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गाजियाबाद नगर निगम ने जारी किया देश का पहला ग्रीन म्युनिसिपल बॉन्ड

गाजियाबाद नगर निगम ने देश का पहला ग्रीन म्युनिसिपल बॉन्ड बुधवार को जारी कर दिया है. बॉन्ड्स के जरिए 150 करोड़ रुपये का फंड जुटाया गया है. इस बॉन्ड से टर्सियरी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (टीएसटीपी) का निर्माण किया जाएगा.

ghaziabad municipal corporation bond
गाजियाबाद नगर निगम ग्रीन म्युनिसिपल बॉन्ड
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Published : Mar 31, 2021, 9:14 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबादः उत्तर प्रदेश की गाजियाबाद नगर निगम ने देश का पहला ग्रीन म्युनिसिपल बॉन्ड बुधवार (31 मार्च 2021) को जारी कर दिया है. 31 मार्च 2021 को जारी हुए नगर निगम ने बॉन्ड्स के जरिए 150 करोड़ (बेस इशू 100 करोड़ रुपये व ग्रीन इशू ऑप्शन 50 करोड़ रुपये) रुपये का फंड जुटाया है. 150 करोड़ के म्युनिसिपल बॉन्ड के सापेक्ष कुल 401 करोड़ की 40 आनलाइन बिड्स बाम्बें स्टॉक एक्सचेंज के आनलाइन बिडिंग प्लेटफार्म पर प्राप्त हुई, इस प्रकार गाजियाबाद म्युनिसिपल बॉन्ड 4 गुना सब्सक्राइब हुआ.

गाजियाबाद नगर निगम ने जारी किया ग्रीन म्युनिसिपल बॉन्ड

बॉन्ड्स का सब्सक्रिप्सन 8.10 के कूपन रेट पर हुआ, जो म्युनिसिपल बॉन्ड के समकालीन इतिहास में सबसे कम दरों में से एक है. इस बॉन्ड से टर्सियरी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (टीएसटीपी) का निर्माण किया जाएगा. इस प्लांट से गंदे पानी का शोधन कर उस इंडस्ट्रियल वॉटर के लायक बनाकर उसका प्रयोग किया जाएगा.

इंदिरापुरम गाजियाबाद में लगेगा प्लांट

गाजियाबाद में साहिबाबाद इंडस्ट्रियल एरिया के लिए इस परियोजना को तैयार किया जा रहा है. इस परियोजना की कुल लागत लगभग 240 करोड़ रुपये की है, जिसकी पार्ट फंडिंग गाजियाबाद नगर निगम के ग्रीन म्युनिसिपल बॉन्ड से की जाएगी. इस योजना के लिए गाजियाबाद नगर निगम एक फर्म से डीपीआर भी तैयार करा चुका है.

योजना के लागू हो जाने से उद्योगों की ग्राउंडवाटर पर निर्भरता खत्म हो जाएगी. जल दोहन पर भी रोक लगेगी. नगर निगम को इस प्रोजेक्ट से आमदनी भी होगी. नगर निगम उद्योगों को पानी की आपूर्ति के बदले यूजर चार्ज लेगा. ये परियोजना लगभग 27 से 30 माह के अंदर तैयार हो जाएगी. ये प्लांट इंदिरापुरम गाजियाबाद में लगाया जाएगा.

क्या होता है ग्रीन बॉन्ड..?

ग्रीन बॉन्ड किसी भी इकाई, सरकारी समूहों या गठबंधनों और कॉरपोरेट्स द्वारा जारी किया गया बॉन्ड होता है, जिनका उद्देश्य बॉन्डों से जुटाये गये पैसे को पर्यावरणीय रूप से वर्गीकृत परियोजनाओं के लिए उपयोग किया जाता है. इस प्रकार गाजियाबाद नगर निगम द्वारा जारी 150 करोड़ का ग्रीन बॉन्ड वाटर रीयूज के सिद्वांत पर आधारित होने के कारण पर्यावरणीय रूप से सर्वथा अनुकूल एवं अपने में अन्य बॉन्ड्स से अलग है.

ग्रीन म्युनिसिपल बॉन्ड की बिडिंग के दौरान वर्चुअल तौर पर महापौर आशा शर्मा तथा गाजियाबाद बॉन्ड कमेटी के सदस्यों के साथ-साथ केशव वर्मा ( सलाहकार, नगर विकास विभाग) एवं सुजाता (कुमार, म्युनिसिपल बॉन्ड विशेषज्ञ) शामिल रहे.

नई दिल्ली/गाजियाबादः उत्तर प्रदेश की गाजियाबाद नगर निगम ने देश का पहला ग्रीन म्युनिसिपल बॉन्ड बुधवार (31 मार्च 2021) को जारी कर दिया है. 31 मार्च 2021 को जारी हुए नगर निगम ने बॉन्ड्स के जरिए 150 करोड़ (बेस इशू 100 करोड़ रुपये व ग्रीन इशू ऑप्शन 50 करोड़ रुपये) रुपये का फंड जुटाया है. 150 करोड़ के म्युनिसिपल बॉन्ड के सापेक्ष कुल 401 करोड़ की 40 आनलाइन बिड्स बाम्बें स्टॉक एक्सचेंज के आनलाइन बिडिंग प्लेटफार्म पर प्राप्त हुई, इस प्रकार गाजियाबाद म्युनिसिपल बॉन्ड 4 गुना सब्सक्राइब हुआ.

गाजियाबाद नगर निगम ने जारी किया ग्रीन म्युनिसिपल बॉन्ड

बॉन्ड्स का सब्सक्रिप्सन 8.10 के कूपन रेट पर हुआ, जो म्युनिसिपल बॉन्ड के समकालीन इतिहास में सबसे कम दरों में से एक है. इस बॉन्ड से टर्सियरी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (टीएसटीपी) का निर्माण किया जाएगा. इस प्लांट से गंदे पानी का शोधन कर उस इंडस्ट्रियल वॉटर के लायक बनाकर उसका प्रयोग किया जाएगा.

इंदिरापुरम गाजियाबाद में लगेगा प्लांट

गाजियाबाद में साहिबाबाद इंडस्ट्रियल एरिया के लिए इस परियोजना को तैयार किया जा रहा है. इस परियोजना की कुल लागत लगभग 240 करोड़ रुपये की है, जिसकी पार्ट फंडिंग गाजियाबाद नगर निगम के ग्रीन म्युनिसिपल बॉन्ड से की जाएगी. इस योजना के लिए गाजियाबाद नगर निगम एक फर्म से डीपीआर भी तैयार करा चुका है.

योजना के लागू हो जाने से उद्योगों की ग्राउंडवाटर पर निर्भरता खत्म हो जाएगी. जल दोहन पर भी रोक लगेगी. नगर निगम को इस प्रोजेक्ट से आमदनी भी होगी. नगर निगम उद्योगों को पानी की आपूर्ति के बदले यूजर चार्ज लेगा. ये परियोजना लगभग 27 से 30 माह के अंदर तैयार हो जाएगी. ये प्लांट इंदिरापुरम गाजियाबाद में लगाया जाएगा.

क्या होता है ग्रीन बॉन्ड..?

ग्रीन बॉन्ड किसी भी इकाई, सरकारी समूहों या गठबंधनों और कॉरपोरेट्स द्वारा जारी किया गया बॉन्ड होता है, जिनका उद्देश्य बॉन्डों से जुटाये गये पैसे को पर्यावरणीय रूप से वर्गीकृत परियोजनाओं के लिए उपयोग किया जाता है. इस प्रकार गाजियाबाद नगर निगम द्वारा जारी 150 करोड़ का ग्रीन बॉन्ड वाटर रीयूज के सिद्वांत पर आधारित होने के कारण पर्यावरणीय रूप से सर्वथा अनुकूल एवं अपने में अन्य बॉन्ड्स से अलग है.

ग्रीन म्युनिसिपल बॉन्ड की बिडिंग के दौरान वर्चुअल तौर पर महापौर आशा शर्मा तथा गाजियाबाद बॉन्ड कमेटी के सदस्यों के साथ-साथ केशव वर्मा ( सलाहकार, नगर विकास विभाग) एवं सुजाता (कुमार, म्युनिसिपल बॉन्ड विशेषज्ञ) शामिल रहे.

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