नई दिल्ली: निजीकरण और निगमीकरण को लेकर उत्तर रेलवे मजदूर यूनियन ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. यूनियन के महामंत्री बी सी शर्मा, दिल्ली मण्डल मंत्री रमणीक शर्मा समेत फेडरेशन के कई नेताओं ने सरकार से महंगाई भत्ते की तीनों किस्त और एरियर के भुगतान के साथ-साथ 15 सूत्रीय मांग की है.
यूनियन के नेताओं ने कहा, शांतिपूर्वक तरीके से रेलवे कर्मचारी अपनी मांगों को सरकार के समक्ष रख रहे हैं, यदि सरकार हमारी मांगे जल्द पूरा नहीं करती है, तो आने वाले समय में रणनीति बनाकर रेलवे का चक्का जाम भी किया जाएगा.
ये हैं 15 सूत्रीय मुख्य मांगें:-
० महंगाई भत्ते की तीनों किस्तों के एरियर का भुगतान तुरंत किया जाए.
० नई एनपीएस स्कीम को बंद करके पुरानी पेंशन स्कीम बहाल की जाए.
० रात्रि भत्ते पर लगी हुई रोक हटाई जाए.
० रेलगाड़ियों और स्टेशनों को पूंजीपतियों एवं व्यापारियों को बेचना तुरंत बंद हो.
० वर्कशॉप प्रोडक्शन यूनिट और प्रिंटिंग प्रेस को बेचना बंद करे सरकार.
० निजीकरण और निगमीकरण की व्यवस्था को समाप्त करके सरकारी संसाधनों से काम कराया जाए.
० ठेकेदारी प्रथा बंद की जाए.
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० ट्रैक मैन के लिए पदोन्नति के अवसर ओपन टू ऑल किए जाएं और ड्यूटी पर उन्हें सुरक्षा को मूलभूत सुविधाएं की व्यवस्था की जाए.
० जनता को रेलवे द्वारा बेहतर सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा देने के लिए सुरक्षा तथा अन्य खाली पड़े सभी पदों को भरा जाए वह आवश्यक संसाधनों और सामग्री की व्यवस्था की जाए.
० कार्यभार बढ़ने पर अतिरिक्त पदों का सृजन किया जाए.
० यूनियन के साथ विभिन्न स्तर पर माने हुए फैसलों को लागू किया जाए.
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० रेलवे में यूनियन के साथ होने वाले शिकायत निवारण और सुझाव व्यवस्था को सक्रियता व मजबूती से लागू किया जाए.
० एमएसीपी और अन्य प्रमोशन के लिए बनने वाले वार्षिक कैलेंडर को सख्ती से लागू किया जाए.
० रेलकर्मियों को लाभ पहुंचाने वाले रेलवे की वर्कशॉप में एक्टर प्रिटेंशस व्यवस्था को पहले की तरह 100% लागू किया जाए.
० रेलकर्मियों को आश्रित माता-पिता दोनों को मेडिकल और पास की सुविधा मिले.