नई दिल्ली/गाजियाबाद: मुरादनगर की मस्जिद के बाहर कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए सरकार के दिशा-निर्देशों के साथ ही मुस्लिम समुदाय की हदीसों के हवाले से इस्लामी दिशा निर्देश के पोस्टर भी लगाए गए हैं.
देशवासियों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए सरकार द्वारा तमाम गाइडलाइन दी गई हैं. इनका पालन करने से कोरोना संक्रमण से बचा जा सकता है. वहीं, दूसरी ओर सरकार की गाइडलाइन के साथ ही मुरादनगर की मस्जिद के बाहर मेन गेट पर और अंदर की ओर मुस्लिम हदीसों का हवाला देते हुए कोरोना वायरस से बचने के इस्लामी दिशा-निर्देश के पोस्टर लगाए गए हैं.
इसको लेकर मुफ्ती का कहना है कि ऐसी बीमारियां पहले भी आई हैं. इनसे बचने के लिए मुस्लिम समुदाय के नबियों ने इस्लामी दिशा-निर्देश दिए थे. ऐसे में उन्हीं मुस्लिम हदीसों का हवाला देते हुए यह दिशा-निर्देश लगाए हैं. इससे मुस्लिम समुदाय हदीस के हवाले से दिए गए इस्लामी दिशा-निर्देशों का अधिक से अधिक पालन करते हुए कोरोना संक्रमण से बच सके.
ईटीवी भारत को मुफ्ती आबिद कासमी ने बताया कि इस समय देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है. इससे बचने के लिए सरकार द्वारा तमाम गाइडलाइन बताई गई हैं. ऐसे में इन गाइडलाइनों को उन्होंने कुरान शरीफ में भी ढूंढा है. अगर देश दुनिया में ऐसी बीमारी फैल जाए तो क्या करना चाहिए. इसके बाद उन्होंने हजरत मोहम्मद की हदीसों में इस तरह की बीमारी से बचने के दिशा-निर्देश देखे हैं. इसका उन्होंने प्रिंट आउट कराकर मस्जिद के बाहर लगाया है.
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दिशा-निर्देशों में दिया गया है हदीस का हवाला
मुस्लिम समुदाय मोहम्मद साहब की हदीस और मजाहबी किताबों को अधिक मानता है. इसके साथ सरकार की गाइडलाइन का भी पालन किया जाता है. ऐसे में उन्होंने दोनों दिशा-निर्देशों को मस्जिद के बाहर लगा दिया है. ताकि, मस्जिद में, जब भी नमाजी आए, तो वह इन दिशा-निर्देशों पर शत-प्रतिशत अमल करें.
गैर मुस्लिमों ने की दिशा-निर्देशों की तारीफ
मुफ्ती ने बताया कि इस प्रयास में वह कामयाब भी हुए हैं. मुस्लिम समुदाय के साथ ही गैर मुस्लिम समुदाय के लोग भी इनको पढ़ते हैं और इन इस्लामी दिशा-निर्देशों की तारीफ करते हैं.