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हर घर तिरंगा कार्यक्रम : युवक ने तलाशा अवसर, बेरोजगार महिलाओं को दिया रोजगार, हो रही है खूब कमाई

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Published : Aug 4, 2022, 3:37 PM IST

गाजियाबाद में एक युवक ने 'हर घर तिरंगा' कार्यक्रम (Har Ghar Tiranga Programme) में एक ऐसा अवसर निकाला जिससे कई बेरोजगार महिलाओं को रोजगार मिला है. तनुज ने अब तक छह लाख से ज्यादा तिरंगे की सप्लाई कर चुका है और वह अभी भी चार लाख तिरंगे की आपूर्ति करेगा.

हर घर तिरंगा कार्यक्रम के तहत मिल रहा है रोजगार
हर घर तिरंगा कार्यक्रम के तहत मिल रहा है रोजगार

नई दिल्ली/गाजियाबादः 'हर घर तिरंगा' कार्यक्रम (Har Ghar Tiranga Programme) के तहत स्थानीय लोगों को रोजगार मिलने में भी मदद मिली है. गाजियाबाद के एक युवक ने 'हर घर तिरंगा' कार्यक्रम (Har Ghar Tiranga Programme) के तहत अलग-अलग जिलों की सैकड़ों बेरोजगार महिलाओं को अपने साथ जोड़कर तिरंगे बनाने और उन्हें सप्लाई करने का काम शुरू कर दिया. कुछ ही दिनों में यह युवक करीब छह लाख से ज्यादा तिरंगे की सप्लाई कर चुका है. वहीं अभी भी चार लाख तिरंगे का आर्डर पेंडिंग है. युवक ने उन महिलाओं को काम दिया जो काम की तलाश कर रही थी. अब इन महिलाओं में आत्मविश्वास भी नजर आ रहा है.

गाजियाबाद के घंटाघर इलाके में तनुज नाम के युवक की रजाई गद्दे की दुकान है. रजाई-गद्दे से ठीक-ठाक कमाई हो जाती है. मगर जैसे ही तनुज ने सुना कि प्रधानमंत्री ने हर घर तिरंगे कार्यक्रम का ऐलान किया है, तो तनुज ने इस कार्यक्रम में भी रोजगार तलाश लिया. तनुज की जानकारी में यूपी के अलग-अलग जिलों की ऐसी महिलाएं पहले से थी जो सिलाई का कार्य जानती थीं. तनुज ने उन सभी महिलाओं से अलग-अलग जिलों में संपर्क किया और उनको तिरंगे बनाने का काम सौंप दिया.

हर घर तिरंगा कार्यक्रम के तहत मिल रहा है रोजगार

इस बीच, तनुज ने अलग-अलग जिलों से तिरंगे के ऑर्डर भी लेने शुरू कर दिए. जैसे-जैसे महिलाएं तिरंगे बनाकर तनुज को देती गई, वैसे-वैसे सप्लाई और सेल का काम शुरू कर दिया गया. देखते ही देखते कुछ दिनों में छह लाख तिरंगे की बिक्री हो गई. इस बीच महिलाओं को भी करीब 10-10 हजार या उससे अतिरिक्त रकम तनुज ने दी है. कुल मिलाकर तिरंगा कार्यक्रम में देशभक्ति के साथ-साथ तनुज ने रोजगार का एक ऐसा अवसर तलाश लिया, जिससे न सिर्फ खुद उनको मुनाफा मिला, बल्कि बेरोजगार महिलाओं को भी अतिरिक्त कमाई का मौका मिल गया.

तिरंगा बनाने वाले युवक तनुज गंभीर का कहना है कि जब से आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने हर घर तिरंगा कार्यक्रम (Har Ghar Tiranga Programme) का आह्वान किया, तभी से उन्होंने इसकी शुरुआत कर दी थी. उनका कहना है कि जो महिलाएं घरों में बेरोजगार थी, उनको तिरंगे बनाने का काम दिया. उन महिलाओं को कपड़े के थान उपलब्ध करा दिए जाते हैं. वह महिलाएं कटिंग और सिलाई करके दुकानदार को तिरंगे उपलब्ध करा देती हैं. जिसके बदले में महिलाओं को भुगतान कर दिया जाता है. तनुज का कहना है कि अमरोहा, चंदौली, शामली, गाजियाबाद, नोएडा समेत उत्तर प्रदेश के दर्जनों जिलों में झंडे की सप्लाई हो रही है. तनुज ने बताया कि उनके पास 8 रुपए से लेकर 22 रुपए तक की कीमत के तिरंगे हैं.

हर घर तिरंगा कार्यक्रम के तहत मिल रहा है रोजगार
हर घर तिरंगा कार्यक्रम के तहत मिल रहा है रोजगार
ये भी पढ़ेंः हर घर तिरंगा : अब्दुल गफ्फार रोज डेढ़ लाख झंडे बना रहे, 13 अगस्त तक एक करोड़ तिरंगा करेंगे तैयार


वहीं दुकान पर तिरंगा खरीदने आए राजू का कहना है कि हर घर तिरंगा (Har Ghar Tiranga Programme) एक अच्छी पहल है. हम अपने घर के लिए तिरंगे लेने के लिए आए हैं. उधर झंडे बना रही महिला अफसाना का कहना है कि रोजगार मिलने से काफी खुशी हुई. वहीं तिरंगा बनाने से भी गर्व महसूस हो रहा है. उनका कहना है कि पहले जो सिलाई का काम कर रहे थे, उससे इतना मुनाफा नहीं हुआ जितना मुनाफा इस काम से थोड़े दिनों में ही हो गया है.

नई दिल्ली/गाजियाबादः 'हर घर तिरंगा' कार्यक्रम (Har Ghar Tiranga Programme) के तहत स्थानीय लोगों को रोजगार मिलने में भी मदद मिली है. गाजियाबाद के एक युवक ने 'हर घर तिरंगा' कार्यक्रम (Har Ghar Tiranga Programme) के तहत अलग-अलग जिलों की सैकड़ों बेरोजगार महिलाओं को अपने साथ जोड़कर तिरंगे बनाने और उन्हें सप्लाई करने का काम शुरू कर दिया. कुछ ही दिनों में यह युवक करीब छह लाख से ज्यादा तिरंगे की सप्लाई कर चुका है. वहीं अभी भी चार लाख तिरंगे का आर्डर पेंडिंग है. युवक ने उन महिलाओं को काम दिया जो काम की तलाश कर रही थी. अब इन महिलाओं में आत्मविश्वास भी नजर आ रहा है.

गाजियाबाद के घंटाघर इलाके में तनुज नाम के युवक की रजाई गद्दे की दुकान है. रजाई-गद्दे से ठीक-ठाक कमाई हो जाती है. मगर जैसे ही तनुज ने सुना कि प्रधानमंत्री ने हर घर तिरंगे कार्यक्रम का ऐलान किया है, तो तनुज ने इस कार्यक्रम में भी रोजगार तलाश लिया. तनुज की जानकारी में यूपी के अलग-अलग जिलों की ऐसी महिलाएं पहले से थी जो सिलाई का कार्य जानती थीं. तनुज ने उन सभी महिलाओं से अलग-अलग जिलों में संपर्क किया और उनको तिरंगे बनाने का काम सौंप दिया.

हर घर तिरंगा कार्यक्रम के तहत मिल रहा है रोजगार

इस बीच, तनुज ने अलग-अलग जिलों से तिरंगे के ऑर्डर भी लेने शुरू कर दिए. जैसे-जैसे महिलाएं तिरंगे बनाकर तनुज को देती गई, वैसे-वैसे सप्लाई और सेल का काम शुरू कर दिया गया. देखते ही देखते कुछ दिनों में छह लाख तिरंगे की बिक्री हो गई. इस बीच महिलाओं को भी करीब 10-10 हजार या उससे अतिरिक्त रकम तनुज ने दी है. कुल मिलाकर तिरंगा कार्यक्रम में देशभक्ति के साथ-साथ तनुज ने रोजगार का एक ऐसा अवसर तलाश लिया, जिससे न सिर्फ खुद उनको मुनाफा मिला, बल्कि बेरोजगार महिलाओं को भी अतिरिक्त कमाई का मौका मिल गया.

तिरंगा बनाने वाले युवक तनुज गंभीर का कहना है कि जब से आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने हर घर तिरंगा कार्यक्रम (Har Ghar Tiranga Programme) का आह्वान किया, तभी से उन्होंने इसकी शुरुआत कर दी थी. उनका कहना है कि जो महिलाएं घरों में बेरोजगार थी, उनको तिरंगे बनाने का काम दिया. उन महिलाओं को कपड़े के थान उपलब्ध करा दिए जाते हैं. वह महिलाएं कटिंग और सिलाई करके दुकानदार को तिरंगे उपलब्ध करा देती हैं. जिसके बदले में महिलाओं को भुगतान कर दिया जाता है. तनुज का कहना है कि अमरोहा, चंदौली, शामली, गाजियाबाद, नोएडा समेत उत्तर प्रदेश के दर्जनों जिलों में झंडे की सप्लाई हो रही है. तनुज ने बताया कि उनके पास 8 रुपए से लेकर 22 रुपए तक की कीमत के तिरंगे हैं.

हर घर तिरंगा कार्यक्रम के तहत मिल रहा है रोजगार
हर घर तिरंगा कार्यक्रम के तहत मिल रहा है रोजगार
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वहीं दुकान पर तिरंगा खरीदने आए राजू का कहना है कि हर घर तिरंगा (Har Ghar Tiranga Programme) एक अच्छी पहल है. हम अपने घर के लिए तिरंगे लेने के लिए आए हैं. उधर झंडे बना रही महिला अफसाना का कहना है कि रोजगार मिलने से काफी खुशी हुई. वहीं तिरंगा बनाने से भी गर्व महसूस हो रहा है. उनका कहना है कि पहले जो सिलाई का काम कर रहे थे, उससे इतना मुनाफा नहीं हुआ जितना मुनाफा इस काम से थोड़े दिनों में ही हो गया है.

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