नई दिल्ली/गाजियाबाद : छठ महापर्व के दूसरे दिन आज खरना है. इसी कड़ी में गाजियाबाद में छठ घाटों को सजाने का कार्य काफी तेज हो गया है. गाजियाबाद के साहिबाबाद स्थित छठ घाट के इर्द-गिर्द केले के पेड़ लगाए जा रहे हैं. इसके अलावा बृजघाट से ड्रमों में भरकर शाम तक गंगाजल पहुंच जाएगा. यहां मौजूद पुरोहित ने खरना और इन केले के पेड़ों का महत्व बताया. आइए जानते हैं खरना के दिन किस तरह से पूजा-अर्चना होगी.
पुरोहित अनिल दुबे ने बताया कि आज खरना है. छठ महापर्व चार दिनों तक मनाया जाता है. खरना की शाम श्रद्धालु घाट पर पहुंचेंगे. आज मुख्य रूप से घीया कि सब्जी बनाई जाती है. घाट पर आकर श्रद्धालु शाम के समय पूजा-अर्चना करेंगे. केले के वृक्ष का महत्व बताते हुए पुरोहित अनिल दुबे ने बताया कि केला ऐसा फल है, जो पवित्र फल होता है. इसलिए समिति के लोगों ने घाट के किनारे केले के पौधे लगाए हैं. गंगाजल की व्यवस्था भी आज शाम तक हो जाएगी, जिसमें गुलाब के फूल डाले जाएंगे.
साहिबाबाद के करहेड़ा स्थित घाट पर व्यवस्था को संभालने वाले रामबाबू का कहना है कि ब्रिज घाट से ड्रमों में भरकर गंगाजल लाया जा रहा है. गंगाजल को घाट में मौजूद जल में मिश्रित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि नगर निगम ने भी काफी मदद की है. इसके चलते स्वच्छ जल की व्यवस्था घाट के लिए बनाए गए तालाबों पर की गई है. गुलाब के फूलों को भी आज शाम तक यहां लाया जाएगा, जिन्हें जल में डाला जाएगा. छठी मैया के गीत संगीत की व्यवस्था भी घाट पर की जा रही है.
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सुरक्षा की दृष्टि से भी आयोजक और स्थानीय पुलिस ने सभी इंतजाम किए हैं. सभी घाटों पर सीसीटीवी से निगरानी की जा रही है. गाजियाबाद में कुल 67 घाट हैं, जहां पर व्यवस्था की गई है. नगर निगम ने पहले से ही सभी के सौंदर्यीकरण के लिए कार्य शुरू कर दिया था. महापर्व में किसी तरह का खलल न हो इसके लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिस भी तैनात रहेगी.