नई दिल्ली/गाजियाबाद: कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी पर कानून की गारंटी की मांग को लेकर दिल्ली गाजीपुर बार्डर समेत राजधानी विभिन्न सीमाओं ओर चल रहे किसान आंदोलन को गुरुवार को नौ महीने पूरे हो गए हैं. आंदोलन के नौ महीने पूरे होने पर जहां एक तरफ सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा का राष्ट्रीय अधिवेशन चल रहा है तो वहीं दूसरी तरफ विभिन्न बॉर्डर पर किसानों ने कई कार्यक्रम किए. गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने हवन यज्ञ कर भाजपा सरकार की बुद्धि शुद्धि की कामना की.
संयुक्त किसान मोर्चा के प्रवक्ता व किसान नेता जगतार सिंह बाजवा ने कहा कि केंद्र सरकार पूरी तरह से तानाशाही पर उतारू है. अभी तक किसान आंदोलन में 600 से अधिक किसान शहादत दे चुके हैं. लेकिन सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है, जो सरकार की किसानो-मजदूरों के प्रति उदासीनता का जीता जागता प्रमाण है.
सरकार बहुराष्ट्रीय कंपनियों की गुलाम हो चुकी है. हमें सरकार की आजादी के लिए किसान आंदोलन को और तेज करना होगा जिससे भारत की आजादी सुरक्षित हो सकेगी. देश की आजादी के बाद मजदूरों-किसानों ने इस देश को बनाने का काम किया अब यही मजदूर किसान इस देश को बचाने के लिए आगे आए हैं.
ये भी पढ़ें- किसान नेता राकेश टिकैत से बोली नन्हीं पोती- जब तक बिल वापसी नहीं, तब तक घर वापसी नहीं
ये भी पढ़ें- गाजीपुर बॉर्डर पर देशभक्ति का रंग, किसानों ने फहराया तिरंगा
भारतीय किसान यूनियन के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन ने कहा कि 5 सिंतबर को मुजफ्फरनगर में किसान अपनी ताकत दिखाएंगे. आज गाजीपुर बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा के नेता जगतार सिंह बाजवा, भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजेश चौहान आदि ने आंदोलन के आगामी कार्यक्रमों पर विचार विमर्श किया और 5 सितंबर की मुजफ्फरनगर महापंचायत को सफल बनाने की रणनीति बनाई.
ये भी पढ़ें- गाजीपुर बॉर्डर पर ईंधन की बढ़ती कीमतों के खिलाफ किसानों का विरोध-प्रदर्शन