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वट अमावस्या पर की अपील, बड़ के पेड़ों को न पहुंचाएं नुकसान - बड़ अमावस्य पेड़ों को ना काटे

10 जून को मनाए जाने वाले बड़ अमावस्य के त्योहार को लेकर मोदीनगर के बच्चों और पहल एक प्रयास संस्था के सदस्यों ने सभी माताओं-बहनों से इस त्योहार बड़ के पेड़ की टहनी न तोड़ने की अपील की.

do not cut bad trees
बड़ के पेड़ों को ना काटे
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Published : Jun 10, 2021, 3:05 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: हिंदू धर्म में ज्‍येष्‍ठ मास को धार्मिक दृष्टि से बहुत ही महत्‍वपूर्ण माना जाता है. ज्‍येष्‍ठ मास की अमावस्‍या को बड़ या वट अमावस्‍या कहते हैं. बड़ अमावस्‍या पर सुहागिनें वट सावित्री व्रत रखती हैं और विधि-विधान से वट वृक्ष की पूजा करके अपने पति की दीर्घायु की कामना करती हैं. इस साल बड़ अमावस्‍या का त्योहार 10 जून को मनाया जा रहा है. छोटे-छोटे बच्चों और पहल एक प्रयास संस्था ने माताओं-बहनों से इस त्योहार पर बड़ के पेड़ों को नुकसान न पहुंचाने की अपील की है.

घर पर लगाएं बड़ के पेड़

बड़ अमावस्या के त्योहार को लेकर पहल एक प्रयास संस्था सदस्य कशिश वर्मा ने अपनी माताओं-बहनों से अपील की है कि बड़ अमावस्या के दिन पेड़ की टहनियों को न तोड़कर बड़ का पेड़ लगाना चाहिए. साथ ही एक और संस्था सदस्य मनोज जैन का कहना है कि बड़ अमावस्या के अवसर पर जो लोग पेड़ों के पास नहीं जा पाते हैं. वे पेड़ अपने घरों में लगाएं और उसकी पूजा करें, जिससे आस्था के साथ ही पर्यावरण भी बचा रहे.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: हिंदू धर्म में ज्‍येष्‍ठ मास को धार्मिक दृष्टि से बहुत ही महत्‍वपूर्ण माना जाता है. ज्‍येष्‍ठ मास की अमावस्‍या को बड़ या वट अमावस्‍या कहते हैं. बड़ अमावस्‍या पर सुहागिनें वट सावित्री व्रत रखती हैं और विधि-विधान से वट वृक्ष की पूजा करके अपने पति की दीर्घायु की कामना करती हैं. इस साल बड़ अमावस्‍या का त्योहार 10 जून को मनाया जा रहा है. छोटे-छोटे बच्चों और पहल एक प्रयास संस्था ने माताओं-बहनों से इस त्योहार पर बड़ के पेड़ों को नुकसान न पहुंचाने की अपील की है.

घर पर लगाएं बड़ के पेड़

बड़ अमावस्या के त्योहार को लेकर पहल एक प्रयास संस्था सदस्य कशिश वर्मा ने अपनी माताओं-बहनों से अपील की है कि बड़ अमावस्या के दिन पेड़ की टहनियों को न तोड़कर बड़ का पेड़ लगाना चाहिए. साथ ही एक और संस्था सदस्य मनोज जैन का कहना है कि बड़ अमावस्या के अवसर पर जो लोग पेड़ों के पास नहीं जा पाते हैं. वे पेड़ अपने घरों में लगाएं और उसकी पूजा करें, जिससे आस्था के साथ ही पर्यावरण भी बचा रहे.

इस बड़ अमावस्या पर बड़ के पेड़ों को न पहुंचाएं नुकसान.

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