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पलवल: पर्यावरण सचेतक समिति ने बनाया अनोखा घोंसला - paryavaran sachetak nest news

पलवल में पर्यावरण सचेतक समिति ने पक्षियों की सेवा के लिए अनोखा घोंसला बनाया है. इस घोंसले को टीन के पीपों से बनाया गया है. इस घोंसले में दाना और पानी दोनों ही चीजों के रखने की व्यवस्था है.

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पर्यावरण सचेतक समिति
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Published : May 31, 2020, 10:10 PM IST

नई दिल्ली/पलवल: गर्मी के मौसम में पक्षियों की भूख-प्यास मिटाने के लिए पर्यावरण सचेतक समिति ने बड़ा ही सरहानीय कदम उठाया है. पलवल में ये समिति टीन के पीपों से घोंसले बनाकर पेड़ों पर लगाती है. इन घोंसले की बनावट भी ऐसी है कि इसमें एक तरफ दाना तो दूसरी तरफ पानी का इंतजाम किया जाता है.

पक्षियों की सेवा के लिए अनोखा घोंसला बनाया

बता दें कि टीन से तैयार घोंसलों में दाना और पानी की व्यवस्था की गई है, ताकि पक्षियों को एक ही स्थान पर खाना मिल सके. पर्यावरण सचेतक समिति के संयोजक आचार्य राम कुमार बघेल अपनी टीम के साथ बीमार और घायल पक्षियों का उपचार भी करते हैं. ये समिति खाली पीपों को खुद काटकर इस तरह के घोंसले तैयार करती है.

घोंसले बनाने का काम हर जगह शुरू कर दिया

बघेल ने बताया कि पिछले दस साल से पशु पक्षियों की सेवा करने में लगे हुए हैं. घोंसले के लिए वे हलवाइयों की दुकानों पर जाकर खाली टीन के पीपों को खरीद कर घर लाते हैं. ग्राइंडर की मदद से एक डिजाइन के अनुसार पीपों की कटाई कर एक घोंसला तैयार करते हैं. घोंसला ऐसे बनाया जाता है कि इसे पेड़ पर आसानी से लटकाया जा सके. टीन से बने घोंसलों में दाना डालने की जगह बनाई गई है. इसके साथ पानी के लिए अलग से जगह बनाई गई है.

टीन के घोंसलों में बैठने पर पक्षियों का बारिश से भी बचाव हो सकेगा. उन्होंने बताया कि इस तरह के घोंसले बनाने का काम हर जगह शुरू कर दिया है. इसके अलावा घर पर मौजूद वेस्ट मैटेरियल जैसे गत्ते के बॉक्स, शादी कार्ड, टोकरी सहित अन्य सामान का सदुपयोग कर पक्षियों के घोंसले बनाकर पेड़ों पर जगह जगह लगाए जा रहे हैं.

उन्होंने बताया कि बेजुबान पक्षियों की मदद कर पर्यावरण को बचाया जा सकता है. इसके अलावा घायल पक्षियों का इलाज भी किया जाता है. उन्होंने लोगों से इस अभियान से जुड़ने की अपील की, ताकि पर्यावरण को बचाया जा सके.

नई दिल्ली/पलवल: गर्मी के मौसम में पक्षियों की भूख-प्यास मिटाने के लिए पर्यावरण सचेतक समिति ने बड़ा ही सरहानीय कदम उठाया है. पलवल में ये समिति टीन के पीपों से घोंसले बनाकर पेड़ों पर लगाती है. इन घोंसले की बनावट भी ऐसी है कि इसमें एक तरफ दाना तो दूसरी तरफ पानी का इंतजाम किया जाता है.

पक्षियों की सेवा के लिए अनोखा घोंसला बनाया

बता दें कि टीन से तैयार घोंसलों में दाना और पानी की व्यवस्था की गई है, ताकि पक्षियों को एक ही स्थान पर खाना मिल सके. पर्यावरण सचेतक समिति के संयोजक आचार्य राम कुमार बघेल अपनी टीम के साथ बीमार और घायल पक्षियों का उपचार भी करते हैं. ये समिति खाली पीपों को खुद काटकर इस तरह के घोंसले तैयार करती है.

घोंसले बनाने का काम हर जगह शुरू कर दिया

बघेल ने बताया कि पिछले दस साल से पशु पक्षियों की सेवा करने में लगे हुए हैं. घोंसले के लिए वे हलवाइयों की दुकानों पर जाकर खाली टीन के पीपों को खरीद कर घर लाते हैं. ग्राइंडर की मदद से एक डिजाइन के अनुसार पीपों की कटाई कर एक घोंसला तैयार करते हैं. घोंसला ऐसे बनाया जाता है कि इसे पेड़ पर आसानी से लटकाया जा सके. टीन से बने घोंसलों में दाना डालने की जगह बनाई गई है. इसके साथ पानी के लिए अलग से जगह बनाई गई है.

टीन के घोंसलों में बैठने पर पक्षियों का बारिश से भी बचाव हो सकेगा. उन्होंने बताया कि इस तरह के घोंसले बनाने का काम हर जगह शुरू कर दिया है. इसके अलावा घर पर मौजूद वेस्ट मैटेरियल जैसे गत्ते के बॉक्स, शादी कार्ड, टोकरी सहित अन्य सामान का सदुपयोग कर पक्षियों के घोंसले बनाकर पेड़ों पर जगह जगह लगाए जा रहे हैं.

उन्होंने बताया कि बेजुबान पक्षियों की मदद कर पर्यावरण को बचाया जा सकता है. इसके अलावा घायल पक्षियों का इलाज भी किया जाता है. उन्होंने लोगों से इस अभियान से जुड़ने की अपील की, ताकि पर्यावरण को बचाया जा सके.

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