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गाजियाबाद के 120 स्कूलों में नशा सावधान कमेटी का गठन

नशे की लत से बच्चो को बचाने के लिए गाजियाबाद के 120 स्कूलों में नशा सावधान कमेटी का गठन किया गया है. नशा मुक्ति अभियान को लेकर डीएम अजय शंकर पांडेय ने बैठक की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.

Drugs caution Committee fromed
नशा सावधान कमेटी का गठन
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Published : Feb 1, 2020, 8:57 AM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय की अध्यक्षता में शुक्रवार को नशे और ड्रग्स की रोकथाम के लिए जिला नशा नाश योजना (डी.एन.एन.वाई) की समीक्षा बैठक की गई. जिलाधिकारी ने बताया कि वर्तमान परिवेश में कुछ ऐसे बच्चे हैं, जिनका कोई अभिभावक नहीं है, वो बच्चे एक तरह से सड़कों पर रहते हैं तथा नशे के आदी हो जाते हैं. इसलिए हम सबकी यह नैतिक जिम्मेदारी है कि ऐसे बच्चों को इलाज के लिए चिन्हित करते हुए उनकी देखभाल करें.

नशा सावधान कमेटी का गठन


नशा सावधान समिति का हुआ गठन
जिलाधिकारी कहा कि यदि कोई बच्चा नशे में संलिप्त है तो उसके अभिभावकों को समस्या को गहराई से समझते हुए अपने बच्चे को उस सर्किल से बाहर निकालने का प्रयास करना चाहिए. समीक्षा में जिला विद्यालय निरीक्षक ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि 120 स्कूलों में नशा सावधान समिति का गठन कराया जा चुका है और शीघ्र ही शेष बचे हुए स्कूलों में भी समिति का गठन कराया जाएगा.


28 संवेदनशील स्पॉट चिन्हित
बैठक में जिलाधिकारी ने बताया कि ऐसे 28 संवेदनशील हॉट स्पॉट चिन्हित किए गए हैं जहां नशे संबंधी गतिविधियां ज्यादा चलती हैं, जिनमें से नया बस अड्डा गाजियाबाद, पुराना बस अड्डा गाजियाबाद, सब्जी मंडी घंटाघर निकट लेबर चौक, कैला भट्टा, रेलवे स्टेशन, स्कूल और पार्क हैं जहां हमें विशेष सावधानी बरतनी हैं.


अनाथ बच्चों के लिए अलग दिशा-निर्देश
जिलाधिकारी ने समाज कल्याण अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि यदि कोई अनाथ ड्रग्स यूजर है तो उसे विधवा आश्रम, अनाथ आश्रम, विकलांग आश्रम में व्यवस्थित कराने का प्रयास करें ताकि वह नशे की आदत को छोड़ सके. उन्होंने एनजीओ से आए हुए प्रतिनिधियों से आह्वान किया कि वह इस दिशा में सार्थक प्रयास करते हुए अधिक से अधिक संलिप्त बच्चों को इस गलत आदत से बाहर निकालने का प्रयास करें.बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अस्मिता लाल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी एन के गुप्ता, जिला विकास अधिकारी भालचंद्र त्रिपाठी, समाज कल्याण अधिकारी समेत कई अधिकारी मौजूद रहे.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय की अध्यक्षता में शुक्रवार को नशे और ड्रग्स की रोकथाम के लिए जिला नशा नाश योजना (डी.एन.एन.वाई) की समीक्षा बैठक की गई. जिलाधिकारी ने बताया कि वर्तमान परिवेश में कुछ ऐसे बच्चे हैं, जिनका कोई अभिभावक नहीं है, वो बच्चे एक तरह से सड़कों पर रहते हैं तथा नशे के आदी हो जाते हैं. इसलिए हम सबकी यह नैतिक जिम्मेदारी है कि ऐसे बच्चों को इलाज के लिए चिन्हित करते हुए उनकी देखभाल करें.

नशा सावधान कमेटी का गठन


नशा सावधान समिति का हुआ गठन
जिलाधिकारी कहा कि यदि कोई बच्चा नशे में संलिप्त है तो उसके अभिभावकों को समस्या को गहराई से समझते हुए अपने बच्चे को उस सर्किल से बाहर निकालने का प्रयास करना चाहिए. समीक्षा में जिला विद्यालय निरीक्षक ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि 120 स्कूलों में नशा सावधान समिति का गठन कराया जा चुका है और शीघ्र ही शेष बचे हुए स्कूलों में भी समिति का गठन कराया जाएगा.


28 संवेदनशील स्पॉट चिन्हित
बैठक में जिलाधिकारी ने बताया कि ऐसे 28 संवेदनशील हॉट स्पॉट चिन्हित किए गए हैं जहां नशे संबंधी गतिविधियां ज्यादा चलती हैं, जिनमें से नया बस अड्डा गाजियाबाद, पुराना बस अड्डा गाजियाबाद, सब्जी मंडी घंटाघर निकट लेबर चौक, कैला भट्टा, रेलवे स्टेशन, स्कूल और पार्क हैं जहां हमें विशेष सावधानी बरतनी हैं.


अनाथ बच्चों के लिए अलग दिशा-निर्देश
जिलाधिकारी ने समाज कल्याण अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि यदि कोई अनाथ ड्रग्स यूजर है तो उसे विधवा आश्रम, अनाथ आश्रम, विकलांग आश्रम में व्यवस्थित कराने का प्रयास करें ताकि वह नशे की आदत को छोड़ सके. उन्होंने एनजीओ से आए हुए प्रतिनिधियों से आह्वान किया कि वह इस दिशा में सार्थक प्रयास करते हुए अधिक से अधिक संलिप्त बच्चों को इस गलत आदत से बाहर निकालने का प्रयास करें.बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अस्मिता लाल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी एन के गुप्ता, जिला विकास अधिकारी भालचंद्र त्रिपाठी, समाज कल्याण अधिकारी समेत कई अधिकारी मौजूद रहे.

Intro:नशे की लत से बच्चो को बचाने के लिए 120 स्कूलों में नशा सावधान कमिटी का गठन. जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय के कलेक्ट्रेट में नशा मुक्ति के संबंध में की गई बैठक, अधिकारियों को दिए गए आवश्यक दिशा निर्देश.Body:जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय की अध्यक्षता में शुक्रवार को नशे एवं ड्रग्स की रोकथाम के लिए जिला नशा नाश योजना (डी.एन.एन.वाई) की समीक्षा बैठक की गई.

जिलाधिकारी ने बताया कि वर्तमान परिवेश में कुछ ऐसे बच्चे हैं, जिनका कोई गार्जियन नहीं है, वह बच्चे एक तरह से सड़कों पर रहते हैं तथा नशे के आदी हो जाते हैं. इसलिए हम सबकी यह नैतिक जिम्मेदारी है कि ऐसे बच्चों को इलाज के लिए चिन्हित करते हुए उनकी देखभाल करें.

उन्होंने कहा कि यदि कोई बच्चा नशे में संलिप्त है तो उसके अभिभावकों को समस्या को गहराई से समझते हुए अपने बच्चे को उस सर्किल से बाहर निकालने का प्रयास करना चाहिए. समीक्षा में जिला विद्यालय निरीक्षक ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि 120 स्कूलों में नशा सावधान समिति का गठन कराया जा चुका है और शीघ्र ही शेष बचे हुए स्कूलों में भी समिति का गठन करा दिया जाएगा.

बैठक में जिलाधिकारी ने बताया कि ऐसे 28 संवेदनशील हॉट स्पॉट चिन्हित किए गए हैं जहां नशे संबंधी गतिविधियां ज्यादा चलती हैं, जिनमें से नया बस अड्डा गाजियाबाद, पुराना बस अड्डा गाजियाबाद, सब्जी मंडी घंटाघर निकट लेबर चौक, कैला भट्टा, रेलवे स्टेशन, स्कूल, पार्क आदि हैं जहां हमें विशेष सावधानी बरतनी हैं.

जिलाधिकारी ने समाज कल्याण अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि यदि कोई अनाथ ड्रग्स यूजर है तो उसे विधवा आश्रम, अनाथ आश्रम, विकलांग आश्रम में व्यवस्थित कराने का प्रयास करें ताकि वह नशे की आदत को छोड़ सके. उन्होंने एन.जी.ओ से आए हुए प्रतिनिधियों से आह्वान किया कि वह इस दिशा में सार्थक प्रयास करते हुए अधिक से अधिक संलिप्त बच्चों को इस गलत आदत से बाहर निकालने का प्रयास करें.

Conclusion:बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अस्मिता लाल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी एन के गुप्ता, जिला विकास अधिकारी भालचंद्र त्रिपाठी, समाज कल्याण अधिकारी सहित अन्य संबंधित अधिकारी गण एवं कर्मचारी गण उपस्थित रहे.
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