नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली एनसीआर में मंगलवार से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी ग्रेप लागू हो रहा है. जिसके अंतर्गत पारंपरिक ईट भट्ठे और डीजल से चलने वाले जनरेटर पर प्रतिबंध रहेगा. पिछले 2 सालों से यह नियम सिर्फ दिल्ली क्षेत्र में लागू हो रहा था लेकिन इस साल से यह नियम दिल्ली एनसीआर के अन्य शहरों पर भी लागू हो रहा है.
गौरतलब है कि दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए ईपीसीए ने इस साल सख्ती बरतते हुए, सभी सिविक एजेंसियों को आदेश दिया है कि वे अपने इलाकों में ग्रेप कानून का कड़ाई से पालन करें. अधिकारियों का कहना है कि जब तक दिल्ली के आसपास के इलाकों में यह नियम लागू नहीं होता तब तक दिल्ली से प्रदूषण कभी खत्म नहीं हो सकता है. इसी को ध्यान में रखते हुए इस साल दिल्ली एनसीआर में भी ग्रेप कानून को लागू किया गया है.
इन पर रहेगा प्रतिबंध
बता दें कि दिल्ली एनसीआर में 15 अक्टूबर से 15 मार्च तक ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी ग्रेप लागू रहेगा. जिसके अंतर्गत ईट भट्टों और डीजल से चलने वाले जनरेटर पर प्रतिबंध लगाया गया है.हालांकि मेडिकल सुविधाएं, एक्सीलेटर, एयरपोर्ट, बस टर्मिनल, रेलवे स्टेशन को इस नियम से मुक्त रखा गया
आज के सबसे प्रदूषित इलाके
केंद्र और राज्य सरकार के तमाम दावों के विपरीत दिल्ली में प्रदूषण का स्तर दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. आज द्वारका सेक्टर 8 दिल्ली का सबसे प्रदूषित इलाका है. जहां का एयर इंडेक्स 346 दर्ज किया गया. वहीं आनंद विहार का 305.
क्षेत्र | एयर इंडेक्स |
आनंद विहार | 305 |
बवाना | 295 |
दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी | 327 |
द्वारका सेक्टर-8 | 346 |
मुंडका | 337 |
रोहिणी | 300 |
विवेक विहार | 288 |