नई दिल्ली/गाजियाबाद: अपने लिए तो सब जीते हैं, लेकिन दूसरों के लिए जीने का नाम ही जिंदगी है. गाजियाबाद के बेहरामपुर की रहने वालीं ऋतु (Animal Lover Ritu) पिछले पांच सालों से शहर के बेसहारा कुत्तों को खाना खिलाती हैं. कुत्तों के प्रति इस प्यार के लिए उनकी शहर में चर्चा हो रही है. उनका कहना है कि अगर हम कुत्तों के साथ प्यार से पेश आएं तो वे हमेशा हमें प्यार करेंगे.
बेसहारा कुत्ते खाने की तलाश में सड़कों पर भटकते नजर आते हैं. देखने को मिलता है कि अक्सर खाना देना तो दूर लोग आवारा कुत्तों को पत्थर मारते नजर आते हैं. गाजियाबाद के बेहरामपुर की रहने वालीं ऋतु बीते पांच साल से बेसहारा कुत्तों का ख्याल रख रही हैं. स्कूटी पर हर दिन कुत्तों के लिए खाना लेकर निकलती हैं और बेसहारा कुत्तों का पेट भरती हैं.
दोस्त भी कर रहे हैं सहयोग
इस नेक काम में दोस्त श्रद्धा, शानू और पवन भी सहयोग करते हैं. ऋतु ने अपनी छोटी सी टीम को नाम दिया है 'बोर्न फॉर वाइसलेस' (Born For Voiceless). जैसे ही ऋतु फीडिंग पॉइंट्स पर पहुंचती हैं. कुत्ते उनके पास आ जाते है. ऋतु कुत्तों को गोद में लेकर दुलारती हैं. ऋतु एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करती हैं. ऐसे में वो सुबह और शाम में अपने साथियों के साथ कुत्तों को खाना खिलाने निकलती हैं.
बेजुबानों के लिए कुछ करने की थी इच्छा
ऋतु बताती हैं कि वह बचपन से देखती आई हैं कि लोग बेजुबान जानवरों के साथ अच्छा व्यहवार नहीं करते. बचपन से ही बेजुबान जानवरों के लिए कुछ करने की इच्छा थी. एक दिन दोस्तों के साथ मिलकर बेसहारा कुत्तों को खाना खिलाने की शुरुआत की. शुरुआती दिनों में घर के आसपास के इलाकों में ही कुत्तों को खाना खिलाने का बीड़ा उठाया, लेकिन धीरे-धीरे दायरा बढ़ता गया. अब गाजियाबाद और नोएडा के विभिन्न इलाकों में जाकर कुत्तों को खाना खिलाती हैं.
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आर्थिक समस्या के बावजूद खिलाती हैं खाना
ऋतु अपने घर में अकेली कमाने वाली हैं और छोटी सी तनख्वाह में परिवार के साथ-साथ बेसहारा कुत्तों का भी पेट भरती हैं. ऋतु बताती हैं कई बार तो आर्थिक तौर पर समस्याओं का सामना करना पड़ता, लेकिन बेजुबानों का पेट भरकर बहुत खुशी महसूस होती है. आगे चलकर ऋतु एक एनजीओ शुरू करना चाहती हैं और उनका सपना है कि बेजुबान जानवरों को खाना खिलाने के साथ-साथ उनके इलाज आदि की भी देखभाल करना है.
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