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गाजियाबाद थाने में बदमाश कर रहे 'यस सर, यस मैडम' जानिए रोजाना क्यों लग रही अटेंडेंस

जिस तरह से स्कूली बच्चे स्कूल जाकर रोजाना अटेंडेंस लगाते हैं, उसी तरह से अब गाजियाबाद के बदमाश हिस्ट्रीशीटर रोजाना थाने में जाकर अपनी हाजिरी दर्ज करा रहे हैं. आखिर ऐसा क्यों पढ़िए इस खबरे में.

गाजियाबाद पुलिस
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Published : Apr 11, 2022, 11:03 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद : जिले में जितने भी शातिर बदमाश हैं वह सभी थाने में जाकर अपनी हाजिरी दर्ज करा रहे हैं. अलग-अलग थानों पर एसएसपी ने यह प्रक्रिया लागू कर दी है. आइए जानते हैं बदमाशों पर शिकंजा कसने के लिए शुरू की गई यह नई मुहिम किस तरह का असर छोड़ रही है.

गाजियाबाद एसएसपी मुनिराज ने बताया कि गाजियाबाद जिले में 1150 हिस्ट्रीशीटर हैं. उनकी क्रिमिनल हिस्ट्री को वेरीफाई करने के लिए उन्हें थाने पर बुलाकर हाजिरी लगवाई जा रही है. सभी एसएचओ और चौकी इंचार्ज को यह निर्देश दिए गए हैं कि इन सभी के पिछले 10 साल के रिकॉर्ड को खंगाला जाए. लूट, डकैती, हत्या जैसे संगीन मामलों में शामिल रहे बदमाशों को रोजाना थाने बुलाया जाता है. उनकी हाजिरी लगाई जाती है. अगर किसी ने आइडेंटिटी छिपाई होगी तो इससे उसका भी पता चल जाता है. ऐसे में लिस्ट भी तैयार की जा रही है. एसएसपी का कहना है कि इससे फायदा यह होगा कि क्राइम करने वालों में भय पैदा होगा. साथ ही उसके जेल जाने संबंधी मामले में प्रक्रिया क्या चल रही है. इसका भी पता लगाया जाता है. अगर कोई जमानत तोड़कर भागने की कोशिश कर रहा है, तो उस पर भी हाजिरी वाली प्रक्रिया से शिकंजा कसा जाएगा.

गाजियाबाद पुलिस
SSP मुनिराज ने बताया कि जो हिस्ट्रीशीटर थाने पर हाजिरी लगाने नहीं आ रहा उसके परिवार को कहा गया है कि जल्द से जल्द उसे थाने पर भेज दिया जाए नहीं तो बदमाश को पकड़ने के लिए बड़े स्तर पर अभियान चलाया जाएगा. थाने पर हाजिरी लगाने आने वाले हिस्ट्रीशीटर से अधिकारी खुद बात करके उनकी डिटेल ले रहे हैं. यह हिस्ट्रीशीटर थाने पर भीगी बिल्ली बनकर आते हैं और अपनी सारी डिटेल पुलिस को बताते हैं.


जाहिर है अपराध और अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस की यह मुहिम बेहद कारगर साबित हो सकती है. क्योंकि आमतौर पर किसी बड़े क्राइम को करने के लिए इलाके के हिस्ट्रीशीटर का सहारा लेने के मामले पहले भी कई बार सामने आ चुके हैं. मगर जब हिस्ट्रीशीटर के मन में रोजाना हाजिरी का खौफ होगा तो शायद वह इस तरह की वारदात में शामिल नहीं होगा क्योंकि उस पर मॉनिटरिंग भी बड़े स्तर पर की जा रही है.

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इसे भी पढ़ें: गाजियाबाद पुलिस ने मुठभेड़ के बाद बदमाश को किया गिरफ्तार

नई दिल्ली/गाजियाबाद : जिले में जितने भी शातिर बदमाश हैं वह सभी थाने में जाकर अपनी हाजिरी दर्ज करा रहे हैं. अलग-अलग थानों पर एसएसपी ने यह प्रक्रिया लागू कर दी है. आइए जानते हैं बदमाशों पर शिकंजा कसने के लिए शुरू की गई यह नई मुहिम किस तरह का असर छोड़ रही है.

गाजियाबाद एसएसपी मुनिराज ने बताया कि गाजियाबाद जिले में 1150 हिस्ट्रीशीटर हैं. उनकी क्रिमिनल हिस्ट्री को वेरीफाई करने के लिए उन्हें थाने पर बुलाकर हाजिरी लगवाई जा रही है. सभी एसएचओ और चौकी इंचार्ज को यह निर्देश दिए गए हैं कि इन सभी के पिछले 10 साल के रिकॉर्ड को खंगाला जाए. लूट, डकैती, हत्या जैसे संगीन मामलों में शामिल रहे बदमाशों को रोजाना थाने बुलाया जाता है. उनकी हाजिरी लगाई जाती है. अगर किसी ने आइडेंटिटी छिपाई होगी तो इससे उसका भी पता चल जाता है. ऐसे में लिस्ट भी तैयार की जा रही है. एसएसपी का कहना है कि इससे फायदा यह होगा कि क्राइम करने वालों में भय पैदा होगा. साथ ही उसके जेल जाने संबंधी मामले में प्रक्रिया क्या चल रही है. इसका भी पता लगाया जाता है. अगर कोई जमानत तोड़कर भागने की कोशिश कर रहा है, तो उस पर भी हाजिरी वाली प्रक्रिया से शिकंजा कसा जाएगा.

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SSP मुनिराज ने बताया कि जो हिस्ट्रीशीटर थाने पर हाजिरी लगाने नहीं आ रहा उसके परिवार को कहा गया है कि जल्द से जल्द उसे थाने पर भेज दिया जाए नहीं तो बदमाश को पकड़ने के लिए बड़े स्तर पर अभियान चलाया जाएगा. थाने पर हाजिरी लगाने आने वाले हिस्ट्रीशीटर से अधिकारी खुद बात करके उनकी डिटेल ले रहे हैं. यह हिस्ट्रीशीटर थाने पर भीगी बिल्ली बनकर आते हैं और अपनी सारी डिटेल पुलिस को बताते हैं.


जाहिर है अपराध और अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस की यह मुहिम बेहद कारगर साबित हो सकती है. क्योंकि आमतौर पर किसी बड़े क्राइम को करने के लिए इलाके के हिस्ट्रीशीटर का सहारा लेने के मामले पहले भी कई बार सामने आ चुके हैं. मगर जब हिस्ट्रीशीटर के मन में रोजाना हाजिरी का खौफ होगा तो शायद वह इस तरह की वारदात में शामिल नहीं होगा क्योंकि उस पर मॉनिटरिंग भी बड़े स्तर पर की जा रही है.

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