नई दिल्ली: इंदिरापुरम के शक्ति खंड-चार में डाले जा रहे कूड़े को न हटाने पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने नगर निगम और गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) पर 200 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. जुर्माने की रकम में नगर निगम को 150 करोड़ रुपए, जीडीए को 50 करोड़ रुपए 2 माह के अंदर जिलाधिकारी को जमा करना है. साथ ही दोनों एजेंसियों को 6 महीने के अंदर शक्ति खंड 4 से कूड़ा निस्तारित करने का आदेश दिया गया है.
कंफेडरेशन आफ ट्रांस हिडन आरडब्ल्यूए गाजियाबाद की ओर से 2018 में एनजीटी में याचिका दायर की गई थी. संस्था के पदाधिकारी कुलदीप सक्सेना का कहना है कि शक्ति खंड-चार के खाली प्लाट पर कूड़ा डालने के बाद आए दिन उसमें आग लगा दी जाती थी. इससे उठने वाला धुआं और दुर्गंध कालोनियों व बहुमंजिला इमारतों के फ्लैटों में जाता था, जिससे लोगों का दम घुटता था. दर्जनों बार प्रदर्शन किया, अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों से शिकायत की थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.
इसके बाद एनजीटी में याचिका दायर की गई थी. 27 अक्टूबर 2021 एनजीटी ने नगर निगम पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. यह जुर्माना केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) में जमा करना था लेकिन जमा नहीं किया गया। एनजीटी में नगर निगम के अधिकारियों ने कहा था कि इंदिरापुरम से कूड़े को गालंद में शिफ्ट किया जाएगा लेकिन अभी तक कूड़ा शिफ्ट नहीं हुआ है. शक्ति खंड चार में नगर निगम की ओर से कूड़ा निस्तारण के लिए बायोरेमेडिएशन प्लांट लगाया गया है. हालांकि जितना कूड़ा निस्तारित होता है. उससे ज्याादा कूड़ा नियमित यहां पर आता है.
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