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मजबूरी के सामने नहीं टेके घुटने, ई-रिक्शा चालक ने खोली चलती-फिरती दुकान - Mobile garment Store

लॉकडाउन में जब सभी के कारोबार ठप हो गए और ई-रिक्शा में एक सवारी के नियम से भी रोजी रोटी पर संकट गहरा गया तब तो ई-रिक्शा चालक पवन सिंह ने चलती फिरती दुकान का फार्मूला निकाला और चल पड़ी गाड़ी..

Pawan Singh, e rickshaw driver
पवन सिंह, ई रिक्शा चालक
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Published : Jun 6, 2020, 3:42 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे जनपद गाजियाबाद में रहने वाले पवन सिंह ने लॉकडाउन में चलती फिरती कपड़े की दुकान खोली है. रोजी रोटी का संकट गहराया, तो उन्होंने एक नया फार्मूला निकाला. पहले वो ई-रिक्शा चलाया करते थे, लेकिन फिलहाल ई-रिक्शा में एक ही सवारी बैठाने की इजाजत है. ऐसे में आर्थिक संकट गहराने लगा था.

ई-रिक्शा चालक ने लॉकडाउन में निकाला नया फार्मूला, शुरू की चलती फिरती दुकान

किराए का ई रिक्शा, चल पड़ी गाड़ी

लॉकडाउन जब हुआ, तो सब कुछ बंद हो गया था. ऐसे में पवन सिंह का छह सदस्यों का परिवार काफी परेशान हो गया था. लॉकडाउन में रियायत के बाद भी ई-रिक्शा चलाना आसान नहीं हुआ. लेकिन पवन ने हिम्मत नहीं हारी,और एक आईडिया निकाला. जेब में रुपए नहीं थे तो पवन सिंह ने उधार पर रेडीमेड कपड़े खरीदे, और ई-रिक्शा के माध्यम से उन्हें गली मोहल्ले में जाकर बेच रहे हैं. फिलहाल साप्ताहिक बाजार लगाने की भी इजाजत नहीं है. ऐसे में 6 लोगों का परिवार पालना पवन के लिए आसान नहीं था. पवन का कहना है कि इस चलती फिरती दुकान से फिलहाल राशन का इंतजाम हो पा रहा है. ई-रिक्शा भी वह किराए पर ही लेते हैं.


जज्बे से निकला आईडिया

जब दोबारा सब कुछ चलाने की इजाजत हुई, और फिर भी मायूसी ही हाथ लगी, तो पवन ने हार नहीं मानी. उन्होंने जज्बा दिखाया, और परिवार ने उन्हें हिम्मत बंधाई. पवन ने सोच लिया कि किसी के सामने हाथ फैलाने से अच्छा, कोई नया आईडिया निकाला जाए. उन्हें साप्ताहिक बाजार की जानकारी पहले से थी, और ई रिक्शा का काम वो कर ही रहे थे. दोनों काम जोड़कर जज्बे से आईडिया निकाला. जिससे फिलहाल का काम तो बन ही गया है. ऐसे में यह एक उदाहरण है, उन लोगों के लिए, जो जल्दी हार मान जाते हैं. और हालातों के सामने घुटने टेक देते हैं. पवन का मानना है कि जब लॉकडाउन पूरी तरह से खुल जाएगा, तो उनके दोनों काम मिला कर वह इससे अच्छी कमाई कर पाएंगे.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे जनपद गाजियाबाद में रहने वाले पवन सिंह ने लॉकडाउन में चलती फिरती कपड़े की दुकान खोली है. रोजी रोटी का संकट गहराया, तो उन्होंने एक नया फार्मूला निकाला. पहले वो ई-रिक्शा चलाया करते थे, लेकिन फिलहाल ई-रिक्शा में एक ही सवारी बैठाने की इजाजत है. ऐसे में आर्थिक संकट गहराने लगा था.

ई-रिक्शा चालक ने लॉकडाउन में निकाला नया फार्मूला, शुरू की चलती फिरती दुकान

किराए का ई रिक्शा, चल पड़ी गाड़ी

लॉकडाउन जब हुआ, तो सब कुछ बंद हो गया था. ऐसे में पवन सिंह का छह सदस्यों का परिवार काफी परेशान हो गया था. लॉकडाउन में रियायत के बाद भी ई-रिक्शा चलाना आसान नहीं हुआ. लेकिन पवन ने हिम्मत नहीं हारी,और एक आईडिया निकाला. जेब में रुपए नहीं थे तो पवन सिंह ने उधार पर रेडीमेड कपड़े खरीदे, और ई-रिक्शा के माध्यम से उन्हें गली मोहल्ले में जाकर बेच रहे हैं. फिलहाल साप्ताहिक बाजार लगाने की भी इजाजत नहीं है. ऐसे में 6 लोगों का परिवार पालना पवन के लिए आसान नहीं था. पवन का कहना है कि इस चलती फिरती दुकान से फिलहाल राशन का इंतजाम हो पा रहा है. ई-रिक्शा भी वह किराए पर ही लेते हैं.


जज्बे से निकला आईडिया

जब दोबारा सब कुछ चलाने की इजाजत हुई, और फिर भी मायूसी ही हाथ लगी, तो पवन ने हार नहीं मानी. उन्होंने जज्बा दिखाया, और परिवार ने उन्हें हिम्मत बंधाई. पवन ने सोच लिया कि किसी के सामने हाथ फैलाने से अच्छा, कोई नया आईडिया निकाला जाए. उन्हें साप्ताहिक बाजार की जानकारी पहले से थी, और ई रिक्शा का काम वो कर ही रहे थे. दोनों काम जोड़कर जज्बे से आईडिया निकाला. जिससे फिलहाल का काम तो बन ही गया है. ऐसे में यह एक उदाहरण है, उन लोगों के लिए, जो जल्दी हार मान जाते हैं. और हालातों के सामने घुटने टेक देते हैं. पवन का मानना है कि जब लॉकडाउन पूरी तरह से खुल जाएगा, तो उनके दोनों काम मिला कर वह इससे अच्छी कमाई कर पाएंगे.

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