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लोनी विधायक का पत्र, 'कोरोना से निपटनें के लिए करोड़ों का पैकेज चाहिए'

विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने जिलाधिकारी को पत्र लिखा है. जिसमें नगरपालिका और तहसील के लिए कॅरोना से निपटनें के लिए करोड़ों रूपए के पैकेज की मांग की गई है.

Loni MLA wrote a letter to District Megistrate
Loni MLA wrote a letter to District Megistrate
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Published : Apr 11, 2020, 5:33 PM IST

Updated : Apr 11, 2020, 5:38 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने जिलाधिकारी गाजियाबाद को पत्र लिखकर क्षेत्र के असंगठित क्षेत्र व छोटे कामगार जिनके पास राशन कार्ड नहीं है. उन्हें चिन्हित कर राशन और 1000 रूपए की धनराशि दिए जाने की मांग की है. साथ ही कोरोना आपदा से निपटने के लिए लोनी को दी गई 10 लाख की राशि को अपर्याप्त बताते हुए पालिका और तहसील को पृथक रूप से करोड़ों रूपए दिए जाने की बात रखी.

Loni MLA wrote a letter to District Megistrate
पत्र



विधायक ने पत्र में लिखा कि विधानसभा क्षेत्र में लगभग 80 प्रतिशत आबादी दिहाड़ी मजदूर, असंगठित क्षेत्र में कार्यरत मजदूर, खोखा, पटरी, ऑटो चालक की है. जिनमें से अधिकतर वे लोग है जो प्रतिदिन कमाकर उसी से अपना पेट भरते है. कोरोना महामारी को देखते हुए लाॅकडाउन हो जाने के कारण इनके सामने भूखमरी का संकट पैदा हो गया था. मैंने स्वंय 27 मार्च से लोनी की भूखमरी के कारण बिगड़ती स्थिति के कारण योगी रसोई के नाम से जरूरतमंदों तक भोजन वितरण के लिए रसोई चालू करवाई.

विधायक ये भी कहा कि साथ ही दर्जनों सामाजिक संगठनों से निवेदन कर अधिकारियों के साथ बैठक करवाकर उनसे भी क्षेत्र में भिन्न-भिन्न स्थानो पर रसोई शुरू की गई और काॅल के माध्यम से मिलने वाली सूचना पर जरूरतमंदों के घर तक भोजन पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है.

जिससे लाॅकडाउन का भी आसानी से पालन हो सकें. 3 दिन पूर्व 2 सरकारी रसोई तहसील के द्वारा शुरू की गई है लेकिन सामाजिक संगठनों की सीमित क्षमता होने के कारण उन्होंने प्रतिदिन बनने वाले खाने की मात्रा घटा दी है या फिर निकट भविष्य में परिस्थितियों को देखते हुए ये पूर्ण रूप से बंद भी हो सकते हैं.

'भूखमरी से स्थिति भयावह हो सकती है'

16 लाख की आबादी में अधिकांश संख्या गरीब मजदूरों के होने के कारण उत्पन्न होने वाली भूखमरी से स्थिति भयावह हो सकती है. इसलिए समय रहते ही सभी वार्ड एवं गांव स्तर पर ऐसे मजदूरों और जरूरतमंदों सूची बनाई जाए जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, आधार कार्ड नहीं है. उन्हें राशन पहुंचाने की व्यवस्था के साथ-साथ 1000 रूपए की भी मुख्यमंत्री विशेष आपदा कोष से इनके खातों में दिलवाने की मांग की हैं. जिससे प्रदेश सरकार व मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप इस आपदा की घड़ी में कोई भी भूखा एवं असहाय न रहें.


'10 लाख रूपए की राशि ऊंट के मुंह में जीरा'


वहीं विधायक ने लिखा कि लोनी की आबादी को ध्यान में रखते हुए कोरोना से निपटने के लिए करोड़ों रूपए की मदद मिलनी चाहिए थी. वहां 10 लाख रूपए की राशि ऊंट के मुंह में जीरा के समान है. इसलिए एसडीएम व अधिशासी अधिकारी की रसोई एवं अन्य कार्य के लिए पृथक रूप में करोड़ों रूपए की जरूरत है. विधायक ने पत्र की प्रतिलिपि मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को भी प्रेषित किया है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने जिलाधिकारी गाजियाबाद को पत्र लिखकर क्षेत्र के असंगठित क्षेत्र व छोटे कामगार जिनके पास राशन कार्ड नहीं है. उन्हें चिन्हित कर राशन और 1000 रूपए की धनराशि दिए जाने की मांग की है. साथ ही कोरोना आपदा से निपटने के लिए लोनी को दी गई 10 लाख की राशि को अपर्याप्त बताते हुए पालिका और तहसील को पृथक रूप से करोड़ों रूपए दिए जाने की बात रखी.

Loni MLA wrote a letter to District Megistrate
पत्र



विधायक ने पत्र में लिखा कि विधानसभा क्षेत्र में लगभग 80 प्रतिशत आबादी दिहाड़ी मजदूर, असंगठित क्षेत्र में कार्यरत मजदूर, खोखा, पटरी, ऑटो चालक की है. जिनमें से अधिकतर वे लोग है जो प्रतिदिन कमाकर उसी से अपना पेट भरते है. कोरोना महामारी को देखते हुए लाॅकडाउन हो जाने के कारण इनके सामने भूखमरी का संकट पैदा हो गया था. मैंने स्वंय 27 मार्च से लोनी की भूखमरी के कारण बिगड़ती स्थिति के कारण योगी रसोई के नाम से जरूरतमंदों तक भोजन वितरण के लिए रसोई चालू करवाई.

विधायक ये भी कहा कि साथ ही दर्जनों सामाजिक संगठनों से निवेदन कर अधिकारियों के साथ बैठक करवाकर उनसे भी क्षेत्र में भिन्न-भिन्न स्थानो पर रसोई शुरू की गई और काॅल के माध्यम से मिलने वाली सूचना पर जरूरतमंदों के घर तक भोजन पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है.

जिससे लाॅकडाउन का भी आसानी से पालन हो सकें. 3 दिन पूर्व 2 सरकारी रसोई तहसील के द्वारा शुरू की गई है लेकिन सामाजिक संगठनों की सीमित क्षमता होने के कारण उन्होंने प्रतिदिन बनने वाले खाने की मात्रा घटा दी है या फिर निकट भविष्य में परिस्थितियों को देखते हुए ये पूर्ण रूप से बंद भी हो सकते हैं.

'भूखमरी से स्थिति भयावह हो सकती है'

16 लाख की आबादी में अधिकांश संख्या गरीब मजदूरों के होने के कारण उत्पन्न होने वाली भूखमरी से स्थिति भयावह हो सकती है. इसलिए समय रहते ही सभी वार्ड एवं गांव स्तर पर ऐसे मजदूरों और जरूरतमंदों सूची बनाई जाए जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, आधार कार्ड नहीं है. उन्हें राशन पहुंचाने की व्यवस्था के साथ-साथ 1000 रूपए की भी मुख्यमंत्री विशेष आपदा कोष से इनके खातों में दिलवाने की मांग की हैं. जिससे प्रदेश सरकार व मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप इस आपदा की घड़ी में कोई भी भूखा एवं असहाय न रहें.


'10 लाख रूपए की राशि ऊंट के मुंह में जीरा'


वहीं विधायक ने लिखा कि लोनी की आबादी को ध्यान में रखते हुए कोरोना से निपटने के लिए करोड़ों रूपए की मदद मिलनी चाहिए थी. वहां 10 लाख रूपए की राशि ऊंट के मुंह में जीरा के समान है. इसलिए एसडीएम व अधिशासी अधिकारी की रसोई एवं अन्य कार्य के लिए पृथक रूप में करोड़ों रूपए की जरूरत है. विधायक ने पत्र की प्रतिलिपि मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को भी प्रेषित किया है.

Last Updated : Apr 11, 2020, 5:38 PM IST
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