नई दिल्ली/गाजियाबाद: हर दिन हजारों लोगों को जिला मुख्यालय में अपनी शिकायतें लेकर आते हैं लेकिन उनमें से कुछ लोग बहुत गरीब, बेसहारा और असहाय होते हैं जिनके पास अपनी शिकायत को टाइप करा कर ठीक प्रकार से जिला प्रशासन के समक्ष रखने के पैसे तक नहीं होते. ऐसे लोगों की सहायता करने के लिए गाजियाबाद के जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे ने एक अनोखी पहल की शुरुआत की है.
विभागाध्यक्षों को भेजे गए निर्देश
जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे ने सभी विभागों के विभागाध्यक्षों एवं उप जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं, जिसमें कहा गया है कि कार्यालयों में ऐसे फरियादी आते हैं जिनकी वित्तीय स्थिति अत्यंत खराब होती है और निराश्रित होते हैं. उनके पास अपनी परेशानी को लिखित रूप में किसी बाहरी व्यक्ति से टाइप कराने के पैसे भी नहीं होते.
ऐसे तमाम आवेदकों को ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारी ने समस्त विभाग अध्यक्षों को एवं उप जिला अधिकारी को निर्देशित किया है कि प्रत्येक कार्यालय में प्रतिदिन रोस्टर के हिसाब से किसी ना किसी कंप्यूटर के जानकार लिपिक को फरियादी मित्र के नाम से ऐसे निराश लोगों के लिए तैनात करने के लिए अधिकृत किया जाए. जो अधिकारी जन सुनवाई के लिए बैठे हैं वे इन फरियादी मित्र को अपने साथ रखें और जरूरत पड़ने पर उनका प्रार्थनापत्र वही तैयार कराएं, जिलाधिकारी ने इसके अनुपालन रिपोर्ट 13 मार्च तक मांगी है.
बार एसोसिएशन को भी भेजा गया पत्र
जिलाधिकारी ने इसके अलावा जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष को भी पत्र भेजा है. जिसमें ऐसे गरीब बेसहारा निराश्रित लोगों के लिए निशुल्क विधिक राय देने के लिए एक पटेल स्थापित करने को कहा है जो अधिवक्ता स्वेच्छा से इस कार्य के लिए तैयार हो उन्हें इस कार्य के लिए अधिकृत किया जा सकता है. जहां व्यवस्था ना हो सके वहां नामिका अधिवक्ता को इस कार्य के लिए अधिकृत किया जाए.