नई दिल्ली/गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश का गाजियाबाद कोविड-19 वैश्विक महामारी के संक्रमण से अधिक प्रभावित जिला है. हर दिन भारी संख्या में कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं. अनलॉक में तमाम व्यवसायिक गतिविधियां शुरू हुए करीब एक महीने से अधिक हो चुका है लेकिन कोरोना काल मे असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए दो वक्त की रोटी का इंतजाम करना किसी चुनौती से कम नहीं है.
कोरोना काल में नहीं मिल रहा काम
ईटीवी भारत से बातचीत में मजदूरों ने बताया कि कोरोना काल के दौरान उन्हें रोजगार संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. मजदूरों का कहना है कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के चलते काम पर बहुत असर पड़ा है. इन दिनों बमुश्किल तमाम महीने में हफ्ते- दो हफ्ते का काम मिल पाता है. जबकि बाकी दिन काम ना मिलने के कारण खाली रहना पड़ता है.
दरअसल मजदूरों का कहना है कि कोरोना काल में लोग अपने घरों में काम करवाते हुए डर रहे हैं. मजदूर अलग-अलग घरों में जाकर काम करते हैं. ऐसे में कहीं ना कहीं संक्रमण का खतरा अधिक हो जाता है. जिसके चलते केवल वो लोग काम करवा रहे हैं जिनको बहुत ही जरूरत है.
मजदूरों का कहना है कि हर सुबह काम की तलाश में वह समय पर यहां पर पहुंच जाते हैं लेकिन काम ना मिलने के कारण उन्हें निराश होकर घरों को वापस लौटना पड़ता है. कोरोना काल में मजदूरों के सामने अपना और अपने परिवार का पेट भरना बड़ी चुनौती है.