नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद के मुरादनगर में रविवार दोपहर श्मशान घाट के प्रवेश द्वार के साथ बने गलियारे की छत गिरने से मलबे में दबकर करीब 2 दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो गई और 2 दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए. एनडीआरएफ, पुलिस और पीएसी ने करीब 5 घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर मलबे में दबे लोगों को बाहर निकाला जिसके बाद घायलों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया.
मृतकों के परिजनों ने NH 58 पर किया प्रदर्शन
सोमवार सुबह करीब 9:30 बजे मुरादनगर श्मशान घाट हादसे के मृतकों के परिजनों ने नेशनल हाईवे 58 पर मृतकों के शवों को रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया. कुछ ही देर में हाईवे पर क्षेत्र के सैकड़ों लोग इकट्ठा हो गए. जिसके बाद गाजियाबाद से मेरठ को जोड़ने वाले नेशनल हाईवे 58 का ट्रैफिक डायवर्ट किया गया. करीब 8 घंटे नेशनल हाईवे 58 पर ट्रैफिक का संचालन पूरी तरह से बंद रहा.
मृतकों के परिजन कर रहे हैं मुआवजे की मांग
मुरादनगर श्मशान घाट हादसे के मृतकों के परिजनों की मांग है कि प्रदेश सरकार द्वारा दस लाख रुपये मुआवजा और परिवार में एक व्यक्ति सरकारी नौकरी दी जाए साथ ही बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाया जाए. जानकारी मिलते ही मौके पर गाजियाबाद के जिलाधिकारी को अजय शंकर पांडे और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी पहुंचे और परिजनों को समझाने का प्रयास किया. जिसके बाद मौके पर मंडल आयुक्त मेरठ अनीता सी मेश्राम और आईजी रेंज मेरठ प्रवीण कुमार पहुंचे और परिजनों से बातचीत कर उनकी मांगों को समझा.
अधिकारियों द्वारा परिजनों को आश्वस्त किया गया
दोनों वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा परिजनों को आश्वस्त किया गया कि उनकी मांगें मान ली गई है, लेकिन परिजनों की मांग थी कि आला अधिकारी लिखित में आश्वासन दें. करीब एक घंटे बाद मृतकों के परिजनों को लिखित में आश्वासन दिया गया. जिसके बाद परिजनों ने मृतकों के शव हाईवे से हटाए और अंतिम संस्कार के लिए शमशान घाट ले गए.
प्रशासन ने मृतकों के परिवारों की निम्न मांगों को माना
० प्रत्येक मृत के परिवार को दस लाख रुपये मुआवजा.
० प्रत्येक घायल को निशुल्क इलाज एवं क्षति पूर्ति.
० प्रत्येक मृत परिवार के नाबालिग बच्चों के निशुल्क अध्ययन की व्यवस्था.
० प्रत्येक मृतक परिवार के बालिग सदस्य कोई योग्यता अनुसार नौकरी.
० प्रकरण में दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्यवाही और अवैध ढंग से अर्जित की गई संपत्ति की कुर्की.
० दुर्घटना में विकलांग हुए व्यक्तियों को योग्यता अनुसार नौकरी.
बता दें कि मुरादनगर श्मशान घाट हादसे में जान गंवाने वाले कई लोग ऐसे हैं जो अपने परिवार में अकेले कमाने वाले थे. ऐसे में अब उनकर परिवार वालों के सामने चिंता खड़ी हो गई है कि आखिर अब उनका घर कैसे चलेगा.