शहीद राहुल कुमार के पिता यूपी सरकार की कार्रवाई से संतुष्ट हैं. उनका कहना है कि सरकार ने इस मामले पर जो कहा था वो कर दिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिकायत का कोई मौका नहीं दिया है. लेकिन उनके खुद के पुलिस विभाग ने लापरवाही बरती है.
बहरहाल ये भूल है या लापरवाही. ये तो विभाग ही बता सकता है. लेकिन, इन जाबांज शहीद पुलिसकर्मियों को गणतंत्र दिवस के दिन भुला देना निश्चित ही कुछ सवाल खड़े कर रहा है.