नई दिल्ली/गाजियाबाद: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से बजट में भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की हिस्सेदारी बेच जाने की योजना का विरोध शुरू हो गया है. निगम के कर्मचारियों और अधिकारियों ने देशभर में संयुक्त मोर्चा बनाकर मंगलवार को देशभर में उसके खिलाफ एक घंटे की हड़ताल की.इसी क्रम में गाजियाबाद से नेहरू नगर स्थित भारतीय जीवन बीमा निगम के मुख्यालय पर मुख्यालय मंगलवार को दोपहर 12:30 बजे से 1:30 बजे तक एक घंटे की हड़ताल की गई.
'ये आम नागरिकों के साथ धोखा है'
मेरठ डिविजन इंश्योरेंस एंप्लाइज यूनियन के उपाध्यक्ष संजय कौशिक ने कहा कि सरकार का यह कदम देश में आम नागरिकों के साथ धोखा है. हमारी यह स्पष्ट समझ है कि सरकार का यह कदम देश के आर्थिक सफलता के लिए संकट उत्पन्न करेगा. जिन उद्योगों में शेयर पहले बेचे गए हैं आज उनकी निजीकरण की मांग की जा रही है. दूरसंचार क्षेत्र में कार्यरत कंपनियों के हालात हमारे सामने हैं. ऐसी परिस्थिति में हम सरकार से आग्रह करते हैं कि एलआईसी का विनिवेशीकरण ना किया जाए.
'ये देश की जनता के साथ खिलवाड़ है'
NFIFWI के शाखा सचिव राजीव शर्मा ने कहा कि एलआईसी ने पिछले साल सरकार को 2400 सौ करोड़ और इस वर्ष 2819 करोड़ का डिविडेंड दिया है, जो किसी भी सरकारी कंपनी द्वारा सर्वाधिक है. इसके बावजूद सरकार ऐसे कदम उठा रही है जो देश और देश की जनता के साथ खिलवाड़ है.
हड़ताल में ये लोग रहें मौजूद
हड़ताल में पंकज शर्मा, केवी सिंह, शीशपाल यादव, राकेश सक्सेना, राजीव कुमार, शर्मा चमन सिंह, राजीव गुप्ता, डीके गुप्ता, आलोक सक्सेना, धीरज अग्रवाल, कांता रानी, अर्चना जैन, प्रीति त्यागी, विनय शर्मा, मीनाक्षी सरदाना, विनीता, रुचि शर्मा, ताहिर खान, जगत नारायण, पूनम सिंह, सुमित कुमार, अखिलेश वर्मा, अमित सिंह सरदार, संजय मित्तल समेत भारी संख्या में कर्मचारी मौजूद रहे.