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गाजियाबाद: भारत-नेपाल बॉर्डर पर तैनात जवान की मौत, घर में कोहराम - sodier murder

जवान उमेश चंद्र का परिवार उत्तराखंड के रहने वाला है. फिलहाल परिवार साहिबाबाद के लाजपत नगर इलाके में रह रहा है. 51 वर्ष के उमेश चंद्र 27 साल से नौकरी कर रहे थे. जानकारी के मुताबिक उन्होंने गोली मारकर आत्महत्या की है

Death of a soldier posted on the Indo-Nepal border
Death of a soldier posted on the Indo-Nepal border
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Published : May 3, 2020, 11:03 AM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: भारत-नेपाल बॉर्डर पर तैनात एसएसबी के जवान उमेश चंद्र की मौत की खबर गाजियाबाद में उनके घर पहुंची, जिसके बाद परिवार में कोहराम मच गया. परिवार का कहना है कि उन्हें बताया गया है कि ASI उमेश चंद्र को गोली लगी है. फिलहाल परिवार को इससे ज्यादा जानकारी नहीं दी गई है. आगे की जानकारी का परिवार, इंतज़ार कर रहा है.

जवान की हुई मौत

लॉकडाउन के दौरान आई इस बुरी खबर के बाद परिवार में गम का माहौल है. उनके पास जानकारी जुटाने के लिए कोई विकल्प भी नहीं है. बस परिवार को इंतजार है कि कब उमेश चंद्र का पार्थिव शरीर घर पहुंचे. बता दें कि उमेश चंद्र की पोस्टिंग बिहार के सीतामढ़ी में थी.



मूल रूप से उमेश चंद्र का परिवार उत्तराखंड के रहने वाला है. फिलहाल परिवार साहिबाबाद के लाजपत नगर इलाके में रह रहा है. 51 वर्ष के उमेश चंद्र 27 साल से नौकरी कर रहे थे. जानकारी के मुताबिक उन्होंने गोली मारकर आत्महत्या की है.

हालांकि इस बात की पुष्टि परिवार नहीं कर रहा है और इस बात को एक्सेप्ट भी नहीं कर रहा है. लॉकडाउन के दौरान परिवार काफी बेबस है. आस-पड़ोस के लोग परिवार को ढांढस बंधाने पहुंच रहे हैं.


उमेश चंद्र की मौत परिवार के लिए एक बड़ी पहेली है, क्योंकि जिस तरह से उनकी आत्महत्या की चर्चा हो रही है, उससे परिवार के सामने सवाल यह है कि उमेश ऐसा क्यों करेंगे. परिवार में किसी तरह का कोई झगड़ा कभी नहीं हुआ है. लॉकडाउन के दौरान परिवार सिर्फ यही उम्मीद कर रहा है, कि मामले की सही जांच होगी और मौत का सही कारण साफ हो पाएगा.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: भारत-नेपाल बॉर्डर पर तैनात एसएसबी के जवान उमेश चंद्र की मौत की खबर गाजियाबाद में उनके घर पहुंची, जिसके बाद परिवार में कोहराम मच गया. परिवार का कहना है कि उन्हें बताया गया है कि ASI उमेश चंद्र को गोली लगी है. फिलहाल परिवार को इससे ज्यादा जानकारी नहीं दी गई है. आगे की जानकारी का परिवार, इंतज़ार कर रहा है.

जवान की हुई मौत

लॉकडाउन के दौरान आई इस बुरी खबर के बाद परिवार में गम का माहौल है. उनके पास जानकारी जुटाने के लिए कोई विकल्प भी नहीं है. बस परिवार को इंतजार है कि कब उमेश चंद्र का पार्थिव शरीर घर पहुंचे. बता दें कि उमेश चंद्र की पोस्टिंग बिहार के सीतामढ़ी में थी.



मूल रूप से उमेश चंद्र का परिवार उत्तराखंड के रहने वाला है. फिलहाल परिवार साहिबाबाद के लाजपत नगर इलाके में रह रहा है. 51 वर्ष के उमेश चंद्र 27 साल से नौकरी कर रहे थे. जानकारी के मुताबिक उन्होंने गोली मारकर आत्महत्या की है.

हालांकि इस बात की पुष्टि परिवार नहीं कर रहा है और इस बात को एक्सेप्ट भी नहीं कर रहा है. लॉकडाउन के दौरान परिवार काफी बेबस है. आस-पड़ोस के लोग परिवार को ढांढस बंधाने पहुंच रहे हैं.


उमेश चंद्र की मौत परिवार के लिए एक बड़ी पहेली है, क्योंकि जिस तरह से उनकी आत्महत्या की चर्चा हो रही है, उससे परिवार के सामने सवाल यह है कि उमेश ऐसा क्यों करेंगे. परिवार में किसी तरह का कोई झगड़ा कभी नहीं हुआ है. लॉकडाउन के दौरान परिवार सिर्फ यही उम्मीद कर रहा है, कि मामले की सही जांच होगी और मौत का सही कारण साफ हो पाएगा.

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