नई दिल्ली/गाजियाबाद: गांव की चौपाल की पहचान कहे जाने वाले हुक्के अब चौपालों से गायब हो गए हैं. वजह है, कोरोना जिससे लगातार मौतें हो रही हैं. इसके बाद गांव वालों ने जागरूकता के लिए गांव की चौपाल से हुक्के हटा दिए हैं. अब गांव में लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए चौपाल लगा रहे हैं.
लोनी के पावी सादकपुर गांव में जब हमने गांव वालों से पूछा कि हुक्का क्यों नहीं है, तो उनका कहना है कि हुक्का एक दूसरे के पास जाता है. ऐसे में संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है. इसलिए फिलहाल सभी को सयुंक्त रूप से हुक्का इस्तेमाल करने से मना किया गया है.
ग्रामीणों की यह भी है चिंता...
लोनी नगर पालिका के इस गांव के पार्षद ने बताया कि गांव में मृत्यु दर बढ़ गई है. परिजन लगातार मृतकों के मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आ रहे हैं. वहीं गांव की गलियों और चौराहों पर पूरी तरह से सन्नाटा पसरा है. प्रशासन से अधिक से अधिक मदद की मांग गांववासी कर रहे हैं. वैक्सीनेशन को लेकर भी गांव के पार्षद ने जोर देते हुए कहा कि प्रशासन इस ओर ध्यान दें.
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तीसरी लहर से पहले ज्यादा सावधानी जरूरी
आमतौर पर हुक्का गांव की पहचान होता है. सामान्य दिनों में देखा जाता है कि कैसे एक ही हुक्के को चौपाल पर बैठे हुए सभी ग्रामीण इस्तेमाल करते हैं. लेकिन चौपाल से हुक्का हटाए जाने से यह साफ है कि गांव वाले भी जागरूक हो रहे हैं. बताया जा रहा है कि सरकार भी तीसरी लहर से पहले गांव गांव में आइसोलेशन सेंटर के अलावा वैक्सीनेशन सेंटर स्थापित करना चाहती है.