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पलवल: नौकरी बहाली की मांग को लेकर पीटीआई शिक्षकों का अनशन

पलवल में नौकरी बहाली की मांग को लेकर पीटीआई शिक्षकों का क्रमिक अनशन 37वें दिन भी जारी रहा. इनका कहना है कि पीटीआई शित्रकों को केवल राजनीतिक प्रतिशोध में बलि का बकरा बनाया जा रहा है.

PTI teachers protest in Palwal
पीटीआई शिक्षकों का अनशन
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Published : Jul 22, 2020, 3:13 PM IST

नई दिल्ली/पलवल: हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ और शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति के संयोजन में नौकरी बहाली की मांग को लेकर क्रमिक अनशन 37वें दिन भी जारी रहा. शारीरिक शिक्षकों ने वातावरण की शुद्धि एवं सरकार को सद्बुद्धि देने के लिए हवन यज्ञ किया. साथ ही भगवान से रोजगार बचाने की प्रार्थना भी की.

नौकरी बहाली की मांग को लेकर शिक्षकों का अनशन

हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के प्रधान वेदपाल और महासचिव गीतेश कुमार ने कहा कि वैसे तो सरकार जनहितेषी होने का दावा करती है, लेकिन साथ ही 1983 परिवारों को उजाड़ कर खुद इस दावे की हवा निकाल रही है. व्यवस्था की लापरवाही से दस वर्ष तक नियमित और संतोषजनक नौकरी करने के बाद पीटीआई खाक छानने को मजबूर हैं और इनके परिवारों के साथ घोर अन्याय हुआ है.

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार से अपील है कि सरकार आइडियल रवैये को त्याग कर पीटीआई की समस्याओं पर गंभीरता से विचार करे और मानवीय दृष्टिकोण रखते हुए विधानसभा में अध्यादेश लाकर सेवा शुरक्षा प्रदान करे. उन्होंने कहा कि पीटीआई को केवल राजनीतिक प्रतिशोध में बलि का बकरा बनाया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि अगर सरकार चाहे तो हमारे डॉक्यूमेंट की दोबारा जांच करवा सकती है, लेकिन उनके द्वारा सदैव दोबारा से परीक्षा करवाने का पूर्ण रूप से बहिष्कार किया जाएगा और अगर जल्द सरकार द्वारा उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया, तो वो बड़े स्तर आंदोलन करेंगे. जिसकी जिम्मेदार सरकार खुद होगी.

नई दिल्ली/पलवल: हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ और शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति के संयोजन में नौकरी बहाली की मांग को लेकर क्रमिक अनशन 37वें दिन भी जारी रहा. शारीरिक शिक्षकों ने वातावरण की शुद्धि एवं सरकार को सद्बुद्धि देने के लिए हवन यज्ञ किया. साथ ही भगवान से रोजगार बचाने की प्रार्थना भी की.

नौकरी बहाली की मांग को लेकर शिक्षकों का अनशन

हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के प्रधान वेदपाल और महासचिव गीतेश कुमार ने कहा कि वैसे तो सरकार जनहितेषी होने का दावा करती है, लेकिन साथ ही 1983 परिवारों को उजाड़ कर खुद इस दावे की हवा निकाल रही है. व्यवस्था की लापरवाही से दस वर्ष तक नियमित और संतोषजनक नौकरी करने के बाद पीटीआई खाक छानने को मजबूर हैं और इनके परिवारों के साथ घोर अन्याय हुआ है.

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार से अपील है कि सरकार आइडियल रवैये को त्याग कर पीटीआई की समस्याओं पर गंभीरता से विचार करे और मानवीय दृष्टिकोण रखते हुए विधानसभा में अध्यादेश लाकर सेवा शुरक्षा प्रदान करे. उन्होंने कहा कि पीटीआई को केवल राजनीतिक प्रतिशोध में बलि का बकरा बनाया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि अगर सरकार चाहे तो हमारे डॉक्यूमेंट की दोबारा जांच करवा सकती है, लेकिन उनके द्वारा सदैव दोबारा से परीक्षा करवाने का पूर्ण रूप से बहिष्कार किया जाएगा और अगर जल्द सरकार द्वारा उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया, तो वो बड़े स्तर आंदोलन करेंगे. जिसकी जिम्मेदार सरकार खुद होगी.

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