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NCR में आनंद विहार सबसे प्रदूषित, गाजियाबाद में GRAP के उलंघन पर होगी कार्रवाई

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Published : Oct 3, 2022, 7:09 PM IST

Updated : Oct 3, 2022, 8:13 PM IST

गाजियाबाद में प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्‍शन प्‍लान (graded response action plan) यानी ग्रैप लागू किया गया है. ग्रेप के नियमों का उलंघन करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है.

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गाजियाबाद में प्रदूषण

नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली एनसीआर में अक्टूबर का महीना शुरू होते ही प्रदूषण (Pollution Level Rises In NCR) सर उठाना शुरू कर देता है. रविवार के मुकाबले सोमवार को दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण स्तर में थोड़ी बहुत गिरावट देखने को मिली. दिल्ली के आनंद विहार इलाके का प्रदूषण स्तर फिलहाल Red Zone (अत्यंत खराब श्रेणी) में बरकरार है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 126, गाजियाबाद का 136, नोएडा का 129 और ग्रेटर नोएडा का 136 AQI दर्ज किया गया है. दिल्ली के आनंद विहार इलाके का प्रदूषण स्तर 374 AQI दर्ज किया गया है जोकि डार्क रेड जोन में है.

गाजियाबाद के नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़ के मुताबिक एक अक्टूबर से ग्रेप लागू हो गया है. ग्रेप को लेकर नगर निगम की तैयारियां पूरी हैं. जोनल स्तर पर टीमों का गठन कर दिया गया है. जोनल अधिकारियों को जोन का (ग्रेप का) नोडल अधिकारी बनाकर जिम्मेदारी दी गई है. नगर निगम के पास पांच एन्टी स्मोग, तीन वाटर स्प्रिंकलर्स, पांच स्टेशनरी एन्टी स्मोग मशीन हैं. सभी जोनों चार हजार से अधिक सफाई कर्मचारी, 200 से अधिक सफाई नायक समेत पांच इंस्पेक्टर हैं. ग्रेप को लेकर नगर निगम क्षेत्रान्तर्गत व्यापक प्रचार प्रसार किया जा रहा है. ग्रेप को प्रभावी तरीके से लागू कराने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है. ग्रेप के नियमों का उलंघन करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है.

गाजियाबाद में प्रदूषण का स्तर
विशेषज्ञों के मुताबिक, हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डायऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.प्रदूषण बढ़ने पर बरते ये सावधानियां
  • बच्चे, बुजुर्ग और दमा रोगी सुबह और शाम को न टहलें.
  • घर से मास्लगाकर ही बाहर निकलें.
  • दमे के रोगी इन्हेलर का नियमित इस्तेमाल करें.
  • दमे के रोगी दवा का नियमित सेवन करें.
  • शाम को गर्म पानी का भाप लें.
  • गले में खराश होने पर गुनगुने पानी से गरारा करें.

ये भी पढ़ें : प्रदूषण कम करने के लिए निगम ने शुरू किया Lungs of Ghaziabad , दमघोटु हवा से मिलेगी निजात

एयर क्वालिटी इंडेक्स जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है.

ये भी पढ़ें : येलो लाइन के तीन मेट्रो स्टेशन रहेंगे रविवार को बंद, जानिए टाइम टेबल

नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली एनसीआर में अक्टूबर का महीना शुरू होते ही प्रदूषण (Pollution Level Rises In NCR) सर उठाना शुरू कर देता है. रविवार के मुकाबले सोमवार को दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण स्तर में थोड़ी बहुत गिरावट देखने को मिली. दिल्ली के आनंद विहार इलाके का प्रदूषण स्तर फिलहाल Red Zone (अत्यंत खराब श्रेणी) में बरकरार है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 126, गाजियाबाद का 136, नोएडा का 129 और ग्रेटर नोएडा का 136 AQI दर्ज किया गया है. दिल्ली के आनंद विहार इलाके का प्रदूषण स्तर 374 AQI दर्ज किया गया है जोकि डार्क रेड जोन में है.

गाजियाबाद के नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़ के मुताबिक एक अक्टूबर से ग्रेप लागू हो गया है. ग्रेप को लेकर नगर निगम की तैयारियां पूरी हैं. जोनल स्तर पर टीमों का गठन कर दिया गया है. जोनल अधिकारियों को जोन का (ग्रेप का) नोडल अधिकारी बनाकर जिम्मेदारी दी गई है. नगर निगम के पास पांच एन्टी स्मोग, तीन वाटर स्प्रिंकलर्स, पांच स्टेशनरी एन्टी स्मोग मशीन हैं. सभी जोनों चार हजार से अधिक सफाई कर्मचारी, 200 से अधिक सफाई नायक समेत पांच इंस्पेक्टर हैं. ग्रेप को लेकर नगर निगम क्षेत्रान्तर्गत व्यापक प्रचार प्रसार किया जा रहा है. ग्रेप को प्रभावी तरीके से लागू कराने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है. ग्रेप के नियमों का उलंघन करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है.

गाजियाबाद में प्रदूषण का स्तर
विशेषज्ञों के मुताबिक, हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डायऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.प्रदूषण बढ़ने पर बरते ये सावधानियां
  • बच्चे, बुजुर्ग और दमा रोगी सुबह और शाम को न टहलें.
  • घर से मास्लगाकर ही बाहर निकलें.
  • दमे के रोगी इन्हेलर का नियमित इस्तेमाल करें.
  • दमे के रोगी दवा का नियमित सेवन करें.
  • शाम को गर्म पानी का भाप लें.
  • गले में खराश होने पर गुनगुने पानी से गरारा करें.

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एयर क्वालिटी इंडेक्स जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है.

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Last Updated : Oct 3, 2022, 8:13 PM IST
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