नई दिल्ली/गाजियाबाद : गाजियाबाद में आगामी 14 मई को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन होना है. इसे लेकर जिला न्यायालय परिसर के सभागार में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से प्रेस वार्ता आयोजित की गई. प्रेसवार्ता में बताया गया कि राष्ट्रीय लोक अदालत को लेकर हजारों केस रजिस्टर्ड हो चुके हैं. लोक अदालत में अधिवक्ता एवं वकील पर होने वाला खर्च नहीं लगता है.
वहीं, दूसरी ओर न्यायालय शुल्क भी नहीं लगता है. पक्षकारों के मध्य उत्पन्न हुए विवादों का निपटारा आपसी सहमति और सुलह से हो जाता है. यहां तक कि पुराने मुकदमों में लगा न्यायालय शुल्क वापस मिल जाता है. किसी भी पक्षकार को दंडित नहीं किया जाता. लोक अदालत द्वारा पक्षकारों को न्याय आसानी से मिल जाता है. लोक अदालत का अवार्ड अंतिम होता है, जिसके खिलाफ किसी न्यायालय में अपील नहीं होती.
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दीवानी संबंधी मामले, वैवाहिक एवं पारिवारिक झगड़े, दाखिल खारिज, भूमि के पट्टे, बेगार श्रम संबंधित मामले, शमनीय प्रकृति के फौजदारी मामले, बैंक ऋण संबंधित मामले, राजस्व संबंधी मामले, वन भूमि संबंधी मामले, भूमि अर्जन से संबंधित मामले, मोटर वाहन दुर्घटना मुआवजा संबंधित दावे आदि का निराकरण राष्ट्रीय लोक अदालत में संभव होता है. जिला न्यायाधीश ने अधिकारियों से आह्वान किया है कि राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने के लिए अधिकारी अपने-अपने स्तर पर अधिक से अधिक निरंतर प्रचार-प्रसार करें. जिससे कि लोग राष्ट्रीय लोक अदालत का अधिकतम लाभ उठाकर अपने वादों का निस्तारण सुनिश्चित करा सकेंगे.
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