नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद के लिंक रोड थाना क्षेत्र के वैशाली मेट्रो स्टेशन से बीती 27 तारीख को पुलिस को सूचना दी गई थी कि सुनील नाम के एक व्यक्ति के साथ सात लाख से ज्यादा की लूट हो गई है. इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची. जांच के क्रम में पुलिस को शक हुआ कि यह मामला लूट का नहीं है. पुलिस ने सीसीटीवी खंगालने शुरू किए. जिसके बाद यह बात क्लियर हो गया लूट की गलत सूचना दी गयी है. कलेक्शन एजेंट सुनील से जब कड़ाई से पूछताछ की गयी ताे उसने बताया कि उसने पूरी रकम अपने एक दोस्त को दे दी है. मगर इसके पीछे का कारण बेहद चौंकाने वाला था. इस झूठी लूट की कहानी के पीछे एक बदला छुपा हुआ था.
पुलिस के मुताबिक सुनील अपने जीजा के पास बतौर कलेक्शन एजेंट काम करता था. जीजा के लिए पूरी रकम वही कलेक्ट करके लाता था. 27 तारीख को उसके पास सात लाख 80 हज़ार रुपये थे. उसने सोचा कि यह रकम वह अपने जीजा को नहीं देगा. लूट की झूठी कहानी उसने रची. इसमें उसने अपने दोस्त को कहा कि वह कुछ रकम उसके पास रखना चाहता है, जिसे बाद में ले लेगा. पुलिस को उसने बताया कि उसके साथ लूट हो गई है.
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सुनील ने बताया कि उसके जीजा ने पूर्व में उसकी बहन का उस समय इलाज नहीं करवाया था,जब वह काफी बीमार पड़ी थी. उस समय सुनील की बहन गर्भवती भी थी. सुनील ने बताया कि इलाज ना होने की वजह से उसकी बहन के बच्चे की मौत हो गई थी. इसी बात का बदला लेने के लिए वह काफी समय से परेशान था. बस फिर क्या था उसने अपने जीजा के लाखों रुपए हड़पने की साजिश की.
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एसपी सिटी द्वितीय ज्ञानेंद्र सिंह के मुताबिक सुनील के साथ लूट नहीं हुई थी. उसने खुद ही अपने दोस्तों को रुपए दे दिए थे. पुलिस के मुताबिक आरोपी के पास अपने ही जीजा की सात लाख से ज्यादा की रकम थी. सुनील को लगा कि वह अपने जीजा को यह रुपए नहीं देगा. इसके अलावा सुनील ने करीब 5 लाख रुपये का कर्जा भी अपने जीजा से ले रखा था, जिसे वह नहीं चुकाना चाहता था.
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