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गाजियाबाद लॉकडाउन में लेबर चौक पर खड़े मजदूरों ने बयान किया अपना दर्द

ईटीवी भारत को मजदूर बंटी सागर और राजू पेंटर ने बताया कि वो मजदूरी करने के लिए मेरठ से मुरादनगर आते हैं, लेकिन शनिवार और रविवार को लाॅकडाउन होने की वजह से उनको काम नहीं मिलता है. ऐसे में वो अपने घर वापस लौट जाते हैं.

Laborers  in lockdown express their pain
लेबर चौक पर खड़े मजदूर
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Published : Aug 8, 2020, 2:21 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने और प्रदेश में सैनिटाइजेशन, साफ-सफाई कराने के उद्देश्य से शनिवार और रविवार को लॉकडाउन घोषित किया हुआ है. लेकिन ये लाॅकडाउन रोजाना कमाने और खाने वाले दिहाड़ी मजदूरों पर भारी पड़ रहा है.

मजदूरों ने बयान किया अपना दर्द

अपने घर परिवार का गुजारा करने के लिए शनिवार को लॉकडाउन होने के बावजूद भी मुरादनगर के प्रिया सिनेमा लेबर चौक पर मजदूर इकट्ठा हो जाते हैं. लेकिन उनको रोजगार नहीं मिलता है. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने मजदूरों से खास बातचीत की.


ईटीवी भारत को मजदूर शाकिर अली ने बताया कि वो शनिवार को लॉकडाउन होने के बावजूद वो इसी उम्मीद में लेबर चौक आए हैं कि उनको रोजगार मिलेगा. जिससे कि वो अपने बच्चों का पेट भर सकें. लेकिन शनिवार और रविवार लॉकडाउन होने की वजह से उनको कभी काम मिलता है और कभी काम नहीं मिलता है. ऐसे में उनको घर का गुजारा करना मुश्किल हो रहा है.


मजदूर बंटी सागर ने बताया कि वो मेरठ से मुरादनगर मजदूरी करने आते हैं. लेकिन शनिवार और रविवार को लाॅकडाउन होने की वजह से उनको रोजगार नहीं मिलता है और वो मजबूरी में अपने घर मेरठ लौट जाते हैं. जिसमें उनका एक तरफ से जाने का किराया ₹50 लगता है.



मेरठ से मुरादनगर काम की तलाश में आते हैं मजदूर

पुताई का काम करने वाले मजदूर राजू पेंटर ने बताया कि वो भी मेरठ से मुरादनगर काम की तलाश में आते हैं. लेकिन शनिवार और रविवार को लॉकडाउन होने की वजह से उनको काम नहीं मिलता है. जो उनकी पुताई से संबंधित सामान की दुकानें हैं. वो बंद रहती हैं. जिससे उनको दिक्कतें होती हैं.

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि अन्य दिनों में उनको कभी-कभी रोजगार मिलता है. लेकिन शनिवार और रविवार को रोजगार न मिलने से वो उधार मांग कर अपना गुजारा करते हैं या फिर उनको भूखे पेट सोना पड़ता है.


शनिवार रविवार लॉकडाउन में नहीं मिलता रोजगार

वहीं एक मजदूर दीपक ने बताया कि शनिवार और रविवार लाॅकडाउन होने की वजह से उनको बहुत दिक्कतें होती हैं. उनको रोजगार नहीं मिलता है. ऐसे में वो किसी से उधार मांग कर अपना गुजारा करते हैं और फिर काम मिलने के बाद उसको वापस लौटा देते हैं.

रोजगार ना होने से घर का गुजारा करना हो रहा है मुश्किल

मजदूर मुस्तकीम ने बताया कि शनिवार और रविवार लाॅकडाउन होने की वजह से उनको रोजगार नहीं मिलता है. जब वो अपने घर का गुजारा करने के लिए दुकान पर घर का सामान लेने के लिए जाते हैं, तो उनको सामान भी उधार नहीं मिलता है. ऐसे में उनको घर का गुजारा करना मुश्किल हो रहा है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने और प्रदेश में सैनिटाइजेशन, साफ-सफाई कराने के उद्देश्य से शनिवार और रविवार को लॉकडाउन घोषित किया हुआ है. लेकिन ये लाॅकडाउन रोजाना कमाने और खाने वाले दिहाड़ी मजदूरों पर भारी पड़ रहा है.

मजदूरों ने बयान किया अपना दर्द

अपने घर परिवार का गुजारा करने के लिए शनिवार को लॉकडाउन होने के बावजूद भी मुरादनगर के प्रिया सिनेमा लेबर चौक पर मजदूर इकट्ठा हो जाते हैं. लेकिन उनको रोजगार नहीं मिलता है. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने मजदूरों से खास बातचीत की.


ईटीवी भारत को मजदूर शाकिर अली ने बताया कि वो शनिवार को लॉकडाउन होने के बावजूद वो इसी उम्मीद में लेबर चौक आए हैं कि उनको रोजगार मिलेगा. जिससे कि वो अपने बच्चों का पेट भर सकें. लेकिन शनिवार और रविवार लॉकडाउन होने की वजह से उनको कभी काम मिलता है और कभी काम नहीं मिलता है. ऐसे में उनको घर का गुजारा करना मुश्किल हो रहा है.


मजदूर बंटी सागर ने बताया कि वो मेरठ से मुरादनगर मजदूरी करने आते हैं. लेकिन शनिवार और रविवार को लाॅकडाउन होने की वजह से उनको रोजगार नहीं मिलता है और वो मजबूरी में अपने घर मेरठ लौट जाते हैं. जिसमें उनका एक तरफ से जाने का किराया ₹50 लगता है.



मेरठ से मुरादनगर काम की तलाश में आते हैं मजदूर

पुताई का काम करने वाले मजदूर राजू पेंटर ने बताया कि वो भी मेरठ से मुरादनगर काम की तलाश में आते हैं. लेकिन शनिवार और रविवार को लॉकडाउन होने की वजह से उनको काम नहीं मिलता है. जो उनकी पुताई से संबंधित सामान की दुकानें हैं. वो बंद रहती हैं. जिससे उनको दिक्कतें होती हैं.

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि अन्य दिनों में उनको कभी-कभी रोजगार मिलता है. लेकिन शनिवार और रविवार को रोजगार न मिलने से वो उधार मांग कर अपना गुजारा करते हैं या फिर उनको भूखे पेट सोना पड़ता है.


शनिवार रविवार लॉकडाउन में नहीं मिलता रोजगार

वहीं एक मजदूर दीपक ने बताया कि शनिवार और रविवार लाॅकडाउन होने की वजह से उनको बहुत दिक्कतें होती हैं. उनको रोजगार नहीं मिलता है. ऐसे में वो किसी से उधार मांग कर अपना गुजारा करते हैं और फिर काम मिलने के बाद उसको वापस लौटा देते हैं.

रोजगार ना होने से घर का गुजारा करना हो रहा है मुश्किल

मजदूर मुस्तकीम ने बताया कि शनिवार और रविवार लाॅकडाउन होने की वजह से उनको रोजगार नहीं मिलता है. जब वो अपने घर का गुजारा करने के लिए दुकान पर घर का सामान लेने के लिए जाते हैं, तो उनको सामान भी उधार नहीं मिलता है. ऐसे में उनको घर का गुजारा करना मुश्किल हो रहा है.

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