नई दिल्लीः ठंड बढ़ने और मौसम का बदलते मिजाज के साथ-साथ गाजियाबाद की हवा का मिजाज भी बदलना शुरू हो गया है. दिल्ली-एनसीआर से सटे पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाएं सामने आ रही हैं. जिसकी वजह से प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. जिला प्रशासन द्वारा लगातार प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.
गाजियाबाद की वायु गुणवत्ता आज अत्यंत खराब श्रेणी में दर्ज की गई है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी किए गए आंकड़ों की माने तो गाजियाबाद का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 355 रहा, जो अत्यंत खराब श्रेणी में आता है.
एक नजर एनसीआर के प्रदूषण स्तर पर
गाजियाबाद | 355 |
दिल्ली | 293 |
ग्रेटर नोएडा | 310 |
नोएडा | 299 |
गुरुग्राम | 304 |
गाजियाबाद के लोनी इलाके के प्रदूषण स्तर की बात करें, तो यहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स जनपद में सबसे अधिक दर्ज किया गया है. लोनी का एयर क्वालिटी इंडेक्स 413 दर्ज किया गया है.
एक नजर गाजियाबाद के प्रदूषण स्तर पर
इंदिरापुरम | 326 |
वसुंधरा | 315 |
संजय नगर | 367 |
लोनी | 413 |
विशेषज्ञों की माने तो दिल्ली एनसीआर में आने वाले समय में एयर क्वालिटी इंडेक्स में और बढ़ोतरी देखने को मिल सकता है. पिछले कई सालों से देखने को मिला है कि अक्टूबर का महीना शुरू होते ही दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण पांव जमाना शुरू कर देता है.
वहीं हवा की शुद्धता की बात करें, तो एयर क्वालिटी इंडेक्स जब 0-50 होता है तो इसे अच्छी श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को संतोषजनक, 101-200 को मध्यम, 201-300 को खराब, 301-400 को अत्यंत खराब, 400-500 को गंभीर और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को बेहद गंभीर माना जाता है.