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कोरोना से मौत के बाद लाश की राख से कीमती चीजें तलाशते हैं लोग

गाजियाबाद में विद्युत शवदाह गृह के इंचार्ज मनोज प्रभात ने कुछ ऐसी बातें बताई हैं, जो झकझोर कर रख देने वाली हैं. मनोज ने बताया कि कोरोना से मौत के बाद मृतक के परिजन अंतिम संस्कार क्रिया से भी दूर भागने की कोशिश करते हैं. वहीं अंतिम संस्कार के बाद कीमती वस्तुओं के लिए राख भी टटोलते हैं.

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Published : Jun 20, 2020, 1:18 PM IST

people search valuable things from the ashes of dead body
गाजियाबाद विद्युत शवदाह गृह

नई दिल्ली/गाजियाबादः कोरोना काल में मौत के बाद अपनों के बीच दूरियां बढ़ रही हैं. गाजियाबाद में विद्युत शवदाहगृह इंचार्ज मनोज प्रभात ने कुछ ऐसी बातें बताई हैं, जो झकझोर कर रख देने वाली हैं. मनोज के मुताबिक कोरोना से मौत के बाद मृतक के परिजन अंतिम संस्कार क्रिया से भी दूर भागने की कोशिश करते हैं.

लाश की राख से कीमती चीजें तलाशते हैं लोग

ज्यादातर मामलों में परिजन लाश के करीब भी नहीं आ रहे हैं. ऐसे में मोक्ष स्थली के कर्मचारियों को ही अंतिम संस्कार करवाना पड़ रहा है. एक और हैरत की बात सामने आई है. कुछ मामलों में ये पाया गया है कि परिजन लाश के पास भले ही ना आएं हों, लेकिन लाश पर मौजूद सोने के गहने लेने के लिए मृत शरीर की राख को भी टटोल रहे हैं.

'सोने के कड़े की राख में तलाश'

एक मामले में तो ऐसा पाया गया कि मृतक के शरीर पर जो सोने का कड़ा था, उसे पाने के लिए परिजन शव दाह गृह के पास ही खड़े रहे. जब मृतक शरीर राख में तब्दील हो गया, तो उसमें से सोने का कड़ा निकाल कर ले गए.

जबकि यही परिजन लाश के पास जाने से मना कर रहे थे. क्या इसे कोरोना से रिश्तो में आई दूरियां कहें या फिर मजबूरी. इस सवाल का जवाब तो नहीं है. लेकिन ये सब सामाजिक तौर पर काफी झकझोर देने वाला है.

सैनिटाइजेशन के साथ पैक होकर आती है लाश

शवदाह गृह के इंचार्ज का कहना है कि मोक्ष स्थली पर जब लाश आती है, तो वह 2 लेयर में पैक होती है. सैनिटाइजेशन के साथ उसे पैक किया जाता है. मृतक के शरीर पर क्या कुछ चीजें हैं, उसका पता नहीं लग सकता है. इसलिए लोग राख के ढेर से ही वह सामान निकालते हैं, जो लाश पर मौजूद होता है.

नई दिल्ली/गाजियाबादः कोरोना काल में मौत के बाद अपनों के बीच दूरियां बढ़ रही हैं. गाजियाबाद में विद्युत शवदाहगृह इंचार्ज मनोज प्रभात ने कुछ ऐसी बातें बताई हैं, जो झकझोर कर रख देने वाली हैं. मनोज के मुताबिक कोरोना से मौत के बाद मृतक के परिजन अंतिम संस्कार क्रिया से भी दूर भागने की कोशिश करते हैं.

लाश की राख से कीमती चीजें तलाशते हैं लोग

ज्यादातर मामलों में परिजन लाश के करीब भी नहीं आ रहे हैं. ऐसे में मोक्ष स्थली के कर्मचारियों को ही अंतिम संस्कार करवाना पड़ रहा है. एक और हैरत की बात सामने आई है. कुछ मामलों में ये पाया गया है कि परिजन लाश के पास भले ही ना आएं हों, लेकिन लाश पर मौजूद सोने के गहने लेने के लिए मृत शरीर की राख को भी टटोल रहे हैं.

'सोने के कड़े की राख में तलाश'

एक मामले में तो ऐसा पाया गया कि मृतक के शरीर पर जो सोने का कड़ा था, उसे पाने के लिए परिजन शव दाह गृह के पास ही खड़े रहे. जब मृतक शरीर राख में तब्दील हो गया, तो उसमें से सोने का कड़ा निकाल कर ले गए.

जबकि यही परिजन लाश के पास जाने से मना कर रहे थे. क्या इसे कोरोना से रिश्तो में आई दूरियां कहें या फिर मजबूरी. इस सवाल का जवाब तो नहीं है. लेकिन ये सब सामाजिक तौर पर काफी झकझोर देने वाला है.

सैनिटाइजेशन के साथ पैक होकर आती है लाश

शवदाह गृह के इंचार्ज का कहना है कि मोक्ष स्थली पर जब लाश आती है, तो वह 2 लेयर में पैक होती है. सैनिटाइजेशन के साथ उसे पैक किया जाता है. मृतक के शरीर पर क्या कुछ चीजें हैं, उसका पता नहीं लग सकता है. इसलिए लोग राख के ढेर से ही वह सामान निकालते हैं, जो लाश पर मौजूद होता है.

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