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चेतावनी! प्रशासन की लापरवाही से हो सकता है कोरोना विस्फोट, मेट्रो स्टेशनों के बाहर लंबी लाइन

दिल्ली-NCR में सिस्टम की लापरवाही से देश में कोरोना विस्फोट का खतरा बढ़ गया है. बस अड्डों पर और मेट्रो स्टेशन के बाहर भारी भीड़ जमा है. लोग कई कई घंटे तक लाइनों में खड़े हैं. ऐसे में एंट्री पाने के लिए धक्का-मुक्की भी हो रही है.

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Published : Jan 1, 2022, 8:35 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद : सिस्टम की लापरवाही देश में कोरोना विस्फोट का कारण बन सकती है. दिल्ली-NCR में पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम में घोर लापरवाही देखने को मिल रही है. ISBT से लेकर तमाम बस अड्डों पर यात्रियों की भारी भीड़ जमा है. बस पकड़ने के लिए लोगों को धक्का-मुक्की करनी पड़ रही है. इससे भी बुरा हाल मेट्रो स्टेशनों का है.

गाजियाबाद में मेट्रो स्टेशन के बाहर यात्रियों की लंबी-लंबी लाइनें लगी हुई हैं. एंट्री पाने के लिए लोग घंटों इतजार के बाद भारी धक्का-मुक्की कर रहे हैं. ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग की कल्पना भी बेमानी है. मेट्रो स्टेशनों और बस अड्डों पर सिस्टम नाम की कोई चीज नहीं बची है. मेट्रो प्रशासन ने भी बाहर भीड़ संभालने की कोई व्यवस्था नहीं की है. ऐसे में एक भी संक्रमित यात्री के संपर्क में आकर कोरोना का महाविस्फोट हो सकता है.

चेतावनी! प्रशासन की लापरवाही से हो सकता है कोरोना विस्फोट

दिल्ली-NCR के तमाम बाजारों और दूसरे सार्वजनिक स्थलों पर भीड़ कम होने का नाम नहीं ले रही है. गाजियाबाद की सब्जी मंडी और बस स्टैंड से लेकर तमाम बाजारों में भारी भीड़ देखने को मिल रही है. सोशल डिस्टेंसिंग की बातें बस कल्पना साबित हो रही हैं. मेट्रो रेल में यात्रियों के खड़े होकर सफर करने पर रोक लगा दी गई है. बसों में भी आधी क्षमता भर सवारियां भरी जा रही हैं. ऐसे में बस अड्डों और मेट्रो स्टेशनों के बाहर भारी भीड़ जमा हो रही है. क्यों कि न तो मेट्रो के फेरे बढ़ाए गए और न ही बसों की तादाद बढ़ाई गई है. सरकार के आधी दूरदर्शिता वाले इस फैसले का खामियाजा देश को भुगतना पड़ सकता है.

Corona explosion may occur due to negligence of administration
प्रशासन की लापरवाही से हो सकता है कोरोना विस्फोट, मेट्रो स्टेशनों के बाहर लंबी लाइन

कोरोना के नए वैरिएंट ओमीक्रोन के खतरे को देखते हुए ज्यादातर इलाकों में धारा 144 और नाइट कर्फ्यू लागू है. दिल्ली के कई इलाकों में ऑड-ईवन सिस्टम से दुकानें खोली जा रही हैं. इससे बाजारों में तो भीड़ कम हो गई है, लेकिन सिस्टम की लापरवाही से मेट्रो स्टेशनों के बाहर और बस अड्डों पर भारी भीड़ नजर आ रही है.

Corona explosion may occur due to negligence of administration
बस अड्डों पर और मेट्रो स्टेशन के बाहर भारी भीड़ जमा

मेट्रो स्टेशन में भीड़ कंट्रोल करने के लिए लोगों की एंट्री बीच-बीच में रोक दी जा रही है. जिससे बाहर हजारों लोगों की लंबी-लंबी लाइनें सुबह से शाम तक लगी रहती है. इस दौरान भारी धक्का-मुक्की हो रही है. मेट्रो स्टेशनों के बाहर इस तरह धक्का-मुक्की और लंबी कतारों को देखने वाला कोई नहीं है. आखिर इसका जिम्मेदार कौन होगा.

Corona explosion may occur due to negligence of administration
कोरोना के नए वैरिएंट को देखते हुए गाजियाबाद में नई तरह की वैक्सीन लग रही है

इसे भी पढ़ें : दिल्ली में यलो अलर्ट! मेट्रो स्टेशनों के बाहर लंबी लाइन, सोशल डिस्टेसिंग की धज्जियां उड़ीं

कोरोना के नए वैरिएंट को देखते हुए गाजियाबाद में नई तरह की वैक्सीन भी लगाई जा रही है. एडिशनल सीएमओ डॉक्टर नीरज अग्रवाल ने बताया कि यह वैक्सीन सुई की बजाय जेट इंजेक्टर के जरिए हर 28 दिन पर कुल तीन बार लगाई जाएगी. इस वैक्सीन को लगवाने में सुई का दर्द नहीं सहना होगा. यह वैक्सीन 15 से 18 साल तक के उन लोगों के लिए खास तौर से बनाई गई है. जिन्होंने अब तक कोई भी वैक्सीन नहीं लगवाई है. हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि 15 से 18 साल तक के ज्यादातर लोगों में कोरोना की एंटीबॉडी विकसित हो चुकी है. लिहाजा उन्हें वैक्सीन की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि वैक्सीन से ज्यादा जरूरी है मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग नियम का पालन करना. पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम में जिसकी जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.

नई दिल्ली/गाजियाबाद : सिस्टम की लापरवाही देश में कोरोना विस्फोट का कारण बन सकती है. दिल्ली-NCR में पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम में घोर लापरवाही देखने को मिल रही है. ISBT से लेकर तमाम बस अड्डों पर यात्रियों की भारी भीड़ जमा है. बस पकड़ने के लिए लोगों को धक्का-मुक्की करनी पड़ रही है. इससे भी बुरा हाल मेट्रो स्टेशनों का है.

गाजियाबाद में मेट्रो स्टेशन के बाहर यात्रियों की लंबी-लंबी लाइनें लगी हुई हैं. एंट्री पाने के लिए लोग घंटों इतजार के बाद भारी धक्का-मुक्की कर रहे हैं. ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग की कल्पना भी बेमानी है. मेट्रो स्टेशनों और बस अड्डों पर सिस्टम नाम की कोई चीज नहीं बची है. मेट्रो प्रशासन ने भी बाहर भीड़ संभालने की कोई व्यवस्था नहीं की है. ऐसे में एक भी संक्रमित यात्री के संपर्क में आकर कोरोना का महाविस्फोट हो सकता है.

चेतावनी! प्रशासन की लापरवाही से हो सकता है कोरोना विस्फोट

दिल्ली-NCR के तमाम बाजारों और दूसरे सार्वजनिक स्थलों पर भीड़ कम होने का नाम नहीं ले रही है. गाजियाबाद की सब्जी मंडी और बस स्टैंड से लेकर तमाम बाजारों में भारी भीड़ देखने को मिल रही है. सोशल डिस्टेंसिंग की बातें बस कल्पना साबित हो रही हैं. मेट्रो रेल में यात्रियों के खड़े होकर सफर करने पर रोक लगा दी गई है. बसों में भी आधी क्षमता भर सवारियां भरी जा रही हैं. ऐसे में बस अड्डों और मेट्रो स्टेशनों के बाहर भारी भीड़ जमा हो रही है. क्यों कि न तो मेट्रो के फेरे बढ़ाए गए और न ही बसों की तादाद बढ़ाई गई है. सरकार के आधी दूरदर्शिता वाले इस फैसले का खामियाजा देश को भुगतना पड़ सकता है.

Corona explosion may occur due to negligence of administration
प्रशासन की लापरवाही से हो सकता है कोरोना विस्फोट, मेट्रो स्टेशनों के बाहर लंबी लाइन

कोरोना के नए वैरिएंट ओमीक्रोन के खतरे को देखते हुए ज्यादातर इलाकों में धारा 144 और नाइट कर्फ्यू लागू है. दिल्ली के कई इलाकों में ऑड-ईवन सिस्टम से दुकानें खोली जा रही हैं. इससे बाजारों में तो भीड़ कम हो गई है, लेकिन सिस्टम की लापरवाही से मेट्रो स्टेशनों के बाहर और बस अड्डों पर भारी भीड़ नजर आ रही है.

Corona explosion may occur due to negligence of administration
बस अड्डों पर और मेट्रो स्टेशन के बाहर भारी भीड़ जमा

मेट्रो स्टेशन में भीड़ कंट्रोल करने के लिए लोगों की एंट्री बीच-बीच में रोक दी जा रही है. जिससे बाहर हजारों लोगों की लंबी-लंबी लाइनें सुबह से शाम तक लगी रहती है. इस दौरान भारी धक्का-मुक्की हो रही है. मेट्रो स्टेशनों के बाहर इस तरह धक्का-मुक्की और लंबी कतारों को देखने वाला कोई नहीं है. आखिर इसका जिम्मेदार कौन होगा.

Corona explosion may occur due to negligence of administration
कोरोना के नए वैरिएंट को देखते हुए गाजियाबाद में नई तरह की वैक्सीन लग रही है

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कोरोना के नए वैरिएंट को देखते हुए गाजियाबाद में नई तरह की वैक्सीन भी लगाई जा रही है. एडिशनल सीएमओ डॉक्टर नीरज अग्रवाल ने बताया कि यह वैक्सीन सुई की बजाय जेट इंजेक्टर के जरिए हर 28 दिन पर कुल तीन बार लगाई जाएगी. इस वैक्सीन को लगवाने में सुई का दर्द नहीं सहना होगा. यह वैक्सीन 15 से 18 साल तक के उन लोगों के लिए खास तौर से बनाई गई है. जिन्होंने अब तक कोई भी वैक्सीन नहीं लगवाई है. हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि 15 से 18 साल तक के ज्यादातर लोगों में कोरोना की एंटीबॉडी विकसित हो चुकी है. लिहाजा उन्हें वैक्सीन की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि वैक्सीन से ज्यादा जरूरी है मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग नियम का पालन करना. पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम में जिसकी जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.

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