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क्या रोजेदार भी कर सकते हैं ब्लड डोनेट, जानिए...

इन दिनों मुस्लिम समुदाय का पाक महीना रमजान चल रहा है. वहीं दूसरी तरफ कोरोना संक्रमण का प्रकोप भी फैल रहा है. ऐसे में जरूरत पड़ने पर लोग अपने परिजनों, करीबियों और जरूरतमंद लोगों को ब्लड और प्लाज्मा डोनेट कर रहे हैं.

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जरूरत पड़ने पर करना चाहिए ब्लड डोनेट
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Published : Apr 25, 2021, 1:45 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: इन दिनों मुस्लिम समुदाय का रमजान उल मुबारक का पाक महीना चल रहा है. तो वहीं दूसरी ओर देश दुनिया में कोरोना महामारी का प्रकोप भी फैल रहा है. ऐसे में जरूरत पड़ने पर लोग अपने परिजनों, करीबियों और जरूरतमंद लोगों को ब्लड और प्लाज्मा डोनेट कर रहे हैं. आखिर क्या ऐसे में रोजेदार भी ब्लड या प्लाज्मा डोनेट कर सकता है. इसी को जानने के लिए ईटीवी भारत ने मुफ्ती से की बातचीत.

जरूरत पड़ने पर करना चाहिए ब्लड डोनेट

मुफ्ती मजहर उल हक कासमी ने बताया कि इस दुनिया में सभी भाई-बहन हैं. ऐसे में जिस काम से अपनों को सुकून, चैन मिलता हो. उस काम को करना चाहिए. इसीलिए रोजेदार ब्लड डोनेट कर सकता है.

ये भी पढ़ें : रमजान के दूसरे जुम्मे को लेकर मुफ्ती की जनता से खास अपील

मुफ्ती मजहर उल हक कासमी ने बताया कि मजहब-ए-इस्लाम अमन, चैन और शांति का नाम है. इसीलिए जिस काम से इंसान को अमन और चैन मिलता है. उसके लिए हर काम जायज हो जाता है. जैसे कि आजकल देश दुनिया में कोरोना महामारी फैल रही है. अगर ऐसे में किसी रोजेदार को ब्लड डोनेट करने की जरूरत पड़ती है. तो वह कर सकता है. इससे रोजे में कोई फर्क नहीं आएगा.

ये भी पढ़ें : Ramadan 2021: इस बार रमजान के दिनों में बाजारों में नहीं दिखाई दे रही रौनक

'जरूरत पड़ने पर करना चाहिए ब्लड डोनेट'

मुफ्ती ने बताया कि अगर रोजेदार ब्लड डोनेट करता है, तो उसको इसका सवाब अलग से मिलता है. इस दुनिया में सभी भाई-बहन हैं. ऐसे में हमदर्दी दिखाते हुए जरूरत पड़ने पर ब्लड डोनेट जरूर करना चाहिए.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: इन दिनों मुस्लिम समुदाय का रमजान उल मुबारक का पाक महीना चल रहा है. तो वहीं दूसरी ओर देश दुनिया में कोरोना महामारी का प्रकोप भी फैल रहा है. ऐसे में जरूरत पड़ने पर लोग अपने परिजनों, करीबियों और जरूरतमंद लोगों को ब्लड और प्लाज्मा डोनेट कर रहे हैं. आखिर क्या ऐसे में रोजेदार भी ब्लड या प्लाज्मा डोनेट कर सकता है. इसी को जानने के लिए ईटीवी भारत ने मुफ्ती से की बातचीत.

जरूरत पड़ने पर करना चाहिए ब्लड डोनेट

मुफ्ती मजहर उल हक कासमी ने बताया कि इस दुनिया में सभी भाई-बहन हैं. ऐसे में जिस काम से अपनों को सुकून, चैन मिलता हो. उस काम को करना चाहिए. इसीलिए रोजेदार ब्लड डोनेट कर सकता है.

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मुफ्ती मजहर उल हक कासमी ने बताया कि मजहब-ए-इस्लाम अमन, चैन और शांति का नाम है. इसीलिए जिस काम से इंसान को अमन और चैन मिलता है. उसके लिए हर काम जायज हो जाता है. जैसे कि आजकल देश दुनिया में कोरोना महामारी फैल रही है. अगर ऐसे में किसी रोजेदार को ब्लड डोनेट करने की जरूरत पड़ती है. तो वह कर सकता है. इससे रोजे में कोई फर्क नहीं आएगा.

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'जरूरत पड़ने पर करना चाहिए ब्लड डोनेट'

मुफ्ती ने बताया कि अगर रोजेदार ब्लड डोनेट करता है, तो उसको इसका सवाब अलग से मिलता है. इस दुनिया में सभी भाई-बहन हैं. ऐसे में हमदर्दी दिखाते हुए जरूरत पड़ने पर ब्लड डोनेट जरूर करना चाहिए.

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