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गाजियाबाद: मोदीनगर में वकील ने की आत्मदाह की कोशिश, पुलिस ने बचाई जान - Modinagar Ghaziabad

मोदीनगर में ग्रामीण न्यायालय बनाने की मांग कर रहे वकील संजीव त्यागी ने आत्मदाह करने की कोशिश की. इससे पहले ही पुलिस प्रशासन और अन्य वकीलों ने उन्हें ऐसा करने से रोक लिया.

advocate sanjeev tyagi
वकील संजीव त्यागी
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Published : Feb 28, 2020, 8:25 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: मोदीनगर तहसील के वकील संजीव त्यागी ने आत्मदाह करने के लिए मिट्टी का तेल डालने की कोशिश की. हालांकि उससे पहले ही पुलिस प्रशासन और अन्य वकीलों ने उनकी जान बचा ली.

वकील संजीव त्यागी ने आत्मदाह करने की कोशिश की

वकील संजीव ने पहले ही चेतावनी दी थी कि वो आत्मदाह करेंगे. दरअसल, संजीव समेत मोदीनगर के ज्यादातर वकील ग्रामीण न्यायालय की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं और पिछले कई दिनों से तहसील में धरने पर बैठे हुए हैं.

'जान बच गई लेकिन धरना जारी'

वकील संजीव ने जो चेतावनी दी थी, उसे पूरा करने के लिए वो मिट्टी का तेल लेकर आए थे. पहले से मिली चेतावनी के चलते पुलिस प्रशासन अलर्ट था और फायर ब्रिगेड की गाड़ी भी लगाई गई थी.

जैसे ही संजीव ने सार्वजनिक तौर पर आत्मदाह करने की कोशिश करने के लिए मिट्टी का तेल निकालने की कोशिश की, उससे पहले ही पुलिस प्रशासन ने उन्हें रोक लिया. अन्य वकीलों ने भी अपने साथी की जान बचाने के लिए मदद का हाथ आगे बढ़ाया. हालांकि संजीव ने कहा है कि धरना लगातार जारी रहेगा.

'लोगों को मिले पास में इंसाफ'

वकीलों का कहना है कि छोटे-छोटे मामलों में सुनवाई के लिए लोगों को मोदीनगर से कई किलोमीटर दूर गाजियाबाद जाना पड़ता है. अगर मोदीनगर में ही तहसील परिसर के भीतर ग्रामीण कोर्ट की स्थापना हो जाएगी, तो लोगों को पास में और जल्दी इंसाफ मिल पाएगा.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: मोदीनगर तहसील के वकील संजीव त्यागी ने आत्मदाह करने के लिए मिट्टी का तेल डालने की कोशिश की. हालांकि उससे पहले ही पुलिस प्रशासन और अन्य वकीलों ने उनकी जान बचा ली.

वकील संजीव त्यागी ने आत्मदाह करने की कोशिश की

वकील संजीव ने पहले ही चेतावनी दी थी कि वो आत्मदाह करेंगे. दरअसल, संजीव समेत मोदीनगर के ज्यादातर वकील ग्रामीण न्यायालय की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं और पिछले कई दिनों से तहसील में धरने पर बैठे हुए हैं.

'जान बच गई लेकिन धरना जारी'

वकील संजीव ने जो चेतावनी दी थी, उसे पूरा करने के लिए वो मिट्टी का तेल लेकर आए थे. पहले से मिली चेतावनी के चलते पुलिस प्रशासन अलर्ट था और फायर ब्रिगेड की गाड़ी भी लगाई गई थी.

जैसे ही संजीव ने सार्वजनिक तौर पर आत्मदाह करने की कोशिश करने के लिए मिट्टी का तेल निकालने की कोशिश की, उससे पहले ही पुलिस प्रशासन ने उन्हें रोक लिया. अन्य वकीलों ने भी अपने साथी की जान बचाने के लिए मदद का हाथ आगे बढ़ाया. हालांकि संजीव ने कहा है कि धरना लगातार जारी रहेगा.

'लोगों को मिले पास में इंसाफ'

वकीलों का कहना है कि छोटे-छोटे मामलों में सुनवाई के लिए लोगों को मोदीनगर से कई किलोमीटर दूर गाजियाबाद जाना पड़ता है. अगर मोदीनगर में ही तहसील परिसर के भीतर ग्रामीण कोर्ट की स्थापना हो जाएगी, तो लोगों को पास में और जल्दी इंसाफ मिल पाएगा.

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