गाजियाबाद/नई दिल्ली : एक समान मुआवजे की मांग को लेकर किसानों ने गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के दफ्तर के मुख्य दरवाजे पर ताला लगा दिया. ताला लगने की वजह से जीडीए के अधिकारी काफी देर तक जीडीए के भीतर ही बंद रहे. किसानों ने काफी देर तक GDA के बाहर प्रदर्शन भी किया. हालांकि मौके पर पहुंचे प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों ने किसानों को समझाया. मगर किसानों ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी तब तक दफ्तर के गेट पर लगा ताला नहीं खोलेंगे.
मामला गाजियाबाद के मधुबन बापूधाम आवासीय योजना से जुड़ा हुआ है. किसानों का आरोप है कि कुछ साल पहले उनकी जमीन अधिग्रहित की गई थी. जिसका उन्हें एक समान मुआवजा नहीं मिला था. जिसके चलते वह लगातार जीडीए से अपनी एक सामान मुआवजे की मांग को करते आ रहे हैं. मगर सुनवाई नहीं हुई है. धरने पे बैठी महिला किसान निम्मो ने बताया कि एक समान मुआवजे की मांग को लेकर जीडीए के नवयुग मार्केट स्थित मुख्य दफ्तर पर पहुंचे हैं. जीडीए के अधिकारियों ने हमें कई बार झूठा आश्वासन दिया है लेकिन अभी तक सुनवाई नहीं हुई है. महिला किसान ने आगे बताया कि हमने जीडीए के गेट पर ताला लगा दिया है और जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होंगी हम ताला लगा कर रखेंगे.
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वहीं दूसरी महिला किसान चेतना सोलंकी का कहना है कि सभी को बराबर मुआवजा मिलना चाहिए. सबको बराबर हिस्सा मिलना चाहिए. किसी को कम मुआवजा दिया गया और किसी को ज्यादा. जबकि सब की जमीन बराबर गई थी. किसान गुस्से में थे और उनका कहना है कि न कोई अधिकारी अंदर जा पाएगा और न ही कोई अधिकारी जीडीए दफ्तर के बाहर आ पाएगा. जब तक मांगे पूरी नहीं होगी तब तक किसान यहां से हिलने वाले नहीं हैं.
किसान गौरी शंकर का कहना है कि 19 महीने से मधुबन बापूधाम में इसी मुद्दे को लेकर धरना चल रहा है. इस योजना के तहत सारी बातें जीडीए की तरफ से लिखित में दी गई थी लेकिन उन पर अमल नहीं किया गया. किसान चाहते हैं कि इतने लंबे समय से धरना चल रहा है तो इसका समाधान होना चाहिए. किसान गौरीशंकर ने कहा कि ट्रैक्टर लेकर किसान जीडीए के दफ्तर पर पहुंचे हैं और एक समान मुआवजे की मांग कर रहे हैं. जब हम परेशान हैं, तो जीडीए के अधिकारियों को भी परेशान करेंगे. हमसे बात करने के लिए SDM सदर आए थे और वो फिर से आश्वासन देकर गए हैं.
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