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नोएडा में कमर्शियल वाहनों पर सख्ती, रिफ्लेक्टर नहीं होने पर नहीं मिलेगा फिटनेस सर्टिफिकेट - NOIDA COMMERCIAL VEHICLES

-नोएडा में कमर्शियल वाहनों पर सख्ती -रिफ्लेक्टर नहीं होने पर नहीं मिलेगा फिटनेस सर्टिफिकेट -कोहरे की वजह से लिया गया फैसला

NOIDA COMMERCIAL VEHICLES
नोएडा में कमर्शियल वाहनों पर सख्ती (SOURCE: ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 18, 2024, 12:52 PM IST

Updated : Dec 18, 2024, 2:29 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: कोहरे के चलते हाईवे पर होने वाले हादसों पर विराम लगाने के उद्देश्य से नोएडा RTO विभाग सख्त हो गया है. विभाग के मुताबिक जिन कमर्शियल वाहनों पर रिफ्लेक्टर नहीं होगा. उस गाड़ी का आरटीओ विभाग में फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं दिया जाएगा. यह जानकारी नोएडा के एआरटीओ डॉक्टर सियाराम वर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताई.

उन्होंने बताया कि हाईवे पर अक्सर गाड़ियों में रिफ्लेक्टर ना होने के चलते पीछे से आने वाली गाड़ियों को विजिबिलिटी कम होने पर दिखाई नहीं देता है, और दुर्घटनाएं हो जाती है. ऐसी स्थितियों में कमर्शियल वाहन पर रिफ्लेक्टर होना अनिवार्य कर दिया गया है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि नोएडा से ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा से नोएडा आने वाले हाईवे और सभी एक्सप्रेसवे पर आरटीओ विभाग की टीम द्वारा विशेष अभियान रिफ्लेक्टर को लेकर चलाया गया है. वही ट्रैफिक विभाग और एक्सप्रेसवे प्रबंधन से समन्वय स्थापित कर गाड़ियों की रफ्तार पर भी अंकुश लगाने का काम किया जा रहा है.

नोएडा में कमर्शियल वाहनों पर सख्ती (SOURCE: ETV BHARAT)

गाड़ियों पर रिफ्लेक्टर नहीं तो फिटनेस नहीं-ARTO
सभी कमर्शियल वाहन का एक निर्धारित समय पर फिटनेस किया जाता है, तभी वह रोड पर चल सकती है, बिना फिटनेस की गाड़ियों को रोड पर चलाना एक तरह से क्राइम माना जाता है. ऐसी स्थिति में वाहन स्वामी द्वारा आरटीओ विभाग से गाड़ियों का फिटनेस समय-समय पर कराया जाता है. वहीं आरटीओ विभाग ने सभी कमर्शियल वाहनों पर रिफ्लेक्टर और फोग लाइट होना अनिवार्य किया है.

एआरटीओ डॉक्टर सियाराम वर्मा ने बताया कि जिस टीम द्वारा फिटनेस का काम किया जाता है, उसे यह निर्देश दिया गया है कि जिन गाड़ियों पर रिफ्लेक्टर नही लगे हैं, उनके फिटनेस नहीं करना है. साथ ही ऐसी गाड़ियां अगर एक्सप्रेस वे या हाईवे पर पाई जाती है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है. उन्होंने बताया कि यमुना एक्सप्रेसवे पर आए दिन हादसे होते हैं, जिसमें ज्यादातर कमर्शियल वाहनों की गलती देखी जा रही है, ऐसी स्थिति में कमर्शियल वाहनों पर शिकंजा कसना अत्यंत आवश्यक है.

वहीं उन्होंने यह भी बताया कि रात के समय एक्सप्रेस वे पर कोहरे के चलते विजिबिलिटी कम रहती है, जिसमें रिफ्लेक्टर काफी कारगर साबित होता है और गाड़ियों पर यह होना अत्यंत जरूरी है. उन्होंने बताया कि गाड़ियों की रफ्तार कम होने पर हादसा होने की संभावना कम रहती है, इसलिए यमुना प्राधिकरण, ट्रैफ़िक विभाग और आरटीओ विभाग के संयुक्त प्रयास से एक्सप्रेसवे पर गाड़ियों की रफ्तार पर भी अंकुश लगाने के लिए स्पीड निर्धारित की गई है.

नोएडा के एआरटीओ डॉक्टर सियाराम वर्मा ने बताया कि दिन के साथ ही रात में भी परिवहन विभाग की टीम एक्सप्रेसवे और हाईवे पर उन वाहनों को रोककर रिफ्लेक्टर लगाने और स्पीड कम रखने का काम कर रही है. जिन वाहनों पर रिफ्लेक्टर नहीं लगे हुए हैं, उन्होंने बताया कि जब तक कोहरे का असर रहेगा तब तक लगातार ये अभियान चलता रहेगा.

ये भी पढ़ें- यमुना एक्सप्रेसवे पर अगले दो महीने तक धीमी रफ्तार से चलेंगे वाहन, जानिए वजह

ये भी पढ़ें- गाजियाबादः छात्रों की सुरक्षा से खिलवाड़ करने पर एक्शन, 100 स्कूली वाहन सीज़

नई दिल्ली/नोएडा: कोहरे के चलते हाईवे पर होने वाले हादसों पर विराम लगाने के उद्देश्य से नोएडा RTO विभाग सख्त हो गया है. विभाग के मुताबिक जिन कमर्शियल वाहनों पर रिफ्लेक्टर नहीं होगा. उस गाड़ी का आरटीओ विभाग में फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं दिया जाएगा. यह जानकारी नोएडा के एआरटीओ डॉक्टर सियाराम वर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताई.

उन्होंने बताया कि हाईवे पर अक्सर गाड़ियों में रिफ्लेक्टर ना होने के चलते पीछे से आने वाली गाड़ियों को विजिबिलिटी कम होने पर दिखाई नहीं देता है, और दुर्घटनाएं हो जाती है. ऐसी स्थितियों में कमर्शियल वाहन पर रिफ्लेक्टर होना अनिवार्य कर दिया गया है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि नोएडा से ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा से नोएडा आने वाले हाईवे और सभी एक्सप्रेसवे पर आरटीओ विभाग की टीम द्वारा विशेष अभियान रिफ्लेक्टर को लेकर चलाया गया है. वही ट्रैफिक विभाग और एक्सप्रेसवे प्रबंधन से समन्वय स्थापित कर गाड़ियों की रफ्तार पर भी अंकुश लगाने का काम किया जा रहा है.

नोएडा में कमर्शियल वाहनों पर सख्ती (SOURCE: ETV BHARAT)

गाड़ियों पर रिफ्लेक्टर नहीं तो फिटनेस नहीं-ARTO
सभी कमर्शियल वाहन का एक निर्धारित समय पर फिटनेस किया जाता है, तभी वह रोड पर चल सकती है, बिना फिटनेस की गाड़ियों को रोड पर चलाना एक तरह से क्राइम माना जाता है. ऐसी स्थिति में वाहन स्वामी द्वारा आरटीओ विभाग से गाड़ियों का फिटनेस समय-समय पर कराया जाता है. वहीं आरटीओ विभाग ने सभी कमर्शियल वाहनों पर रिफ्लेक्टर और फोग लाइट होना अनिवार्य किया है.

एआरटीओ डॉक्टर सियाराम वर्मा ने बताया कि जिस टीम द्वारा फिटनेस का काम किया जाता है, उसे यह निर्देश दिया गया है कि जिन गाड़ियों पर रिफ्लेक्टर नही लगे हैं, उनके फिटनेस नहीं करना है. साथ ही ऐसी गाड़ियां अगर एक्सप्रेस वे या हाईवे पर पाई जाती है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है. उन्होंने बताया कि यमुना एक्सप्रेसवे पर आए दिन हादसे होते हैं, जिसमें ज्यादातर कमर्शियल वाहनों की गलती देखी जा रही है, ऐसी स्थिति में कमर्शियल वाहनों पर शिकंजा कसना अत्यंत आवश्यक है.

वहीं उन्होंने यह भी बताया कि रात के समय एक्सप्रेस वे पर कोहरे के चलते विजिबिलिटी कम रहती है, जिसमें रिफ्लेक्टर काफी कारगर साबित होता है और गाड़ियों पर यह होना अत्यंत जरूरी है. उन्होंने बताया कि गाड़ियों की रफ्तार कम होने पर हादसा होने की संभावना कम रहती है, इसलिए यमुना प्राधिकरण, ट्रैफ़िक विभाग और आरटीओ विभाग के संयुक्त प्रयास से एक्सप्रेसवे पर गाड़ियों की रफ्तार पर भी अंकुश लगाने के लिए स्पीड निर्धारित की गई है.

नोएडा के एआरटीओ डॉक्टर सियाराम वर्मा ने बताया कि दिन के साथ ही रात में भी परिवहन विभाग की टीम एक्सप्रेसवे और हाईवे पर उन वाहनों को रोककर रिफ्लेक्टर लगाने और स्पीड कम रखने का काम कर रही है. जिन वाहनों पर रिफ्लेक्टर नहीं लगे हुए हैं, उन्होंने बताया कि जब तक कोहरे का असर रहेगा तब तक लगातार ये अभियान चलता रहेगा.

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Last Updated : Dec 18, 2024, 2:29 PM IST
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