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..तो इसलिए आंदोलन वापसी पर किसान नहीं निकालेंगे जुलूस

गाजीपुर बाॉर्डर पर प्रदर्शन ( Farmers Protest On Ghazipur Border) कर रहे किसानों ने आंदोलन वापसी पर जुलूस नहीं निकालने का फैसला किया है. सीडीएस बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat Death) की शहादत के दुख में डूबे किसानों किसी भी तरह का जश्न नहीं मनाने का फैसला किया है. सीडीएस बिपिन रावत की शहादत पर किसानों ने मोमबत्ती भी जलाई और मौन भी रखा.

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Published : Dec 9, 2021, 1:55 PM IST

farmer protest on ghazipur border
गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन

नई दिल्ली/गाजियाबाद : सीडीएस बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat Death) की शहादत के दुख में डूबे हुए किसान किसी भी तरह का जश्न नहीं मनाएंगे. किसानों ने यह घोषणा की है. किसान सिर्फ घर वापसी के लिए औपचारिक घोषणा का इंतजार कर रहे हैं. किसानों ने कहा कि सीडीएस बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat Death) और बाकी अधिकारियों की शहादत देश के लिए एक बड़ी हानि है. इस हानि की भरपाई नहीं की जा सकती है. किसान इसी वजह से काफी गमगीन है. किसानों ने मोमबत्ती भी जलाई और मौन भी रखा. उन्होंने कहा कि पूरे देश का किसान उदास है. सभी देश भर के किसानों को इस बात की जानकारी दी जा रही है कि अगर किसान आंदोलन वापस होता है तो कहीं भी कोई जश्न न मनाया जाए.

वहीं, किसान रमेश मलिक ने कहा कि इतना बड़ा हादसा हुआ है, जिसकी भरपाई देश नहीं कर सकता है. पूरा देश इस हादसे की वजह से दुखी है. इसलिए कोई सवाल नहीं उठता कि आंदोलन वापसी के बाद कोई जश्न मनाया जाए. किसानों की तैयारी थी कि आंदोलन खत्म होने पर जश्न के रूप में बड़ा जुलूस निकाला जाएगा. लेकिन किसान नेताओं से निर्देश मिला है कि किसी भी जुलूस या जश्न को अब न मनाया जाए. एक तरफ आंदोलन में किसानों की शहादत से किसान पहले ही दुखी थे. लेकिन अब जवान की शहादत ने सभी को झकझोर कर रख दिया है.

आंदोलन वापसी पर किसानों की राय

ये भी पढ़ें : कच्चे कागजों पर नहीं, पक्के कागजों पर बनेगी बात: राकेश टिकैत

किसानों ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) का जैसे ही आदेश होगा, किसान वापस जाने की तैयारी शुरू करेगा. उसी तैयारी के साथ जश्न की तैयारी की गई थी. लेकिन अब इतनी बड़ी क्षति हुई है, जिसकी पूर्ति नहीं हो सकती है. किसानों ने बताया कि नजदीक के जिलों के सभी किसान आज बॉर्डर (Ghazipur Border) पर पहुंच रहे हैं. एक श्रद्धांजलि कार्यक्रम का भी आयोजन बॉर्डर पर किया जाएगा.

नई दिल्ली/गाजियाबाद : सीडीएस बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat Death) की शहादत के दुख में डूबे हुए किसान किसी भी तरह का जश्न नहीं मनाएंगे. किसानों ने यह घोषणा की है. किसान सिर्फ घर वापसी के लिए औपचारिक घोषणा का इंतजार कर रहे हैं. किसानों ने कहा कि सीडीएस बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat Death) और बाकी अधिकारियों की शहादत देश के लिए एक बड़ी हानि है. इस हानि की भरपाई नहीं की जा सकती है. किसान इसी वजह से काफी गमगीन है. किसानों ने मोमबत्ती भी जलाई और मौन भी रखा. उन्होंने कहा कि पूरे देश का किसान उदास है. सभी देश भर के किसानों को इस बात की जानकारी दी जा रही है कि अगर किसान आंदोलन वापस होता है तो कहीं भी कोई जश्न न मनाया जाए.

वहीं, किसान रमेश मलिक ने कहा कि इतना बड़ा हादसा हुआ है, जिसकी भरपाई देश नहीं कर सकता है. पूरा देश इस हादसे की वजह से दुखी है. इसलिए कोई सवाल नहीं उठता कि आंदोलन वापसी के बाद कोई जश्न मनाया जाए. किसानों की तैयारी थी कि आंदोलन खत्म होने पर जश्न के रूप में बड़ा जुलूस निकाला जाएगा. लेकिन किसान नेताओं से निर्देश मिला है कि किसी भी जुलूस या जश्न को अब न मनाया जाए. एक तरफ आंदोलन में किसानों की शहादत से किसान पहले ही दुखी थे. लेकिन अब जवान की शहादत ने सभी को झकझोर कर रख दिया है.

आंदोलन वापसी पर किसानों की राय

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किसानों ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) का जैसे ही आदेश होगा, किसान वापस जाने की तैयारी शुरू करेगा. उसी तैयारी के साथ जश्न की तैयारी की गई थी. लेकिन अब इतनी बड़ी क्षति हुई है, जिसकी पूर्ति नहीं हो सकती है. किसानों ने बताया कि नजदीक के जिलों के सभी किसान आज बॉर्डर (Ghazipur Border) पर पहुंच रहे हैं. एक श्रद्धांजलि कार्यक्रम का भी आयोजन बॉर्डर पर किया जाएगा.

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