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गाजियाबाद: चाइना बॉयकॉट से बढ़ी कुम्हारों की आस, दिवाली में मिट्टी के दीयों की मांग

गाज़ियाबाद जिले में दिवाली पर इस बार चाइना का माल नहीं मंगाया गया है. वहीं बाजार में मिट्टी के दीयों की मांग बढ़ी है. जिससे मिट्टी के दीये बनाने वालों को काफी उम्मीदें हैं और वे रंग बिरंगे दीपक बनाने में जुटे हुए हैं.

Expectation of potters from China Boycott in Ghaziabad
चाइना बॉयकॉट से बढ़ी कुम्हारों की आस
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Published : Oct 26, 2020, 12:17 PM IST

नई दिल्ली/गाज़ियाबाद: जिले में इस बार दिवाली पर चाइना का माल नहीं मंगाया गया है. जिससे मिट्टी के दीपक बनाने वालों की उम्मीद बढ़ी है. पिछले साल के मुकाबले मिट्टी के दीपक की बिक्री में इस साल इजाफा हो गया है. गाज़ियाबाद में पिछले कई सालों से मिट्टी के दीपक बनाने वाले उम्र चंद का कहना है कि दिवाली की डिमांड को देखते हुए मिट्टी के दीपक तैयार कर रहे हैं. पिछले सालों की तुलना में अधिक मात्रा में मिट्टी के दीपक बनाए जा रहे हैं. रंग बिरंगे मिट्टी के दीपक भी तैयार कर रहे हैं.

चाइना बॉयकॉट से बढ़ी कुम्हारों की आस

हर तरफ देसी की धूम

बीते सालों में देखा गया था कि पूरे बाजार पर चाइनीज दीयों का कब्जा हुआ करता था, लेकिन इस बार भारतीय दीपक की डिमांड बढ़ गई है. यही वजह है कि मिट्टी के दीपक बनाने वालों की उम्मीदें भी बढ़ गई है. जिस तरह से चाइना के माल का लोगों ने बायकॉट किया है, उससे यह अनुमान है कि देसी सामान की धूम होगी. दिवाली के इस सीजन में कहीं पर भी चाइनीज माल नजर नहीं आ रहा. पटाखा व्यापारियों और खिलौना व्यापारियों ने भी साफ कर दिया था कि वह चाइना का माल नहीं बेचेंगे. इससे जाहिर तौर पर फायदा छोटे दुकानदारों और दीपक बनाने वाले लोगों को भी होगा. क्योंकि मार्केट में उनके सामान की सप्लाई बढ़ेगी, जिससे बीते सालों में हुआ नुकसान भी शायद भर पाए.


अफॉर्डेबल दाम पर भारतीय सामान
भारतीय सामान बनाने वालों ने चाइना को एक बार फिर मुंह तोड़ जवाब दिया है. भारतीय सामान इस बार दिवाली पर काफी अफॉर्डेबल रेट में उपलब्ध हो रहा है. रंग बिरंगे दीपक भी काफी सस्ते बाजार में आ गए हैं. खास बात यह है कि यह सभी भारत में ही बने हुए हैं. स्थानीय स्तर पर बन रहे सामान की सप्लाई मार्केट में होने से यह मुमकिन हो पाया है. इससे प्रधानमंत्री का वोकल फॉर लोकल स्लोगन भी जीवंत हो रहा है.

नई दिल्ली/गाज़ियाबाद: जिले में इस बार दिवाली पर चाइना का माल नहीं मंगाया गया है. जिससे मिट्टी के दीपक बनाने वालों की उम्मीद बढ़ी है. पिछले साल के मुकाबले मिट्टी के दीपक की बिक्री में इस साल इजाफा हो गया है. गाज़ियाबाद में पिछले कई सालों से मिट्टी के दीपक बनाने वाले उम्र चंद का कहना है कि दिवाली की डिमांड को देखते हुए मिट्टी के दीपक तैयार कर रहे हैं. पिछले सालों की तुलना में अधिक मात्रा में मिट्टी के दीपक बनाए जा रहे हैं. रंग बिरंगे मिट्टी के दीपक भी तैयार कर रहे हैं.

चाइना बॉयकॉट से बढ़ी कुम्हारों की आस

हर तरफ देसी की धूम

बीते सालों में देखा गया था कि पूरे बाजार पर चाइनीज दीयों का कब्जा हुआ करता था, लेकिन इस बार भारतीय दीपक की डिमांड बढ़ गई है. यही वजह है कि मिट्टी के दीपक बनाने वालों की उम्मीदें भी बढ़ गई है. जिस तरह से चाइना के माल का लोगों ने बायकॉट किया है, उससे यह अनुमान है कि देसी सामान की धूम होगी. दिवाली के इस सीजन में कहीं पर भी चाइनीज माल नजर नहीं आ रहा. पटाखा व्यापारियों और खिलौना व्यापारियों ने भी साफ कर दिया था कि वह चाइना का माल नहीं बेचेंगे. इससे जाहिर तौर पर फायदा छोटे दुकानदारों और दीपक बनाने वाले लोगों को भी होगा. क्योंकि मार्केट में उनके सामान की सप्लाई बढ़ेगी, जिससे बीते सालों में हुआ नुकसान भी शायद भर पाए.


अफॉर्डेबल दाम पर भारतीय सामान
भारतीय सामान बनाने वालों ने चाइना को एक बार फिर मुंह तोड़ जवाब दिया है. भारतीय सामान इस बार दिवाली पर काफी अफॉर्डेबल रेट में उपलब्ध हो रहा है. रंग बिरंगे दीपक भी काफी सस्ते बाजार में आ गए हैं. खास बात यह है कि यह सभी भारत में ही बने हुए हैं. स्थानीय स्तर पर बन रहे सामान की सप्लाई मार्केट में होने से यह मुमकिन हो पाया है. इससे प्रधानमंत्री का वोकल फॉर लोकल स्लोगन भी जीवंत हो रहा है.

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