नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद में स्कूली छात्र छात्राओं के सिलेबस और बाल दिवस (children Day) के कार्यक्रम पर इस बार प्रदूषण ने अटैक किया है. जी हां, गाजियाबाद के अधिकतर पेरेंट्स अपने बच्चों को प्रदूषण के चलते स्कूल भेजने से डर रहे हैं. रोड पर फैला हुआ प्रदूषण का जहर बच्चों की आंखों में जलन और गले में खराश जैसी परेशानियां पैदा कर रहा है. यही वजह है कि पेटेंट्स बाल दिवस पर भी बच्चों को घर से बाहर जाने से रोकने के लिए मजबूर हैं. अधिकतर स्कूलों में भी बाल दिवस का कोई खास कार्यक्रम प्रदूषण की वजह से नहीं हुआ.
गाजियाबाद के रहने वाले 12वीं क्लास के स्टूडेंट कार्तिक शर्मा (Student Karthik Sharma) का कहना है कि फिलहाल मम्मी पापा ने स्कूल की छुट्टी करवा दी है. बाहर निकलते ही प्रदूषण के अटैक का खतरा है. पहले कोरोना की वजह से सिलेबस पर बुरा असर पड़ा था. अब प्रदूषण की वजह से बोर्ड के एग्जाम की तैयारी में दिक्कत आ रही है.
इसे भी पढ़ें: अस्थमा के मरीजों के लिए बेहद खतरनाक है प्रदूषण, ऐसे बरतें एहतियात
बच्चों के पेरेंट्स के मन में ये डर होना लाजमी है, क्योंकि डॉक्टर भी बता रहे हैं कि इस प्रदूषित आबोहवा में सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को है. इस हवा में अधिक सांस लेने से सांस की नली में सूजन आ सकती है. पिछले साल कोरोना ने बाल दिवस को फीका कर दिया था, तो इस बार प्रदूषण ने बच्चों की निराशा बढ़ा दी है.
दिवाली से पहले ही प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा था, लेकिन दिवाली पर पटाखे जलाए गए, जिससे प्रदूषण और बढ़ गय. उसके बावजूद भी तमाम इंतजाम उतने पुख्ता नजर नहीं आए, जिससे प्रदूषण कम हो पाए.