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गुरनाम सिंह चढूनी ने किसानों के साथ किया घेराव, मुआवजे की मांग - आवास विकास दफ्तर घेरा

गाजियाबाद में मंडोला गांव (Mandola village) के किसानों ने बुधवार को आवास विकास दफ्तर (Housing Development Office) का घेराव किया. किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी (Gurnam Singh Chaduni) समेत सैकड़ों किसान आवास विकास दफ्तर पर तालाबंदी के लिए पहुंचे. किसानों ने अपनी जमीन का उचित मुआवजा (Land Compensation) देने की मांग रखी.

Mandola village Farmers protesting  in housing development office
धरना
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Published : Jun 23, 2021, 4:39 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद में मंडोला गांव (Mandola Village) के किसानों (Farmers) ने ट्रॉनिका सिटी स्थित आवास विकास दफ्तर (Housing Development Office) का घेराव किया. भारी संख्या में यहां पर किसान पहुंच गए और धरना भी शुरू कर दिया.

दफ्तर पर तालाबंदी के लिए पहुंचे

किसानों का आरोप है कि वे पिछले कई सालों से मंडोला आवास योजना (Mandola Housing Scheme) के तहत ली गई उनकी जमीन के उचित मुआवजे की मांग (land compensation) कर रहे हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हुई है. इसी के चलते आज भारी संख्या में किसान आवास विकास के दफ्तर पर तालाबंदी के लिए पहुंचे थे.

मंडोला के किसानों के साथ गुरनाम सिंह चढूनी ने आवास विकास दफ्तर घेरा

ये भी पढ़ें-किसानों की गुहार- धान की खेती के लिए जल्द कोई योजना बनाए सरकार

हालांकि मौके पर पहुंचे प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों ने किसानों को समझाया. किसानों के बड़े नेता गुरनाम सिंह चढूनी (Gurnam Singh Chaduni) भी इस धरने पर पहुंचे. अधिकारियों ने किसानों को आश्वासन दिया कि परसों उनकी मांग के बारे में डीएम को अवगत कराकर समाधान निकालने का प्रयास किया जाएगा.

नए डीएम निकालेंगे समाधान

मौके पर पहुंचे एडीएम सिटी शैलेंद्र सिंह का कहना है कि हाल ही में नए डीएम साहब ने ज्वाइन किया है. उनके सामने पूरी समस्या रख दी गई है. इसलिए परसों का वक्त तय किया गया है. किसानों की वार्ता भी डीएम साहब से करवाई जाएगी, जिसमें कोई न कोई समाधान निकलने की उम्मीद है. जहां तक मुआवजे की बात है, तो यह सरकार की तरफ से लिया जाने वाला निर्णय है और साथ ही मामला कोर्ट में भी है.

ये भी पढ़ें-राकेश टिकैत बोले- सरकार ने कृषि कानूनों से कॉरपोरेट्स को लूट का रास्ता दिया

इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर समस्या का समाधान निकालना जरूरी होगा. किसानों को समझाया गया है कि वह किसी भी तरह का प्रदर्शन फिलहाल न करें, क्योंकि हम सभी को मिलकर कोरोना प्रोटोकॉल का भी ध्यान रखना है.

नहीं की गई तालाबंदी

तालाबंदी के इरादे से पहुंचे किसानों को समझाया गया तो वह बात मान गए. उन्होंने तालाबंदी नहीं की. पिछली बार किए गए प्रदर्शन के दौरान उन्होंने आवास विकास के दफ्तर में तालाबंदी कर के काम रोक दिया था. देखना यह होगा कि अब एक बार फिर से मिले आश्वासन के बाद किसान कितने संतुष्ट हो पाते हैं.

ये भी पढ़ें : राकेश टिकैत बोले- देश बचाने के लिए सरहद पर टैंक, खेत में ट्रैक्टर और युवाओं के हाथ में ट्विटर जरूरी

नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद में मंडोला गांव (Mandola Village) के किसानों (Farmers) ने ट्रॉनिका सिटी स्थित आवास विकास दफ्तर (Housing Development Office) का घेराव किया. भारी संख्या में यहां पर किसान पहुंच गए और धरना भी शुरू कर दिया.

दफ्तर पर तालाबंदी के लिए पहुंचे

किसानों का आरोप है कि वे पिछले कई सालों से मंडोला आवास योजना (Mandola Housing Scheme) के तहत ली गई उनकी जमीन के उचित मुआवजे की मांग (land compensation) कर रहे हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हुई है. इसी के चलते आज भारी संख्या में किसान आवास विकास के दफ्तर पर तालाबंदी के लिए पहुंचे थे.

मंडोला के किसानों के साथ गुरनाम सिंह चढूनी ने आवास विकास दफ्तर घेरा

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हालांकि मौके पर पहुंचे प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों ने किसानों को समझाया. किसानों के बड़े नेता गुरनाम सिंह चढूनी (Gurnam Singh Chaduni) भी इस धरने पर पहुंचे. अधिकारियों ने किसानों को आश्वासन दिया कि परसों उनकी मांग के बारे में डीएम को अवगत कराकर समाधान निकालने का प्रयास किया जाएगा.

नए डीएम निकालेंगे समाधान

मौके पर पहुंचे एडीएम सिटी शैलेंद्र सिंह का कहना है कि हाल ही में नए डीएम साहब ने ज्वाइन किया है. उनके सामने पूरी समस्या रख दी गई है. इसलिए परसों का वक्त तय किया गया है. किसानों की वार्ता भी डीएम साहब से करवाई जाएगी, जिसमें कोई न कोई समाधान निकलने की उम्मीद है. जहां तक मुआवजे की बात है, तो यह सरकार की तरफ से लिया जाने वाला निर्णय है और साथ ही मामला कोर्ट में भी है.

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इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर समस्या का समाधान निकालना जरूरी होगा. किसानों को समझाया गया है कि वह किसी भी तरह का प्रदर्शन फिलहाल न करें, क्योंकि हम सभी को मिलकर कोरोना प्रोटोकॉल का भी ध्यान रखना है.

नहीं की गई तालाबंदी

तालाबंदी के इरादे से पहुंचे किसानों को समझाया गया तो वह बात मान गए. उन्होंने तालाबंदी नहीं की. पिछली बार किए गए प्रदर्शन के दौरान उन्होंने आवास विकास के दफ्तर में तालाबंदी कर के काम रोक दिया था. देखना यह होगा कि अब एक बार फिर से मिले आश्वासन के बाद किसान कितने संतुष्ट हो पाते हैं.

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