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गाजियाबाद पैरेंट्स एसोसिएशन ने की स्कूली बच्चों के बैग की चेकिंग

गाजियाबाद पैरेंट्स एसोसिएशन ने स्कूली बच्चों के बैग की चेकिंग की. अभिभावकों का कहना था कि ये बच्चों के बैग के वजन का रियलिटी टेस्ट है.

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Published : Nov 28, 2019, 7:38 AM IST

Ghaziabad Parents Association checked school bags
स्कूली बच्चों के बैग की चेकिंग

नई दिल्ली/गाजियाबाद: बच्चों के बैग के वजन को लेकर जारी शिक्षा मंत्रालय के आदेश के बाद अभिभावकों ने खुद इसका रियलिटी टेस्ट किया. गाजियाबाद पैरेंट्स एसोसिएशन ने एक-एक बच्चे के बैग का वजन चेक किया. इलेक्ट्रॉनिक तराजू की मदद से बैग का वजन चेक किया गया.

स्कूली बच्चों के बैग की चेकिंग


छाया पब्लिक स्कूल में हुआ रियलिटी टेस्ट
बता दें कि वैशाली स्थित छाया पब्लिक स्कूल में पहुंचकर एसोसिएशन ने ये रियलिटी टेस्ट किया. एसोसिएशन के पदाधिकारी विवेक त्यागी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने देशभर के स्कूलों को आदेश दिए थे कि बच्चों के बैग का वजन उतना ही रखा जाए जितना आवश्यक हो. भारी भरकम बैग उठाने की वजह से बच्चों को दिक्क्तों का सामना करना पड़ रहा है.


भारी बैग से चोटिल हो जाते हैं बच्चे
अभिभावकों में भी इस बात को लेकर काफी आक्रोश देखने को मिला. अभिभावकों ने कहा कि उनके भारी बैग उठाने के चलते बच्चे अक्सर गिर जाते हैं और चोटिल होते हैं.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: बच्चों के बैग के वजन को लेकर जारी शिक्षा मंत्रालय के आदेश के बाद अभिभावकों ने खुद इसका रियलिटी टेस्ट किया. गाजियाबाद पैरेंट्स एसोसिएशन ने एक-एक बच्चे के बैग का वजन चेक किया. इलेक्ट्रॉनिक तराजू की मदद से बैग का वजन चेक किया गया.

स्कूली बच्चों के बैग की चेकिंग


छाया पब्लिक स्कूल में हुआ रियलिटी टेस्ट
बता दें कि वैशाली स्थित छाया पब्लिक स्कूल में पहुंचकर एसोसिएशन ने ये रियलिटी टेस्ट किया. एसोसिएशन के पदाधिकारी विवेक त्यागी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने देशभर के स्कूलों को आदेश दिए थे कि बच्चों के बैग का वजन उतना ही रखा जाए जितना आवश्यक हो. भारी भरकम बैग उठाने की वजह से बच्चों को दिक्क्तों का सामना करना पड़ रहा है.


भारी बैग से चोटिल हो जाते हैं बच्चे
अभिभावकों में भी इस बात को लेकर काफी आक्रोश देखने को मिला. अभिभावकों ने कहा कि उनके भारी बैग उठाने के चलते बच्चे अक्सर गिर जाते हैं और चोटिल होते हैं.

Intro:गाज़ियाबाद पैरेंट्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने स्कूली बच्चों के बैग के वजन का रियल्टी टेस्ट किया। मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा बैग के वजन संबंधित दिशानिर्देश के दस्तावेजों के साथ पदाधिकारी वैशाली स्थित छाया पब्लिक स्कूल पहुंचे। वजन जांचने के लिए वह अपने साथ इलेक्ट्रॉनिक तराजू व अन्य उपकरण भी साथ लाये।


Body:एसोसिएशन के पदाधिकारी विवेक त्यागी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने देश भर के स्कूलों को आदेश दिए थे कि बच्चों के बैग का वजन उतना ही रखा जाए जितना आवश्यक को। बिना ज़रूरत के कॉपी किताब का वजन उनसे न उठवाया जाए। क्योंकि भारी भरकम बैग उठाने की वजह से बच्चों के मसल्स में दर्द की शिकायतें बढ़ रही थीं।

लेकिन इन निर्देशों का पालन कराने में संबंधित विभागों के अधिकारियों ने कोई रूचि नही दिखाई। न ही स्कूल इस मामले पर गंभीर हुए। जिसका खामियाजा बच्चों को लगातार भुगतना पड़ रहा है। आलम यह है कि छोटी कक्षाओं में पढ़ने वाले नौनिहालों के कंधे भी किताबों के भारी बोझ से लदे हैं।


Conclusion:अभिभावकों में भी इस मुद्दे को लेकर रोष दिखाई दिया। ईटीवी भारत से बात करते हुए अभिभावकों ने कहा कि उनके भारी बैग उठाने के चलते बच्चे अक्सर गिर जाते हैं और चोटिल होते हैं। यही नही दूसरी व तीसरी मंजिल तक बच्चों को भारी बैग उठाकर चलना पड़ता है।

बाईट - विवेक त्यागी, गाज़ियाबाद पैरेंट्स एसोसिएशन

बाईट - जगदीश बिष्ट, गाज़ियाबाद पैरेंट्स एसोसिएशन

बाईट - स्वास्तिका नायक, अभिभावक

बाईट - अभिभावक

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