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गंगनहर की साफ-सफाई के नाम पर की जाती है खानापूर्ति: महंत मुकेश गोस्वामी - गंगनहर नहीं साफ

गंगनहर को साफ सफाई के नाम पर 1 माह के लिए बंद रखा गया था, लेकिन यहां साफ-सफाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति होती है. हर साल शेड्यूल के अनुसार साफ सफाई के लिए गंग नहर को सिंचाई विभाग द्वारा एक माह के लिए बंद कर दिया जाता है.

Cleanliness is not done in gangnahar
'गंगनहर की साफ सफाई के नाम पर की जाती है खानापूर्ति'
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Published : Nov 19, 2020, 4:39 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: ईटीवी भारत को छोटा हरिद्वार मंदिर के महंत मुकेश गोस्वामी ने बताया कि साफ-सफाई के लिए गंगनहर को 1 माह के लिए बंद रखा गया था, लेकिन साफ सफाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गई है.

गंग नहर की साफ सफाई के नाम पर की जाती है खानापूर्ति

सफाई के नाम पर खानापूर्ति की जाती है

तकरीबन 1 महीने बाद हरिद्वार से गंग नगर में पानी छोड़ा दिया गया है. क्योंकि हर साल शेड्यूल के अनुसार साफ सफाई के लिए गंग नहर को सिंचाई विभाग द्वारा एक माह के लिए बंद कर दिया जाता है, लेकिन अब वहीं दूसरी ओर छोटा हरिद्वार का नहर के मंहत मुकेश गोस्वामी का कहना है कि हर साल साफ सफाई के नाम पर गंग नहर को बंद कर दिया जाता है, लेकिन साफ सफाई के नाम पर खानापूर्ति की जाती है.

Cleanliness is not done in the name of cleaning the Ganga Canal
गंग नहर की साफ सफाई के नाम पर की जाती है खानापूर्ति


एक महीने बाद गंगाजल में खुशी का माहौल

ईटीवी भारत को छोटा हरिद्वार गंग नहर के महंत मुकेश गोस्वामी ने बताया कि गंग नहर में एक महीने बाद गंगाजल के शुरू होने से उनमें खुशी का माहौल है. लेकिन गंग नहर की साफ सफाई ना होने से उनमें नाराजगी है. क्योंकि हर साल साफ सफाई के लिए गंग नहर को 1 माह तक के लिए बंद रखा जाता है. लेकिन साफ सफाई के नाम पर महज खानापूर्ति की जाती है.



गंग नहर पर सुविधाओं का अभाव

महंत मुकेश गोस्वामी का कहना है कि गंग नहर पर मंदिर समिति से जुड़े लोगों के साथ सामाजिक संस्थाएं आकर साफ सफाई करती हैं. लेकिन प्रशासन की ओर से किसी भी प्रकार की साफ सफाई नहीं की जाती है. गंगनहर की साफ-सफाई को लेकर वह कई बार प्रशासन को पत्र भी लिख चुके हैं. इसके बावजूद गंगनहर पर स्ट्रीट लाइटें, पीने के पानी और साफ सफाई की व्यवस्था नहीं की जाती है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: ईटीवी भारत को छोटा हरिद्वार मंदिर के महंत मुकेश गोस्वामी ने बताया कि साफ-सफाई के लिए गंगनहर को 1 माह के लिए बंद रखा गया था, लेकिन साफ सफाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गई है.

गंग नहर की साफ सफाई के नाम पर की जाती है खानापूर्ति

सफाई के नाम पर खानापूर्ति की जाती है

तकरीबन 1 महीने बाद हरिद्वार से गंग नगर में पानी छोड़ा दिया गया है. क्योंकि हर साल शेड्यूल के अनुसार साफ सफाई के लिए गंग नहर को सिंचाई विभाग द्वारा एक माह के लिए बंद कर दिया जाता है, लेकिन अब वहीं दूसरी ओर छोटा हरिद्वार का नहर के मंहत मुकेश गोस्वामी का कहना है कि हर साल साफ सफाई के नाम पर गंग नहर को बंद कर दिया जाता है, लेकिन साफ सफाई के नाम पर खानापूर्ति की जाती है.

Cleanliness is not done in the name of cleaning the Ganga Canal
गंग नहर की साफ सफाई के नाम पर की जाती है खानापूर्ति


एक महीने बाद गंगाजल में खुशी का माहौल

ईटीवी भारत को छोटा हरिद्वार गंग नहर के महंत मुकेश गोस्वामी ने बताया कि गंग नहर में एक महीने बाद गंगाजल के शुरू होने से उनमें खुशी का माहौल है. लेकिन गंग नहर की साफ सफाई ना होने से उनमें नाराजगी है. क्योंकि हर साल साफ सफाई के लिए गंग नहर को 1 माह तक के लिए बंद रखा जाता है. लेकिन साफ सफाई के नाम पर महज खानापूर्ति की जाती है.



गंग नहर पर सुविधाओं का अभाव

महंत मुकेश गोस्वामी का कहना है कि गंग नहर पर मंदिर समिति से जुड़े लोगों के साथ सामाजिक संस्थाएं आकर साफ सफाई करती हैं. लेकिन प्रशासन की ओर से किसी भी प्रकार की साफ सफाई नहीं की जाती है. गंगनहर की साफ-सफाई को लेकर वह कई बार प्रशासन को पत्र भी लिख चुके हैं. इसके बावजूद गंगनहर पर स्ट्रीट लाइटें, पीने के पानी और साफ सफाई की व्यवस्था नहीं की जाती है.

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