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लॉकडाउन में बंद हुई चश्मे की दुकान तो लगाई सब्जी की स्टॉल

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Published : Apr 26, 2020, 4:09 PM IST

साहिबाबाद के लाजपत नगर इलाके में शाहबुद्दीन की दुकान काफी पुरानी है. लॉकडाउन को हुए जब कई दिन बीत गए, तो शाहबुद्दीन को लगा कि दुकान का खर्च कैसे निकलेगा. ऐसे में शाहबुद्दीन ने सब्जी की दुकान खोल ली. शाहबुद्दीन का कहना है कि इससे वो समाज की सेवा भी कर पा रहे हैं और गुजारा भी चल पा रहा है.

man forced to sell vegetables
लॉकडाउन में बंद हुई चश्मे की दुका

नई दिल्ली/गाजियाबाद: पेट की आग बहुत बड़ी होती है और उसे बुझाने के लिए इंसान छोटे या बड़े काम को नहीं देखता है. गाजियाबाद से ही ऐसा उदाहरण सामने आया है. जहां पर चश्मे की दुकान चलाने वाले शहाबुद्दीन ने पेट भरने के लिए सब्जी बेचना शुरू कर दिया है. शाहबुद्दीन का कहना है कि संकट गहराने पर लॉकडाउन के दौरान सब्जी की दुकान खोल दी. उनका कहना है कि कोई काम बड़ा या छोटा नहीं होता. सबसे बड़ी होती है पेट की आग, जिसे बुझाना सबसे ज्यादा जरूरी है.

लॉकडाउन में बंद हुई चश्मे की दुकान तो लगाई सब्जी की स्टॉल
लाजपत नगर इलाके में है दुकान

साहिबाबाद के लाजपत नगर इलाके में शाहबुद्दीन की दुकान काफी पुरानी है. यहां से लोग चश्मा लेकर जाया करते थे. दुकान में 2 कर्मचारी भी काम करते हैं, लेकिन वो फिलहाल नहीं आ रहे हैं. लॉकडाउन को हुए जब कई दिन बीत गए, तो शाहबुद्दीन को लगा कि दुकान का खर्च कैसे निकलेगा. ऐसे में शाहबुद्दीन ने सब्जी की दुकान खोल ली. शाहबुद्दीन का कहना है कि इससे वो समाज की सेवा भी कर पा रहे हैं और गुजारा भी चल पा रहा है. दुकान के दो कर्मचारी भी अलग-अलग दिनों में दुकान पर बैठते हैं. जिससे उनके घर की रोजी-रोटी भी चल पा रही है.


व्हाट्सएप से भी पहुंचा रहे सब्जी

शाहबुद्दीन चश्मे की दुकान चलाते आए हैं. इसलिए उन्हें काम करने का तरीका काफी अच्छे से पता है. उन्होंने अपने ग्राहकों को व्हाट्सएप के माध्यम से सूचना भेज दी है कि वो सब्जी की दुकान चला रहे हैं. उनको जानने वाले लोग उन्हें व्हाट्सएप पर मैसेज भेजते हैं और वो उन्हें सब्जी का रेट बता देते हैं.

साथ ही ये भी बता देते हैं कि संबंधित सब्जी उपलब्ध है या नहीं. इससे ग्राहक और दुकानदार दोनों का वक्त बच जाता है. ग्राहक का व्हाट्सएप मैसेज मिलते ही शाहबुद्दीन संबंधित सब्जी को पैक कर के रख देते हैं या फिर होम डिलीवरी की भी व्यवस्था उपलब्ध कराते हैं.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: पेट की आग बहुत बड़ी होती है और उसे बुझाने के लिए इंसान छोटे या बड़े काम को नहीं देखता है. गाजियाबाद से ही ऐसा उदाहरण सामने आया है. जहां पर चश्मे की दुकान चलाने वाले शहाबुद्दीन ने पेट भरने के लिए सब्जी बेचना शुरू कर दिया है. शाहबुद्दीन का कहना है कि संकट गहराने पर लॉकडाउन के दौरान सब्जी की दुकान खोल दी. उनका कहना है कि कोई काम बड़ा या छोटा नहीं होता. सबसे बड़ी होती है पेट की आग, जिसे बुझाना सबसे ज्यादा जरूरी है.

लॉकडाउन में बंद हुई चश्मे की दुकान तो लगाई सब्जी की स्टॉल
लाजपत नगर इलाके में है दुकान

साहिबाबाद के लाजपत नगर इलाके में शाहबुद्दीन की दुकान काफी पुरानी है. यहां से लोग चश्मा लेकर जाया करते थे. दुकान में 2 कर्मचारी भी काम करते हैं, लेकिन वो फिलहाल नहीं आ रहे हैं. लॉकडाउन को हुए जब कई दिन बीत गए, तो शाहबुद्दीन को लगा कि दुकान का खर्च कैसे निकलेगा. ऐसे में शाहबुद्दीन ने सब्जी की दुकान खोल ली. शाहबुद्दीन का कहना है कि इससे वो समाज की सेवा भी कर पा रहे हैं और गुजारा भी चल पा रहा है. दुकान के दो कर्मचारी भी अलग-अलग दिनों में दुकान पर बैठते हैं. जिससे उनके घर की रोजी-रोटी भी चल पा रही है.


व्हाट्सएप से भी पहुंचा रहे सब्जी

शाहबुद्दीन चश्मे की दुकान चलाते आए हैं. इसलिए उन्हें काम करने का तरीका काफी अच्छे से पता है. उन्होंने अपने ग्राहकों को व्हाट्सएप के माध्यम से सूचना भेज दी है कि वो सब्जी की दुकान चला रहे हैं. उनको जानने वाले लोग उन्हें व्हाट्सएप पर मैसेज भेजते हैं और वो उन्हें सब्जी का रेट बता देते हैं.

साथ ही ये भी बता देते हैं कि संबंधित सब्जी उपलब्ध है या नहीं. इससे ग्राहक और दुकानदार दोनों का वक्त बच जाता है. ग्राहक का व्हाट्सएप मैसेज मिलते ही शाहबुद्दीन संबंधित सब्जी को पैक कर के रख देते हैं या फिर होम डिलीवरी की भी व्यवस्था उपलब्ध कराते हैं.

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