नई दिल्ली/गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद में चीफ मेडिकल ऑफिसर की अपील पर जारी हुए लेटर की वजह से असमंजस की स्थिति पैदा हो गई थी. हालांकि अब सब कुछ ठीक हो गया है लेकिन इस लेटर की वजह से आरडब्ल्यूए और आईएमए के बीच तनातनी देखने को मिली. डीएम अजय शंकर पांडे ने जब उस लेटर को कैंसिल किया, तब जाकर मामला शांत हो पाया.
डॉक्टरों की आवाजाही पर IMA के सवाल
गाजियाबाद में चीफ मेडिकल ऑफिसर की एक अपील के बाद नगर आयुक्त के माध्यम से लेटर जारी हुआ था जिससे आरडब्लूए और IMA आमने-सामने आ गए. सीएमओ ने एक अपील को पारित किया था. नगर आयुक्त के माध्यम से इस आदेश में कहा गया था कि सभी आरडब्लूए और स्थानीय पार्षद, दिल्ली जाने वाले डॉक्टरों से आग्रह करें कि वो डॉक्टर्स वापस गाजियाबाद में आवाजाही ना करें. कोरोना के खतरे के बीच ऐसे डॉक्टर्स को ये कहा जाए कि वे दिल्ली में ही रहें जिससे डॉक्टरों के माध्यम से संक्रमण न फैले.
इसका IMA ने विरोध किया. IMA का कहना था कि ये डॉक्टरों के साथ भेदभाव पैदा करने के लिए किया जा रहा है जिस पर आईएमए ने दखल दिया और आर्डर वापस ले लिया गया है.
आरडब्ल्यूए ने कहा सही है ऑर्डर
आरडब्ल्यूए ने इस पर कहा है कि ये डिसीजन सही है क्योंकि संक्रमण का खतरा डॉक्टरों की आवाजाही से बढ़ता है. हालांकि आईएमए और आरडब्ल्यूए ने जब अपने-अपने पक्ष रख दिए और उसके बाद सभी डीएम से मिलने पहुंचे.
डीएम की पहल पर आर्डर वापस
इस पर गाजियाबाद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने एक लेटर जारी करके कहा कि ये सिर्फ एक अपील की गई थी. डीएम ने उस लेटर को निष्प्रभावी कर दिया है. आईएमए और आरडब्लूए के लोग आज डीएम से भी मिले. डीएम ने कहा कि कोरोना से निपटने के लिए सब साथ हैं. किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं होगा.