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CAG रिपोर्ट्स पेश करने के लिए विशेष सत्र बुलाया जाए, LG का आतिशी को पत्र - DELHI CAG REPORT

-LG ने दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को लिखी चिट्ठी -विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का निर्देश -19 और 20 दिसंबर को सत्र बुलाने को कहा

LG का आतिशी को पत्र, विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग
LG का आतिशी को पत्र, विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग (SOURCE: ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : 3 hours ago

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में CAG की लंबित रिपोर्ट पेश करने के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री आतिशी को चिट्ठी लिखी है. उन्होंने जिक्र किया है कि विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता की तरफ से उन्हें पत्र मिला है. जिसमें कहा है कि वह मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष को वह विधानसभा का सत्र बुलाने का आदेश दें.

उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री आतिशी को विधानसभा का सत्र 19 और 20 दिसंबर को बुलाने की बात कही है. पत्र में दोबारा जिक्र किया है कि सीएजी की रिपोर्ट विधानसभा पटल पर प्रस्तुत नहीं करना संवैधानिक दायित्व के निर्वहन से पीछे हटने के समान है. एक चुनी हुई सरकार को ऐसा नहीं करना चाहिए. अपने पत्र में उपराज्यपाल ने पिछले लिखें पत्रों का भी हवाला दिया है.

LG पहले भी लिख चुके हैं चिट्ठी
आम आदमी पार्टी सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2017 से 2021 तक लंबित नियंत्रक व महालेखा परीक्षक (सीएजी) रिपोर्ट विधानसभा में पेश करने के संबंध में उपराज्यपाल लगातार CM और विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिख रहे हैं. दो दिन पहले भी इस संबंध में पत्र लिखा था. उपराज्यपाल सचिवालय ने शनिवार को स्पष्ट किया था कि दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट की फटकार के डर से यह रिपोर्ट उपराज्यपाल को सौंपीं है. अब उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री आतिशी को पत्र लिख लंबित 14 सीएजी रिपोर्टों को तुरंत सदन के पटल पर रखने के लिए दिल्ली विधानसभा की विशेष बैठक बुलाने की बात कही है.

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को दिया निर्देश
बता दें कि उपराज्यपाल के पास जीएनसीटीडी अधिनियम, 1991 की धारा 48 के अनुसरण में निर्देश जारी करने का अधिकार है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि सीएजी रिपोर्ट्स शासन में पारदर्शिता की कसौटी है. इन्हें विधानमंडल के समक्ष शीघ्र रखना सरकार-एलजी के लिए संवैधानिक आदेश है. सरकार से भेजी गई रिपोर्ट को उन्होंने स्वीकृति प्रदान कर दी है. उपराज्यपाल ने लिखा है कि सीएजी रिपोर्ट को समय पर विधानसभा के समक्ष न रखकर सरकार अपने संवैधानिक दायित्व का निर्वहन करने में विफल रही है. ये सभी रिपोर्ट उस दौर की हैं जब अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री थे. इन 14 लंबित सीएजी रिपोर्टों में से 11 उस समय से संबंधित हैं जब अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री थे. रिपोर्ट में डीटीसी, सार्वजनिक स्वास्थ्य और मोहल्ला क्लीनिक, राज्य सार्वजनिक उपक्रमों पर रिपोर्ट शामिल हैं, जहां आप सरकार की भारी गड़बड़ियों और विफलताओं का विवरण दिया गया है.

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में CAG की लंबित रिपोर्ट पेश करने के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री आतिशी को चिट्ठी लिखी है. उन्होंने जिक्र किया है कि विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता की तरफ से उन्हें पत्र मिला है. जिसमें कहा है कि वह मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष को वह विधानसभा का सत्र बुलाने का आदेश दें.

उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री आतिशी को विधानसभा का सत्र 19 और 20 दिसंबर को बुलाने की बात कही है. पत्र में दोबारा जिक्र किया है कि सीएजी की रिपोर्ट विधानसभा पटल पर प्रस्तुत नहीं करना संवैधानिक दायित्व के निर्वहन से पीछे हटने के समान है. एक चुनी हुई सरकार को ऐसा नहीं करना चाहिए. अपने पत्र में उपराज्यपाल ने पिछले लिखें पत्रों का भी हवाला दिया है.

LG पहले भी लिख चुके हैं चिट्ठी
आम आदमी पार्टी सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2017 से 2021 तक लंबित नियंत्रक व महालेखा परीक्षक (सीएजी) रिपोर्ट विधानसभा में पेश करने के संबंध में उपराज्यपाल लगातार CM और विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिख रहे हैं. दो दिन पहले भी इस संबंध में पत्र लिखा था. उपराज्यपाल सचिवालय ने शनिवार को स्पष्ट किया था कि दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट की फटकार के डर से यह रिपोर्ट उपराज्यपाल को सौंपीं है. अब उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री आतिशी को पत्र लिख लंबित 14 सीएजी रिपोर्टों को तुरंत सदन के पटल पर रखने के लिए दिल्ली विधानसभा की विशेष बैठक बुलाने की बात कही है.

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को दिया निर्देश
बता दें कि उपराज्यपाल के पास जीएनसीटीडी अधिनियम, 1991 की धारा 48 के अनुसरण में निर्देश जारी करने का अधिकार है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि सीएजी रिपोर्ट्स शासन में पारदर्शिता की कसौटी है. इन्हें विधानमंडल के समक्ष शीघ्र रखना सरकार-एलजी के लिए संवैधानिक आदेश है. सरकार से भेजी गई रिपोर्ट को उन्होंने स्वीकृति प्रदान कर दी है. उपराज्यपाल ने लिखा है कि सीएजी रिपोर्ट को समय पर विधानसभा के समक्ष न रखकर सरकार अपने संवैधानिक दायित्व का निर्वहन करने में विफल रही है. ये सभी रिपोर्ट उस दौर की हैं जब अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री थे. इन 14 लंबित सीएजी रिपोर्टों में से 11 उस समय से संबंधित हैं जब अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री थे. रिपोर्ट में डीटीसी, सार्वजनिक स्वास्थ्य और मोहल्ला क्लीनिक, राज्य सार्वजनिक उपक्रमों पर रिपोर्ट शामिल हैं, जहां आप सरकार की भारी गड़बड़ियों और विफलताओं का विवरण दिया गया है.

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