नई दिल्ली/गाजियाबादः जनपद गाजियाबाद के मुरादनगर क्षेत्र को हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए जाना जाता है, जहां पर सभी धर्मों के लोग आपस में मिल-जुल कर रहते हैं. इसीलिए श्मशान घाट हादसे के बाद मृतक परिवारों से मिलने के लिए जमीयत उलेमा-ए-हिंद का डेलिगेशन पहुंचा था. जहां पीड़ित परिवारों से बातचीत कर उन्होंने उनकी समस्याओं के बारे में जाना और अपनी ओर से हरसंभव मदद करने का आश्वासन दिया था.
इसी बीच बुधवार को जमीयत उलेमा-ए-हिंद के सदस्य पीड़ित परिवारों के घर मिलने पहुंचे, जहां उन्होंने एक मृतक की पत्नी को आर्थिक सहायता देते हुए उनके आंसू पोंछने की कोशिश की है. इसके साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर घायलों के इलाज के लिए भी दो परिवारों की आर्थिक मदद की है.
जमीयत उलेमा-ए-हिंद का कहना है कि इस मदद के पीछे उनका कोई भी राजनैतिक या अन्य मकसद नहीं है. वह सिर्फ इस छोटी सी मदद के जरिए हिंदू-मुस्लिम भाईचारे का संदेश देना चाहते हैं. यह पता चले कि हम सभी देशवासी सुख-दुख में साथ हैं.
ईटीवी भारत को जमीयत उलेमा-ए-हिंद के जनरल सेक्रेटरी मौलाना असजद ने बताया कि आज श्मशान घाट हादसे के पीड़ितों की मदद करने के पीछे उनका मकसद यह बताना था कि हम सब भाई हैं. उन्होंने बताया कि वह पीड़ित परिवारों से मिलने पहले भी आए थे और आज फिर मिलकर उन्होंने मृतक परिवारों की आर्थिक मदद की है.
मृतकों को दिए 35-35 हजार रुपये
मौलाना असजद ने बताया कि हादसे में मृतक ओमकार और नीरज के परिवारों की उन्होंने 35-35 हजार रुपये देकर मदद की है. इसके साथ ही घायल निर्मल को इलाज के लिए 21,000 रुपये दिए गए हैं. इस धनराशि का इंतजाम मुरादनगर के मुसलमानों ने मिलकर किया है. ईटीवी भारत को मुफ्ती मोहम्मद मजहर कासमी ने बताया कि अपने हिंदू भाइयों की मदद करके उन्हें खुशी तो हो रही है, लेकिन उनके गम को देखकर आंसू निकल रहे हैं. पैसो का बंदोबस्त सभी मुस्लिम भाइयों ने मिलकर किया है.
मुरादनगर के मुसलमानों ने मिलकर किया पैसों का बंदोबस्त
ईटीवी भारत को जमीयत उलेमा-ए-हिंद के नगर अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद रिजवान कासमी ने बताया कि वह आगे चलकर जरूरत पड़ने पर इससे ही मदद करेंगे. इससे हिंदू-मुस्लिम भाईचारे को और मजबूती मिलेगी. इस हादसे में अपने पति गंवा देने वाली पीड़िता का कहना है कि इंसान सभी एक होते हैं. ऊपर से भगवान सभी को एक बना कर भेजता है. धर्म तो नीचे बनते हैं.