नई दिल्ली: होली के त्योहार में लोग जमकर मस्ती करते हैं. एक दूसरे पर रंगों की बौछार कर खुशियां मनाते हैं. लेकिन होली की मस्ती के बीच कई बार लोग सावधानियां बरतना भूल जाते हैं. जिससे कि बाद में नुकसान उठाना पड़ता है. आमतौर पर बाजार में मिलने वाले रंगों में केमिकल मिला होता है जो सिर्फ त्वचा को ही नहीं बल्कि सेहत को भी खराब करते हैं. आज हम उन तमाम बातों के बारे में बताएंगे जिन से होली खेलते वक्त सावधान रहना बेहद जरूरी है.
त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. उपासना बताती हैं की होली पर इस्तेमाल होने वाले रंगों में काफी अधिक मात्रा में केमिकल होते हैं. जिसकी वजह से त्वचा छिल जाती है और इन्फेक्शन का भी डर रहता है.
- होली पर केमिकल युक्त रंगों के बजाय ऑर्गेनिक रंगों से होली खेलनी चाहिए.
- होली खेलने के बाद त्वचा को अधिक समय तक गीला नहीं छोड़ना चाहिए.
- रंग खेलने के बाद त्वचा को अच्छी तरह से साफ करना है और सुखाना है.
- होली खेलने से पहले त्वचा को अच्छी तरह से मॉइस्चराइज करना चाहिए जिससे कि रंगों से त्वचा को ज्यादा नुकसान न हो.
- होली खेलने से पहले ही त्वचा पर तेल लगाने से भी रंगों के नकारात्मक असर से बचा जा सकता है.
ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉक्टर बृजपाल त्यागी बताते हैं की होली खेलने के दौरान सावधानी बरतनी फायदेमंद साबित हो सकती है. आमतौर पर छोटे बच्चे पानी के गुब्बारों को एक दूसरे पर फेंक कर होली खेलते हैं. छोटे बच्चों का कान का पर्दा बहुत ही संवेदनशील होता है. कान के पर्दे के आसपास थोड़ी भी चोट आती है तो पर्दा फट सकता है. ऐसे में छोटे बच्चों को पानी के गुब्बारों से खेलते वक्त सावधानी बरतने की सलाह जरूर देनी चाहिए.
डॉ. बृजपाल त्यागी ने बताया कि गुलाल से होली खेलते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि अगर रंग नाक में जाता है तो रंग में मौजूद केमिकल से सांस लेने में दिक्कत हो सकती है. नाक में रंग जाता है तो उसको तुरंत साफ करना चाहिए. यदि मुंह के अंदर रंग चला जाता है तो मुंह को अच्छी तरह से पानी से धोएं.
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