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राकेश टिकैत के आह्वान पर गाजियाबाद में किसानों का धरना, पुलिस फोर्स तैनात - ईटीवी भारत दिल्ली

एक बार फिर अनिश्चितकाल के लिए किसानों का धरना शुरू हो गया है. राकेश टिकैत की भारतीय किसान यूनियन से जुड़े किसान गाजियाबाद में अनिश्चितकाल के लिए धरने पर बैठ गए हैं. कहा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर किसान धरना देंगे.

धरना
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Published : Aug 18, 2022, 11:01 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद में गुरुवार काे भारतीय किसान यूनियन की गाजियाबाद इकाई के किसानाें ने जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन शुरू किया (farmers strike in ghaziabad). शाम को भी यह धरना चल रहा था. किसानों का कहना था कि पूर्व में किसानों से जो वादे किए गए थे, उसे अब तक पूरा नहीं किया गया. इन्हीं मांगों में लखीमपुर खीरी से संबंधित मांग भी थी. इसी के चलते लखीमपुर खीरी में किसानों ने 75 घंटे का धरना शुरू किया था, लेकिन उस 75 घंटे के धरना प्रदर्शन के दौरान सरकार ने टॉयलेट तक की व्यवस्था नहीं की, जिसके चलते राकेश टिकैत ने ऐलान किया कि यूपी के सभी जिला मुख्यालयों पर अब किसान अनिश्चितकाल के लिए धरना देंगे (Dharna on call of Rakesh Tikait).

गाजियाबाद में किसानों का धरना.
बता दें, पिछले साल करीब एक साल तक दिल्ली की सीमाओं पर किसानों ने एमएसपी पर गारंटी और नए कृषि कानून वापस लेने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया था. अंत में सरकार ने किसानों की बात मान ली थी. किसानों का आरोप है कि अभी भी कई ऐसी मांगें हैं, जो वादा करके भी नहीं मानी गई हैं. उनमें एमएसपी की गारंटी से जुड़ा मसला भी है. लखीमपुर खीरी में किसानों की मौत से जुड़े आरोपियों पर पुख्ता कार्रवाई की मांग भी शामिल है. इन्हीं मांगों को लगातार किसान उठाते आ रहे हैं, लेकिन एक बार फिर से अनिश्चितकालीन धरने का ऐलान सरकार के लिए चिंता का विषय हो सकती है. हालांकि इस बार यह धरना जिला मुख्यालय पर किया जा रहा है. जिसके चलते भारी पुलिस फोर्स भी जिला मुख्यालय पर तैनात कर दी गई है.इसे भी पढ़ेंः गाजियाबाद जिला मुख्यालय परिसर में धरने पर बैठे 50 से ज्यादा बच्चे, जानें पूरा मामला

भारतीय किसान यूनियन के गाजियाबाद के पदाधिकारी जय मालिक का कहना है कि संयुक्त किसान मोर्चा की कॉल थी कि 75 घंटे धरना लखीमपुर खीरी में किया जाएगा. जब किसान धरना दे रहे थे तो सरकार ने किसानों के लिए पानी और टॉयलेट की व्यवस्था तक नहीं की. इसके बाद फैसला लिया गया कि पूरे यूपी में सभी कलेक्ट्रेट पर धरना दिया जाएगा. अब जब तक संयुक्त किसान मोर्चा (Bharatiya Kisan morcha) की तरफ से नहीं कहा जाएगा, तब तक अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे रहेंगे.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद में गुरुवार काे भारतीय किसान यूनियन की गाजियाबाद इकाई के किसानाें ने जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन शुरू किया (farmers strike in ghaziabad). शाम को भी यह धरना चल रहा था. किसानों का कहना था कि पूर्व में किसानों से जो वादे किए गए थे, उसे अब तक पूरा नहीं किया गया. इन्हीं मांगों में लखीमपुर खीरी से संबंधित मांग भी थी. इसी के चलते लखीमपुर खीरी में किसानों ने 75 घंटे का धरना शुरू किया था, लेकिन उस 75 घंटे के धरना प्रदर्शन के दौरान सरकार ने टॉयलेट तक की व्यवस्था नहीं की, जिसके चलते राकेश टिकैत ने ऐलान किया कि यूपी के सभी जिला मुख्यालयों पर अब किसान अनिश्चितकाल के लिए धरना देंगे (Dharna on call of Rakesh Tikait).

गाजियाबाद में किसानों का धरना.
बता दें, पिछले साल करीब एक साल तक दिल्ली की सीमाओं पर किसानों ने एमएसपी पर गारंटी और नए कृषि कानून वापस लेने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया था. अंत में सरकार ने किसानों की बात मान ली थी. किसानों का आरोप है कि अभी भी कई ऐसी मांगें हैं, जो वादा करके भी नहीं मानी गई हैं. उनमें एमएसपी की गारंटी से जुड़ा मसला भी है. लखीमपुर खीरी में किसानों की मौत से जुड़े आरोपियों पर पुख्ता कार्रवाई की मांग भी शामिल है. इन्हीं मांगों को लगातार किसान उठाते आ रहे हैं, लेकिन एक बार फिर से अनिश्चितकालीन धरने का ऐलान सरकार के लिए चिंता का विषय हो सकती है. हालांकि इस बार यह धरना जिला मुख्यालय पर किया जा रहा है. जिसके चलते भारी पुलिस फोर्स भी जिला मुख्यालय पर तैनात कर दी गई है.इसे भी पढ़ेंः गाजियाबाद जिला मुख्यालय परिसर में धरने पर बैठे 50 से ज्यादा बच्चे, जानें पूरा मामला

भारतीय किसान यूनियन के गाजियाबाद के पदाधिकारी जय मालिक का कहना है कि संयुक्त किसान मोर्चा की कॉल थी कि 75 घंटे धरना लखीमपुर खीरी में किया जाएगा. जब किसान धरना दे रहे थे तो सरकार ने किसानों के लिए पानी और टॉयलेट की व्यवस्था तक नहीं की. इसके बाद फैसला लिया गया कि पूरे यूपी में सभी कलेक्ट्रेट पर धरना दिया जाएगा. अब जब तक संयुक्त किसान मोर्चा (Bharatiya Kisan morcha) की तरफ से नहीं कहा जाएगा, तब तक अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे रहेंगे.

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