नई दिल्ली/गाजियाबाद: देश के 8 प्रसिद्ध मंदिर मठों में से एक प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर के द्वार 21 से 31 मार्च के बीच भक्तों के लिए बंद रहेंगे. इन 10 दिनों में भक्त भगवान के दर्शन नहीं कर पाएंगे.
कोरोना वायरस के खतरे के चलते मठ समिति ने द्वार बंद करने का फैसला किया है. मंदिर ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करके कहा है कि इन 10 दिनों में भगवान का नित्य पूजन, श्रृंगार, आरती, भोग और प्रसाद होता रहेगा.
रावण ने भी की थी पूजा अर्चना
गाजियाबाद में जस्सीपुरा मोड़ के पास स्थित प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर की प्राचीन मान्यता है कि यहां पर रावण ने भी पूजा-अर्चना की थी. लोगों का मानना है कि रावण ने अपना दसवां शीश भगवान दूधेश्वर के चरणों में यहीं अर्पित किया था. दूर-दूर से श्रद्धालु इस मंदिर में भगवान दूधेश्वर के दर्शन के लिए आते हैं.
मंदिर में हो रही पूजा अर्चना के दौरान भगवान से यही प्रार्थना की जा रही है कि देश को कोरोना वायरस से भगवान मुक्ति दिलाएं. जिससे सब कुछ पहले की तरह सामान्य हो जाए.
मंदिर की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति
जय दूधेश्वर महादेव
!! विशेष सार्वजनिक सूचना !!
श्री दूधेश्वर नाथ मन्दिर गाजियाबाद उत्तर प्रदेश, उत्तर प्रदेश सरकार, गाजियाबाद जिला प्रसासन, पुलिस प्रशासन और श्रीमहन्त गौरी गिरि श्री दूधेश्वर नाथ मठ मन्दिर समिति की सर्व सम्मति से यह फैसला लिया गया है कि 21 मार्च से 31 मार्च 2020 तक भक्तों के दर्शनार्थ बन्द रहेगा.
भगवान दूधेश्वर का नित्य पूजन अभिषेक, श्रृंगार ,आरती और भोग प्रसाद सभी कार्य नित्य संपन्न किए जाएंगे. लेकिन सभी शहर वासियों, देश वासियों और भक्तों के उत्तम स्वास्थय के लिये भगवान श्री दूधेश्वर के दर्शन के लिए मंदिर के द्वार 10 दिनों तक बन्द रहेंगे.
हम भगवान दूधेश्वर से प्रर्थना करते हैं कि भगवान शीघ्र इस संक्रमण को समाप्त करके सभी को यथावत सुखमय जीवन व्यतित करने की कृपा करें. हमारी पूरी कोशिश है कि कोई भी जन-मानस इस वायरस से संक्रमति न हो. सभी अपना और अपने परिजनों के स्वास्थ्य का ध्यान रखें.
नोट:- अगर किसी भक्त को कोई सुझाव देना है तो श्री दूधेश्वर मन्दिर कार्यलय में 21 मार्च से पहले संपर्क करें.
हर हर महादेव
श्रीमहंत नारायण गिरि
श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर गाजियाबाद, अन्तर्राष्ट्रीय प्रवक्ता, श्रीपंंचदशनाम जूना अखाड़ा, वाराणसी, उत्तर प्रदेश.