नई दिल्ली : ग़ाज़ियाबाद में चुनावी सीजन के दौरान देश की सुरक्षा से खिलवाड़ का मामला सामने आया है. पुलिस ने दो महिलाओं समेत सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि इन लोगों ने फर्जी एड्रेस पर करीब 30 हज़ार लोगों के आधार कार्ड बनाए हैं. सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि जिन लोगों के आधार कार्ड बनाए गए हैं, वे भारत के नागरिक नहीं हैं. इनमें अधिकतर लोग नेपाल और बांग्लादेश के रहने वाले बताए जा रहे हैं. यह पूरा गैंग आसाम से ऑपरेट किया जा रहा था. जिसके 7 सदस्य गाजियाबाद के रहने वाले हैं. पुलिस ने इन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. ग़ाज़ियाबाद का गैंग सुनीता नाम की महिला ऑपरेट करती थी.
पुलिस ने शहर के एक्सप्रेस मार्केट के एक ऑफिस में छापा मारकर इस गैंग का पर्दाफाश किया है. गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने ये कार्रवाई की है. मौके से गिरफ्तार 7 आरोपियों में दो महिलाएं भी शामिल हैं. सुनीता नाम की महिला इस पूरे गैंग को ऑपरेट कर रही थी. पूछताछ में आरोपियों ने बताया है कि इनका सरगना आसाम में रहता है. ये पूरा गैंग एक एप के माध्यम से उसके संपर्क में रहता है.
आधार की वेबसाइट पर लॉग इन करने के लिए आसाम में बैठे सेंटर संचालक की आंखों की रेटिना का फोटो इस्तेमाल किया जाता था. उसका थंब इंप्रेशन ग्लू गन के माध्यम से लिया जाता था. इस तरह इस गैंग ने हजारों लोगों के फर्जी दस्तावेज तैयार किए हैं. इसके लिए ये गैंस 5000 रुपए तक वसूलता था. दस्तावेजों का सत्यापन करने के लिए इस गैंग ने पार्षदों के फर्जी स्टैंप भी बनवा रखे हैं. पुलिस का दावा है कि इस गैंग ने अब तक करीब तीस हजार लोगों का फर्जी दस्तावेज तैयार किया है.
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ग़ाज़ियाबाद पुलिस ने इस मामले की जानकारी UIDAI के साथ ही आसाम पुलिस को भी दे दी है. फिलहाल आरोपियों के खिलाफ कई संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज करके पूछताछ की जा रही है. पुलिस इस मामले में अभी आगे की तफ्तीश कर रही है. उम्मीद है कि आसाम में बैठे सरगना की गिरफ्तारी के बाद कई बड़े खुलासे हो सकते हैं.