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गाजियाबाद: मजदूर ने समझा मजदूर का दर्द, बांट रहे पानी-बिस्कुट और छाछ

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Published : May 17, 2020, 5:42 PM IST

एक मजदूर का दर्द मजदूर से बेहतर कोई नहीं समझ सकता. ऐसा ही एक नजारा गाजियाबाद के इंदिरापुरम में देखने को मिला. जहां कुछ मजदूर मिलकर सड़क से गुजर रहे मजदूरों की सेवा कर रहे हैं. इस तपती गर्मी में मजदूर सैकड़ों किलोमीटर का सफर पैदल तय कर रहे हैं.

labourers helping migrant labourers
मजदूर ने समझा मजदूर का दर्द

नई दिल्ली/गाजियाबाद: लॉकडाउन का तीसरा चरण समाप्त होने को है. लॉकडाउन घोषित हुए करीब 50 दिन हो चुके हैं लेकिन अभी भी मजदूरों का पलायन जारी है. अपने आशियाने तक पहुंचने की आस में गरीब मजदूर पैदल ही निकल पड़े हैं. ऐसे में कुछ लोग हैं जो मसीहा बनकर रास्ते में इन बेबस और मजबूर मजदूरों की मदद कर रहे हैं.

मजदूर ने समझा मजदूर का दर्द

एक मजदूर का दर्द मजदूर से बेहतर कोई नहीं समझ सकता. ऐसा ही एक नजारा गाजियाबाद के इंदिरापुरम में देखने को मिला. जहां कुछ मजदूर मिलकर सड़क से गुजर रहे मजदूरों की सेवा कर रहे हैं. इस तपती गर्मी में मजदूर सैकड़ों किलोमीटर का सफर पैदल तय कर रहे हैं.

labourers helping migrant labourers
आने-जाने वालों की कर रहे मदद

सड़क से गुजर रहे मजदूरों की कर रहे सेवा

दरअसल भवानी सिंह और संदीप गाजियाबाद में मजदूरी करते थे. लॉकडाउन घोषित होने के बाद तमाम काम बंद हो गया. ऐसे में इनके मालिक ने इनके रोजगार की चिंता करते हुए इन दोनों को सड़क पर मजदूरों की सेवा में लगा दिया. जिससे कि इन्हें रोजगार मिलता रहे और सड़क से गुजर रहे प्रवासी मजदूरों की सेवा भी हो जाए. अब ये दोनों मजदूर सड़क से गुजरने वाले मजदूरों को ग्लूकोस, पानी, छाछ, बिस्किट, लस्सी, मट्ठा बांट रहे हैं.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: लॉकडाउन का तीसरा चरण समाप्त होने को है. लॉकडाउन घोषित हुए करीब 50 दिन हो चुके हैं लेकिन अभी भी मजदूरों का पलायन जारी है. अपने आशियाने तक पहुंचने की आस में गरीब मजदूर पैदल ही निकल पड़े हैं. ऐसे में कुछ लोग हैं जो मसीहा बनकर रास्ते में इन बेबस और मजबूर मजदूरों की मदद कर रहे हैं.

मजदूर ने समझा मजदूर का दर्द

एक मजदूर का दर्द मजदूर से बेहतर कोई नहीं समझ सकता. ऐसा ही एक नजारा गाजियाबाद के इंदिरापुरम में देखने को मिला. जहां कुछ मजदूर मिलकर सड़क से गुजर रहे मजदूरों की सेवा कर रहे हैं. इस तपती गर्मी में मजदूर सैकड़ों किलोमीटर का सफर पैदल तय कर रहे हैं.

labourers helping migrant labourers
आने-जाने वालों की कर रहे मदद

सड़क से गुजर रहे मजदूरों की कर रहे सेवा

दरअसल भवानी सिंह और संदीप गाजियाबाद में मजदूरी करते थे. लॉकडाउन घोषित होने के बाद तमाम काम बंद हो गया. ऐसे में इनके मालिक ने इनके रोजगार की चिंता करते हुए इन दोनों को सड़क पर मजदूरों की सेवा में लगा दिया. जिससे कि इन्हें रोजगार मिलता रहे और सड़क से गुजर रहे प्रवासी मजदूरों की सेवा भी हो जाए. अब ये दोनों मजदूर सड़क से गुजरने वाले मजदूरों को ग्लूकोस, पानी, छाछ, बिस्किट, लस्सी, मट्ठा बांट रहे हैं.

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