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गाजियाबाद: घर को बनाया क्लिनिक, कोरोना योद्धा डॉक्टर ने निभाया फर्ज - सोशल डिस्टेंस

गाजियाबाद के कविनगर इलाके में रहने वाले डॉ. आरके अग्रवाल मुफ्त इलाज और इमरजेंसी सेवाएं दे रहे हैं. बुजुर्ग डॉ आरके अग्रवाल ने अपने घर पर ही इमरजेंसी मरीजों को देखने की व्यवस्था की है.

providing free treatment
कोरोना योद्धा डॉक्टर ने निभाया फर्ज
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Published : Apr 22, 2020, 4:10 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली से सटे गाजियाबाद में लॉकडाउन की स्थिति के दौरान फरिश्तों की कमी नहीं है. उन्हीं में से एक हैं डॉक्टर आरके अग्रवाल. गाजियाबाद के कविनगर इलाके में रहने वाले डॉ. आरके अग्रवाल मुफ्त इलाज और इमरजेंसी सेवाएं दे रहे हैं. कई जगहों से खबरें आ रही हैं कि कोरोना के अलावा अन्य बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को इमरजेंसी सुविधाएं नहीं मिल पा रहीं. ऐसे में बुजुर्ग डॉ आरके अग्रवाल ने अपने घर पर ही इमरजेंसी मरीजों को देखने की व्यवस्था की है.

कोरोना योद्धा डॉक्टर ने निभाया फर्ज

डॉ. आरके अग्रवाल का कहना है कि उनके यहां आने वाले मरीजों से कोई फीस नहीं ली जा रही है. इसके अलावा डॉ आरके अग्रवाल रोजाना 1000 लोगों के खाने-पीने की व्यवस्था भी कर रहे हैं.


ओपीडी नहीं होने से मरीज परेशान

कई अस्पताल और क्लीनिक में इस समय ओपीडी सुविधाएं आसानी से नहीं मिल पा रही हैं. ऐसे में शुगर, हाई-लो बीपी, चोट लग जाना आदि संबंधी इलाज के लिए भी भटकना पड़ रहा है. इस तरह की परेशानियों को समझते हुए डॉ आरके अग्रवाल ने अपने पेशे की मर्यादा को समझते हुए संबंधित मुफ्त इलाज करने की घोषणा की. उनका कहना है कि पहले भी वो गरीब लोगों के मुफ्त इलाज करते रहे हैं. फिलहाल वो किसी से भी फीस नहीं ले रहे.

चैरिटेबल ट्रस्ट ने की मदद

डॉ. अग्रवाल रोजाना खाना भी वितरित कर रहे हैं और इसमें उनकी मदद चैरिटेबल ट्रस्ट की तरफ से की जा रही है. इस तरह की सेवा दिए जाने से साफ है कि लॉकडाउन के दौरान भले ही सोशल डिस्टेंस बनाया हो, लेकिन लोगों के दिलों में दूरी नहीं है. वो एक दूसरे की मदद के लिए आगे आ रहे हैं.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली से सटे गाजियाबाद में लॉकडाउन की स्थिति के दौरान फरिश्तों की कमी नहीं है. उन्हीं में से एक हैं डॉक्टर आरके अग्रवाल. गाजियाबाद के कविनगर इलाके में रहने वाले डॉ. आरके अग्रवाल मुफ्त इलाज और इमरजेंसी सेवाएं दे रहे हैं. कई जगहों से खबरें आ रही हैं कि कोरोना के अलावा अन्य बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को इमरजेंसी सुविधाएं नहीं मिल पा रहीं. ऐसे में बुजुर्ग डॉ आरके अग्रवाल ने अपने घर पर ही इमरजेंसी मरीजों को देखने की व्यवस्था की है.

कोरोना योद्धा डॉक्टर ने निभाया फर्ज

डॉ. आरके अग्रवाल का कहना है कि उनके यहां आने वाले मरीजों से कोई फीस नहीं ली जा रही है. इसके अलावा डॉ आरके अग्रवाल रोजाना 1000 लोगों के खाने-पीने की व्यवस्था भी कर रहे हैं.


ओपीडी नहीं होने से मरीज परेशान

कई अस्पताल और क्लीनिक में इस समय ओपीडी सुविधाएं आसानी से नहीं मिल पा रही हैं. ऐसे में शुगर, हाई-लो बीपी, चोट लग जाना आदि संबंधी इलाज के लिए भी भटकना पड़ रहा है. इस तरह की परेशानियों को समझते हुए डॉ आरके अग्रवाल ने अपने पेशे की मर्यादा को समझते हुए संबंधित मुफ्त इलाज करने की घोषणा की. उनका कहना है कि पहले भी वो गरीब लोगों के मुफ्त इलाज करते रहे हैं. फिलहाल वो किसी से भी फीस नहीं ले रहे.

चैरिटेबल ट्रस्ट ने की मदद

डॉ. अग्रवाल रोजाना खाना भी वितरित कर रहे हैं और इसमें उनकी मदद चैरिटेबल ट्रस्ट की तरफ से की जा रही है. इस तरह की सेवा दिए जाने से साफ है कि लॉकडाउन के दौरान भले ही सोशल डिस्टेंस बनाया हो, लेकिन लोगों के दिलों में दूरी नहीं है. वो एक दूसरे की मदद के लिए आगे आ रहे हैं.

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